• October 19, 2025

रैगिंग गंभीर प्रकृति का अपराध: डॉ. सुभाष अग्रवाल

 रैगिंग गंभीर प्रकृति का अपराध: डॉ. सुभाष अग्रवाल

हरिद्वार स्थित चमनलाल महाविद्यालय में रैगिंग निषेध समिति के तत्वावधान में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। विशेष व्याख्यान में शुक्रवार को अधिवक्ता और शिक्षाविद डॉ. सुभाष अग्रवाल ने कहा कि रैगिंग गंभीर प्रकृति का अपराध है। रैगिंग में शामिल होने वाले युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। उन्होंने छात्रों से कहा कि रैगिंग के मामलों में चुप न रहें, सही जगह पर शिकायत जरूर करें।

मुख्य वक्ता डॉ. सुभाष अग्रवाल ने कहा कि दरअसल रैगिंग की घटनाएं सारी सीमाएं तोड़ने पर उतर आई हैं। उन्होंने कहा कि भारत में रैगिंग का स्वरूप बदला लेने और पीड़ा पहुंचाने में बदल गया है। ऐसे सभी मामलों में तत्काल शिकायत की जानी चाहिए। यदि संस्थान के स्तर पर राहत न मिले तो पुलिस में एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।

विशेष व्याख्यान से पूर्व महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा ने कहा कि विगत दशकों में रैगिंग के मामले तेजी से बढ़े हैं। रैगिंग उन जगह पर भी है जहां पर उसे नहीं होना चाहिए। रैगिंग में छात्र अक्सर एक-दूसरे की भावनाओं को नहीं समझते। पढ़े-लिखे युवाओं में ऐसी भावना नहीं होनी चाहिए जिससे किसी दूसरे को हानि हो।

प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि यह विदेश से कॉपी की गई प्रथाओं में से एक है। शुरू में रैगिंग के पीछे का विचार हानिरहित और स्वस्थ मनोरंजन के जरिए नए और पुराने छात्रों के बीच मजबूत संबंध बनाना था। जैसे-जैसे समय बीतता गया, यह प्रथा दुःस्वप्न में बदल गई। परिणामस्वरूप हर साल रैगिंग के शिकार लोगों द्वारा आत्महत्या करने, स्कूल छोड़ने और मानसिक बीमारी की खबरें आती हैं। सह-शिक्षा संस्थानों में लड़कियों के खिलाफ होने वाले रैगिंग अपराधों में सबूतों के अभाव में दोषियों को दंडित नहीं किया जा पाता है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में रैगिंग पर हर स्तर पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि हिंसक रैगिंग के कारण कई मौतें हुई हैं।

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *