• October 19, 2025

8 जिलों में बाढ़ जैसे हालात, गुरदासपुर में डूबने से दो बच्चों की मौत

 8 जिलों में बाढ़ जैसे हालात, गुरदासपुर में डूबने से दो बच्चों की मौत

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते डैम गेट खोलने के बाद पंजाब के आठ जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। ताजा हालात से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आपातकालीन बैठक बुला ली है। वहीं, गुरदासपुर में बाढ़ का पानी देखने गए दो बच्चे बह गए और उनकी मौत हो गई। पंजाब में सबसे अधिक गुरदासपुर, होशियारपुर, तरनतारन, अमृतसर, कपूरथला, फिरोजपुर आदि जिलों के हालात खराब हैं।

पौंग डैम से छोड़े पानी से गुरदासपुर में सबसे अधिक मार देखने को मिल रही है। गुरदासपुर के श्री हरगोबिंदपुरा में बरसाती नाले का पानी देखने गए दो बच्चे बह गए। जिससे उनकी मौत हो गई। प्रशासन ने गुरुवार को लाशों को बरामद कर लिया है जिनकी पहचान जसकरण सिंह (14) और दिलप्रीत सिंह (13) के रूप में हुई है। बच्चे घर से खेलने के लिए निकले थे और गांव में ही बरसाती नाले के पास पानी देखने चले गए। पानी का बहाव तेज होने कारण पानी में बह गए और उनकी मौत हो गई।

गुरदासपुर में स्कूल तथा अन्य शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। डीसी गुरदासपुर हिमांशु अग्रवाल ने लोगों को सुरक्षित जगह पर रहने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि पौंग डैम से तकरीबन 20 हजार क्यूसेक पानी को छोड़ना कम किया गया है। जिसके बाद गुरदासपुर व बाढ़ग्रस्त एरिया में 9 इंच तक पानी कम हुआ है। शाम तक और पानी कम होने के आसार हैं।

पौंग बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गुरदासपुर जिले में ब्यास नदी ने दीनानगर, गुरदासपुर और काहनूवान क्षेत्रों में लगभग 50 गांव जलमग्न हो गए हैं। जिनमें से लगभग 12 गांव विशेष रूप से गंभीर बाढ़ का सामना कर रहे हैं। 15 नावों वाली टीमों ने 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला।

अमृतसर के गांव शेरोबागा में लोगों के घर पानी की चपेट में आ गए। जिसके बाद एनडीआरएफ की टीमों ने 26 लोगों और 30 पालतू जानवरों को सुरक्षित निकाला। इसी दौरान गांव के गुरुघर में रखे श्री गुरुग्रंथ साहिब को भी सम्मान सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। अमृतसर के ब्यास में नदी खतरे के निशान 744 गेज को छू गई है, वहीं ब्यास नदी में पानी का बहाव 1.40 लाख क्यूसेक आंका जा रहा है। अमृतसर से आगे तरनतारन व फिरोजपुर में भी ब्यास का असर दिखने लगा है। तरनतारन में गांव धुंदा में धुस्सी बांध टूट गया है। जिससे 15 हजार एकड़ जमीन पानी में डूब गई है।

भाखड़ा का पानी सतलुज में आने के बाद रूपनगर में कई जगह पर धुस्सी बांध टूट गए। गांव बुर्ज में भी बांध टूटने के बाद हालात को काबू पाने का प्रयास जारी है। मंत्री हरजोत बैंस ने जानकारी दी कि बांधों को मजबूत करने का काम जारी है। एक लाख बोरी मिट्टी की भरी गई है।

रूपनगर के गांव चंदपुर बेले का रास्ता टूटने से गांव से संपर्क टूट गया था। लेकिन अब सहायता के लिए टीमें वहां पहुंच चुकी हैं। मंत्री बैंस ने बताया कि लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है। गांव रामगढ़ बेला और पट्टी शेक सिंह में भी रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है। सीएम भगवंत मान खुद पूरे काम को मॉनिटर कर रहे हैं। गांव सैंसोवाल व हरसाबेला में खतरा अभी भी बना हुआ है। इन दोनों गांवों तक आर्मी की टीमें भी भेजी जा रही हैं।

मंत्री बैंस ने बताया कि अगले 4 दिनों तक बीबीएमबी कंट्रोल्ड पानी छोड़ रहे हैं। यही कारण है कि सुबह पानी का स्तर अधिक होता है, लेकिन शाम होते-होते कम होने लगता है। कपूरथला के विधानसभा क्षेत्र भुलत्थ के गांवों में कई मवेशी बाढ़ के पानी में बह गए। वहीं, अब ब्यास ने अमृतसर, तरनतारन व फिरोजपुर में भी असर डालना शुरू कर दिया है।

इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डयूटी संभालें और लोगों को बचाएं। इस बीच मुख्यमंत्री ने आज उच्च अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें भी प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में उपायुक्तों व पुलिस अधिकारियों के सहयोग करने के निर्देश दिए हैं।

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Rama Niwash Pandey

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