• October 14, 2025

रायबरेली में राहुल गांधी के दौरे से पहले तीखा पोस्टर वार: ‘जातिवाद बनाम राष्ट्रवाद’ की जंग

रायबरेली, 29 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के प्रस्तावित दौरे से पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है। शहर में जगह-जगह लगे पोस्टरों ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिनमें लिखा गया है, “तुम जातिवाद से तोड़ोगे, हम राष्ट्रवाद से जोड़ेंगे।” ये पोस्टर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेताओं द्वारा लगाए गए हैं, जो राहुल गांधी पर जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं। यह पोस्टर वार न केवल रायबरेली की सियासत को गर्म कर रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश में जाति और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर एक नई बहस को जन्म दे रहा है।
पोस्टर वार की पृष्ठभूमि
रायबरेली, जो गांधी परिवार का पारंपरिक गढ़ रहा है, में राहुल गांधी के दौरे की घोषणा के बाद से ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई थी। ‘एक्स’ पर उपलब्ध पोस्ट्स के अनुसार, यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा के मंडल अध्यक्ष हर्षित सिंह ने हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र में होर्डिंग्स और पोस्टर लगवाए। इन पोस्टरों में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा गया कि वे अपनी पिछली बैठकों में प्रशासनिक अधिकारियों की जाति को लेकर सवाल उठाकर जातिवादी राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। एक पोस्टर में लिखा गया, “जाको प्रिय राम न वैदेही, ताको वोट कोऊ न देही,” जिसका मतलब है कि जो लोग सही रास्ते पर नहीं हैं, उन्हें वोट नहीं मिलेगा।
भाजपा नेताओं का दावा है कि राहुल गांधी ने हाल ही में एक दिशा बैठक के दौरान अधिकारियों की जाति पर टिप्पणी की थी, जिसे वे रायबरेली की जनता को बांटने की कोशिश मानते हैं। इसके जवाब में, भाजपा ने राष्ट्रवाद के नारे को अपने पोस्टरों का आधार बनाया, जिसमें कहा गया कि वे जातिवाद के बजाय राष्ट्रवाद के जरिए लोगों को जोड़ेंगे।
राहुल गांधी का दौरा और विवाद
राहुल गांधी, जो रायबरेली से लोकसभा सांसद हैं, अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरे में उनकी योजना स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करने और विकास कार्यों की समीक्षा करने की है। हालांकि, उनके दौरे से पहले ही यह पोस्टर वार शुरू हो गया, जिसने उनके स्वागत को विवादास्पद बना दिया। अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये पोस्टर शहर के प्रमुख चौराहों और हरचंदपुर क्षेत्र में लगाए गए हैं, जहां से राहुल गांधी का काफिला गुजरने वाला है।
पोस्टरों में राहुल गांधी को निशाना बनाते हुए कहा गया है, “राहुल गांधी जी, हमारी रायबरेली को कृपया जातिवाद में मत उलझाएं।” भाजपा मंडल अध्यक्ष हर्षित सिंह ने बयान दिया कि राहुल गांधी की जातिवादी टिप्पणियां रायबरेली की शांति और एकता के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा, “हम रायबरेली को जाति के आधार पर नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद के आधार पर एकजुट रखना चाहते हैं।”
कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस ने इस पोस्टर वार को भाजपा की हताशा करार दिया है। स्थानीय कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने कभी भी जातिवादी राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया, बल्कि वे सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की बात करते हैं। एक कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “भाजपा के पास रायबरेली में कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस तरह के हथकंडे अपना रही है। राहुल गांधी का ध्यान रायबरेली के विकास पर है, न कि ऐसी ओछी राजनीति पर।”
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर पोस्टर लगाकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है, ताकि राहुल गांधी के दौरे को विवादों में घेरा जा सके। कुछ कार्यकर्ताओं ने ‘एक्स’ पर लिखा कि यह भाजपा की पुरानी रणनीति है, जिसमें वह विरोधियों को बदनाम करने के लिए भ्रामक प्रचार करती है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
यह पोस्टर वार रायबरेली में जाति और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर एक बड़ी बहस छेड़ सकता है। उत्तर प्रदेश में जाति आधारित राजनीति हमेशा से एक प्रमुख कारक रही है, और इस तरह के नारे दोनों पक्षों के समर्थकों को ध्रुवीकृत कर सकते हैं। ‘एक्स’ पर कुछ यूजर्स ने इस पोस्टर वार को भाजपा की रणनीति का हिस्सा बताया, जिसका मकसद राहुल गांधी की छवि को नुकसान पहुंचाना है। एक यूजर ने लिखा, “रायबरेली में राहुल गांधी की लोकप्रियता से भाजपा डर गई है, इसलिए यह पोस्टर वार शुरू किया गया।”
वहीं, कुछ यूजर्स ने भाजपा के नारे का समर्थन करते हुए कहा कि जातिवाद की राजनीति को खत्म करना जरूरी है। एक अन्य यूजर ने लिखा, “राहुल गांधी की जाति आधारित टिप्पणियां गलत थीं। भाजपा का यह कदम सही दिशा में है।” हालांकि, इन पोस्ट्स की सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकती, और ये केवल सोशल मीडिया पर मौजूदा भावनाओं को दर्शाते हैं।
रायबरेली का सियासी इतिहास
रायबरेली लंबे समय से कांग्रेस का गढ़ रहा है, जहां से इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी, और अब राहुल गांधी सांसद रहे हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में भाजपा ने इस क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश की है। 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने रायबरेली से जीत हासिल की थी, लेकिन भाजपा ने विधानसभा स्तर पर इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की है। इस पोस्टर वार को भाजपा की उस रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जिसके तहत वह गांधी परिवार के प्रभाव को कम करना चाहती है।
आगे क्या?
राहुल गांधी के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। रायबरेली पुलिस ने पोस्टर वार को लेकर किसी भी तरह के तनाव से बचने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की हिंसा या उकसावे की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विश्लेषकों का मानना है कि यह पोस्टर वार स्थानीय स्तर पर सीमित रह सकता है, लेकिन इसका प्रभाव उत्तर प्रदेश की व्यापक राजनीति पर पड़ सकता है। खासकर, 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियां रायबरेली में अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश में हैं।
Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *