संत प्रेमानंद महाराज के प्रवचन का AI से दुरुपयोग, आश्रम ने जारी की ये चेतावनी
वृंदावन, 7 अप्रैल 2025: वृंदावन धाम के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के प्रवचनों और आवाज का कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के जरिए दुरुपयोग होने की खबर ने उनके भक्तों और आश्रम प्रबंधन को चिंता में डाल दिया है। कुछ अज्ञात लोग उनकी आवाज की नकल करके भ्रामक वीडियो और सामग्री तैयार कर रहे हैं, जिसका इस्तेमाल अपने निजी प्रचार-प्रसार के लिए किया जा रहा है। इस गंभीर मामले को लेकर श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम ने एक आधिकारिक चेतावनी जारी की है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
क्या है पूरा मामला?
संत प्रेमानंद महाराज, जो अपने प्रेरक प्रवचनों और भक्ति भाव के लिए देश-विदेश में लाखों भक्तों के बीच लोकप्रिय हैं, हाल ही में AI तकनीक के दुरुपयोग का शिकार हुए हैं। सोशल मीडिया पर उनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कुछ शरारती तत्वों ने उनकी आवाज को नकली तरीके से उत्पन्न करने के लिए AI टूल्स का सहारा लिया है। इन नकली वीडियो में संत के प्रवचनों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है और गलत संदर्भ में इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे न केवल उनकी छवि को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि भक्तों की भावनाएं भी आहत हो रही हैं।
आश्रम प्रबंधन के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब संत के नाम का गलत इस्तेमाल हुआ हो। इससे पहले फरवरी 2025 में भी आश्रम को ठगी और भ्रामक प्रचार के खिलाफ एक एडवाइजरी जारी करनी पड़ी थी। लेकिन अब AI के दुरुपयोग ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
आश्रम की चेतावनी
श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “कुछ अराजक तत्व प्रेमानंद महाराज की आवाज और प्रवचनों का AI के जरिए दुरुपयोग कर रहे हैं। ये लोग नकली वीडियो बनाकर अपने निजी हितों के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हम सभी भक्तों और शुभचिंतकों से अपील करते हैं कि ऐसी सामग्री पर विश्वास न करें और इसे तुरंत रिपोर्ट करें।”
आश्रम ने यह भी स्पष्ट किया कि संत प्रेमानंद महाराज या उनके आश्रम की ओर से कोई भी आधिकारिक सामग्री केवल उनके अधिकृत चैनलों और मंचों के जरिए ही जारी की जाती है। किसी भी संदिग्ध वीडियो या ऑडियो को लेकर भक्तों से सावधानी बरतने और आश्रम से संपर्क करने को कहा गया है।

भक्तों में आक्रोश
इस खबर के सामने आने के बाद संत के भक्तों में गुस्सा और चिंता का माहौल है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस दुरुपयोग की निंदा की है और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। एक भक्त ने लिखा, “यह बेहद शर्मनाक है कि तकनीक का इस्तेमाल संतों की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है। यह साइबर अपराध है और इसके खिलाफ कठोर कदम उठने चाहिए।” कई अन्य लोगों ने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।
AI का दुरुपयोग: एक बढ़ती समस्या
AI तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही इसके दुरुपयोग के मामले भी सामने आ रहे हैं। डीपफेक वीडियो, नकली आवाजें और भ्रामक सामग्री तैयार करना अब आसान हो गया है, जिसका शिकार आम लोग से लेकर मशहूर हस्तियां तक बन रहे हैं। संत प्रेमानंद महाराज का मामला इस बात का ताजा उदाहरण है कि कैसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए भी इस तकनीक का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके खिलाफ कड़े कानून और जागरूकता ही इस समस्या से निपट सकते हैं।
संत प्रेमानंद महाराज कौन हैं?
संत प्रेमानंद महाराज वृंदावन के एक सम्मानित संत हैं, जो राधा-कृष्ण की भक्ति और जीवन के मूल्यों पर अपने प्रवचनों के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म कानपुर के पास सरसौल गांव में हुआ था और बचपन से ही उनका झुकाव अध्यात्म की ओर था। वृंदावन में श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम उनका मुख्य केंद्र है, जहां हर साल लाखों भक्त उनके दर्शन और सत्संग के लिए आते हैं। उनकी रात्रिकालीन पदयात्राएं और प्रवचन सोशल मीडिया पर भी बेहद लोकप्रिय हैं।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वृंदावन पुलिस ने भी जांच शुरू करने का भरोसा दिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “अगर कोई संत की आवाज या छवि का गलत इस्तेमाल कर रहा है, तो यह साइबर अपराध की श्रेणी में आता है। हम इसकी जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।” हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई ठोस सुराग या गिरफ्तारी की खबर सामने नहीं आई है।
आगे क्या?
आश्रम प्रबंधन ने भक्तों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध सामग्री को देखते ही उसकी जानकारी आश्रम को दें ताकि इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रिपोर्ट किया जा सके। साथ ही, यह भी कहा गया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।
