• December 26, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन देशों का दौरा: जॉर्डन से शुरू हुई यात्रा, बिजनेस मीट में भारत-जॉर्डन साझेदारी और वैश्विक अवसरों पर जोर

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के चार दिवसीय विदेश दौरे पर हैं। इस महत्वपूर्ण कूटनीतिक यात्रा का पहला पड़ाव पश्चिम एशिया का अहम देश जॉर्डन है। जॉर्डन पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वहां आयोजित एक उच्चस्तरीय बिजनेस मीट को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने भारत और जॉर्डन के ऐतिहासिक संबंधों, आपसी विश्वास और भविष्य की आर्थिक संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। पीएम मोदी ने दोनों देशों के रिश्तों को केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी का मजबूत आधार बताया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जॉर्डन के संबंध ऐसे हैं, जहां इतिहास से उपजा भरोसा और भविष्य के आर्थिक अवसर एक-दूसरे से जुड़ते हैं। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत से अपील की कि वे जॉर्डन को एक रणनीतिक ‘ब्रिज’ के रूप में देखें और इसके माध्यम से वैश्विक बाजारों तक अपनी पहुंच को मजबूत करें।

भारत-जॉर्डन संबंध: इतिहास और विश्वास की मजबूत नींव

पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भारत और जॉर्डन के ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख करते हुए की। उन्होंने कहा कि भारत और जॉर्डन के बीच वर्षों से आपसी सम्मान, विश्वास और सहयोग का रिश्ता रहा है। दोनों देश शांति, स्थिरता और विकास के साझा मूल्यों में विश्वास रखते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा,
“दुनिया में कई देशों के साथ सीमाएं मिलती हैं और कई देशों के साथ बाजार मिलते हैं, लेकिन भारत और जॉर्डन के संबंध ऐसे हैं, जहां ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य के आर्थिक अवसर एक साथ मिलते हैं।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में ऐसे भरोसेमंद साझेदारों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जिनके साथ दीर्घकालिक सहयोग की संभावनाएं मौजूद हों।

जॉर्डन: सहयोग और तालमेल का सेतु

पीएम मोदी ने जॉर्डन की भौगोलिक और रणनीतिक स्थिति की विशेष रूप से सराहना की। उन्होंने जॉर्डन को एक ऐसा “ब्रिज” बताया, जो विभिन्न क्षेत्रों और बाजारों को जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जॉर्डन पश्चिम एशिया, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभर रहा है। इसकी स्थिर राजनीतिक व्यवस्था, व्यापार-अनुकूल नीतियां और रणनीतिक लोकेशन इसे निवेश और व्यापार के लिए आकर्षक बनाती हैं।

उन्होंने कहा,
“जॉर्डन आज एक ऐसा ब्रिज बना है, जो अलग-अलग क्षेत्रों के बीच सहयोग और तालमेल बिठाने में काफी मदद कर रहा है।”

जॉर्डन के राजा से बातचीत: भूगोल को अवसर में बदलने पर चर्चा

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जॉर्डन के राजा के साथ हुई बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच इस बात पर विस्तृत चर्चा हुई कि किस तरह भूगोल को अवसर में और अवसर को विकास में बदला जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा,
“कल जॉर्डन के राजा के साथ मेरी बातचीत का सार यही था कि भूगोल को अवसर में और अवसर को विकास में कैसे बदला जाए। इस पर हमने विस्तार से चर्चा की।”

इस बातचीत में क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक सहयोग, निवेश, व्यापार और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ। पीएम मोदी ने इसे भारत-जॉर्डन साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला संवाद बताया।

भारतीय कंपनियों के लिए नए अवसर

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कंपनियों और निवेशकों के लिए जॉर्डन में मौजूद अवसरों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जॉर्डन न केवल अपने घरेलू बाजार के लिए, बल्कि अन्य देशों तक पहुंच का एक प्रभावी माध्यम भी बन सकता है।

पीएम मोदी ने कहा,
“भारतीय कंपनियां जॉर्डन के माध्यम से अमेरिका और कनाडा समेत अन्य देशों के बाजारों तक पहुंच बना सकती हैं।”

उन्होंने भारतीय उद्योग जगत से आग्रह किया कि वे जॉर्डन के साथ व्यापार और निवेश के अवसरों को गंभीरता से देखें और इस देश को अपने वैश्विक विस्तार की रणनीति का हिस्सा बनाएं।

प्रधानमंत्री के अनुसार, जॉर्डन के साथ भारत की साझेदारी भारतीय कंपनियों को पश्चिमी बाजारों में प्रतिस्पर्धी बढ़त दिला सकती है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता की जरूरत महसूस की जा रही है।

व्यापार, निवेश और तकनीक में सहयोग की संभावनाएं

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत और जॉर्डन के बीच व्यापार और निवेश को कई क्षेत्रों में और मजबूत किया जा सकता है। इनमें विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, स्टार्टअप्स, नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, विशाल बाजार और नवाचार की क्षमता जॉर्डन के लिए भी आकर्षक अवसर प्रदान करती है। वहीं, जॉर्डन की स्थिरता और वैश्विक संपर्क भारत के लिए रणनीतिक लाभ साबित हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलों के जरिए वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है, और जॉर्डन के निवेशक भी इन पहलों का लाभ उठा सकते हैं।

लोगों के बीच संपर्क और सांस्कृतिक रिश्ते

पीएम मोदी ने केवल आर्थिक रिश्तों पर ही नहीं, बल्कि भारत और जॉर्डन के बीच सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्क को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं, जो आज भी दोनों समाजों को एक-दूसरे से जोड़ते हैं।

उन्होंने पर्यटन, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोगों के बीच संपर्क मजबूत होता है, तो आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते भी स्वाभाविक रूप से मजबूत होते हैं।

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भरोसेमंद साझेदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में मौजूदा वैश्विक हालात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया कई तरह की अनिश्चितताओं और चुनौतियों का सामना कर रही है—चाहे वह आर्थिक अस्थिरता हो, भू-राजनीतिक तनाव हो या आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान।

ऐसे समय में भारत और जॉर्डन जैसे देशों के बीच भरोसेमंद और स्थिर साझेदारी की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश मिलकर न केवल अपने नागरिकों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र और विश्व के लिए सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।

तीन देशों के दौरे का व्यापक महत्व

प्रधानमंत्री मोदी का यह चार दिवसीय दौरा केवल द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य भारत की वैश्विक भूमिका को और मजबूत करना भी है। जॉर्डन से शुरुआत कर पीएम मोदी अन्य देशों में भी राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर देंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरे से भारत की पश्चिम एशिया और उससे आगे की कूटनीति को नई दिशा मिलेगी। जॉर्डन जैसे स्थिर और रणनीतिक देश के साथ संबंध मजबूत करना भारत के दीर्घकालिक हितों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जॉर्डन दौरा भारत-जॉर्डन संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। बिजनेस मीट में उनके संबोधन ने साफ कर दिया कि भारत जॉर्डन को केवल एक मित्र देश नहीं, बल्कि एक रणनीतिक साझेदार और वैश्विक बाजारों तक पहुंच का सेतु मानता है। ऐतिहासिक विश्वास, आर्थिक अवसर और साझा विकास के विजन के साथ यह दौरा दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखता है।

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