रूस-यूक्रेन युद्ध: पुतिन ने पत्रकारों को ‘सुरक्षित रास्ता’ देने का आदेश दिया, रक्षा मंत्रालय तैयार
मॉस्को, 31 अक्टूबर 2025: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक अप्रत्याशित कदम उठाया। उन्होंने रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया कि विदेशी और यूक्रेनी पत्रकारों को क्रास्नोअर्मेस्क, दिमित्रोव और कुप्यांस्क जैसे घिरे इलाकों में सुरक्षित पहुंच दी जाए, जहां रूसी सेना ने यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिया है। यह फैसला रूसी दावों को अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने साबित करने का प्रयास लगता है। लेकिन क्या यह प्रोपेगैंडा का नया हथियार है? आइए, तीन हिस्सों में इस आदेश के पीछे की वजह और प्रभाव को समझते हैं।
पुतिन का आदेश और रक्षा मंत्रालय का बयान
30 अक्टूबर को रूसी रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के सर्वोच्च कमांडर के रूप में निर्देश पर विदेशी पत्रकारों (यूक्रेन सहित) को क्रास्नोअर्मेस्क (पोक्रोव्स्क), दिमित्रोव (मिरनोग्राड) और कुप्यांस्क में घिरे यूक्रेनी सैनिकों की स्थिति दिखाने के लिए निर्बाध पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। मंत्रालय ने TASS और RIA Novosti को बताया कि पत्रकारों के अनुरोध पर यूक्रेनी कमांड से समन्वय कर 5-6 घंटे के लिए शत्रुता रुकवाई जा सकती है। प्रवेश-निकास कॉरिडोर प्रदान किया जाएगा, बशर्ते पत्रकारों और रूसी सैनिकों की सुरक्षा गारंटीड हो। पुतिन ने कहा, “पत्रकार इन इलाकों का दौरा करें, यूक्रेनी सैनिकों से बात करें और स्थिति देखें—बिना किसी प्रोवोकेशन के।” यह कदम रूसी सेना की कथित सफलता को वैश्विक स्तर पर प्रमाणित करने का प्रयास है।
यूक्रेनी सैनिकों को घेरने का दावा और ड्रोन पर्चे
रूसी चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल वालेरी गेरासिमोव ने 27 अक्टूबर को पुतिन को ब्रीफिंग दी कि रूसी सैनिकों ने 10,000 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों को इन तीन इलाकों में घेर लिया है। रूसी टीवी चैनलों पर ड्रोन से गिराए गए पर्चे दिखाए गए, जिनमें यूक्रेनी सैनिकों से “अनावश्यक रक्तपात से बचने” के लिए आत्मसमर्पण की अपील की गई। पुतिन ने दावा किया कि रूसी सेना ने यूक्रेनी शहरों में सैनिकों को घेर लिया है। यूक्रेन के सैन्य अधिकारियों ने इसे खारिज किया, कहा कि रूस अपनी सफलताओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। यह पत्रकार पहुंच का ऑफर रूसी नैरेटिव को मजबूत करने का तरीका लगता है, जहां मीडिया को “वास्तविक स्थिति” दिखाने का वादा किया गया है।
यूक्रेन पर नया हमला और युद्ध का नया मोड़
इसी बीच, रूस ने 30 अक्टूबर को यूक्रेनी ऊर्जा ढांचे पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिससे पूरे यूक्रेन में बिजली गुल हो गई। अधिकारियों के अनुसार, हमलों से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, और देश अंधेरे में डूब गया। यह हमला सर्दियों से पहले यूक्रेन की कमजोरी को निशाना बनाने का प्रयास लगता है। पुतिन का मीडिया एक्सेस ऑफर यूक्रेन के इनकार के बाद आया, जो प्रोपेगैंडा युद्ध का हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पश्चिमी मीडिया को लुभाने का प्रयास है, लेकिन सुरक्षा गारंटी और यूक्रेनी समन्वय की शर्तें इसे जटिल बनाती हैं। युद्ध में अब मीडिया की भूमिका निर्णायक हो सकती है।