• December 25, 2025

2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी: नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी का स्वागत, सीएम योगी ने SIR को बताया ‘चुनाव का हथियार’

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों की दिशा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ा कदम उठाया है। 14 दिसंबर 2025 को लखनऊ में आयोजित ‘संगठन पर्व’ कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को निर्विरोध रूप से उत्तर प्रदेश भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनकी नियुक्ति की औपचारिक घोषणा की, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान पर जोर देने का निर्देश दिया।

यह कार्यक्रम भाजपा मुख्यालय में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ आयोजित हुआ, जिसमें शंखनाद और दमरू वादन शामिल था। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रतीकात्मक रूप से पार्टी का झंडा पंकज चौधरी को सौंपा। महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी कुर्मी (ओबीसी) समुदाय से आते हैं, और उनकी नियुक्ति को पार्टी की गैर-यादव ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने और पूर्वांचल में संगठन को सुदृढ़ करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। वे भूपेंद्र सिंह चौधरी का स्थान लेंगे, जो पश्चिमी यूपी के जाट नेता थे।

सीएम योगी का विपक्ष पर तीखा प्रहार और SIR पर फोकस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए 2017 से पहले की सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “2017 के पहले उत्तर प्रदेश में बिजली इसलिए नहीं आती थी क्योंकि पिछली सरकारें अंधेरे में रहना चाहती थीं। डकैती तो अंधेरे में ही होती है।” योगी ने दावा किया कि अब राज्य में बिजली व्यवस्था दुरुस्त है और विकास कार्यों ने यूपी को नई पहचान दी है—अयोध्या में राम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अन्य परियोजनाएं इसके प्रमाण हैं।

योगी ने SIR अभियान को चुनावी तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण हथियार बताया। उन्होंने कहा, “बूथ युद्धक्षेत्र है और SIR हथियार।” राज्य की 25 करोड़ आबादी में 64-65 प्रतिशत मतदाता होने चाहिए, यानी करीब 16 करोड़, लेकिन जनवरी 2025 की सूची में 15.44 करोड़ नाम थे, जो SIR के बाद घटकर लगभग 12 करोड़ रह गए। “यह 4 करोड़ का अंतर है और इनमें से 85-90 प्रतिशत हमारे मतदाता हैं।”

सीएम ने फर्जी मतदाताओं के उदाहरण देते हुए कहा, “संभल में असम के पता से कोई व्यक्ति मतदाता बना है। एक जगह बेटे की उम्र 20 साल, पिता की 30 साल और दादा की 40 साल दर्ज है। विरोधियों ने कुछ बांग्लादेशी नाम भी जोड़ दिए हैं।” उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि हर बूथ पर फर्जी नामों पर आपत्ति दर्ज करें और छूट गए पात्र मतदाताओं के नाम जोड़ें। “अगले 12 दिनों में सब काम छोड़कर SIR पर फोकस करें। आज की मेहनत से चुनाव का तीन-चौथाई काम पूरा हो जाएगा और हम दो-तिहाई बहुमत की ओर बढ़ेंगे।”

योगी ने चेतावनी दी कि विपक्ष संगठन में कमजोर है लेकिन धोखा दे सकता है, इसलिए सतर्क रहें। चुनाव आयोग ने SIR की समयसीमा 26 दिसंबर तक बढ़ा दी है, जिसे अवसर बताते हुए बूथ-स्तरीय मजबूती पर जोर दिया।

नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी का संकल्प और पृष्ठभूमि

नए अध्यक्ष पंकज चौधरी ने पद संभालते हुए कहा, “हमारी पार्टी में न परिवारवाद चलता है, न जातिवाद। साधारण कार्यकर्ता भी बड़े पद पर पहुंच सकता है।” उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा का जिक्र किया—1991 में मात्र 26 साल की उम्र में भाजपा ने उन्हें महाराजगंज से लोकसभा टिकट दिया और तब से वे सात बार सांसद चुने गए।

चौधरी ने कहा, “पार्टी में कार्यकर्ता सबसे महत्वपूर्ण हैं। मैं आपके लिए खड़ा होऊंगा, लड़ूंगा और आपकी बात सुनूंगा। नेतृत्व का मतलब सबकी दिक्कतें दूर करना और सबको साथ लेकर चलना है। पद भूतपूर्व हो सकता है, लेकिन कार्यकर्ता कभी भूतपूर्व नहीं होता।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश’ संकल्प को पूरा करने का वादा किया।

पंकज चौधरी की पृष्ठभूमि जमीनी स्तर से है। गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक चौधरी ने 1989-1991 में गोरखपुर नगर निगम में पार्षद और उप महापौर के रूप में काम किया। 1990 में भाजपा में शामिल हुए। कुर्मी समुदाय का प्रभाव पूर्वी यूपी में 30-40 सीटों पर है, और उनकी नियुक्ति 2024 लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन के बाद संगठन सुधार का हिस्सा है।

SIR विवाद और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

SIR अभियान विवादों में घिरा हुआ है। विपक्ष, विशेषकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, इसे PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) मतदाताओं को हटाने की साजिश बता रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि SIR ‘एनआरसी का छिपा रूप’ है और करोड़ों वोट कटने का खतरा है। चुनाव आयोग ने डुप्लिकेट और फर्जी एंट्रीज की सफाई के लिए SIR शुरू किया, लेकिन भाजपा इसे फर्जी वोटरों की सफाई बता रही है।

भाजपा का दावा है कि SIR से बूथ-स्तरीय मजबूती मिलेगी। पार्टी का लक्ष्य 2026 पंचायत चुनावों और 2027 विधानसभा में हैट्रिक है। पूर्वांचल और ओबीसी वर्ग में पकड़ मजबूत करने के साथ पश्चिमी यूपी में संतुलन बनाना चुनौती है।

भाजपा की बड़ी रणनीति

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित वरिष्ठ नेता मौजूद थे। योगी ने नए अध्यक्ष का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार और संगठन मिलकर आगे बढ़ेंगे। पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को सम्मानित किया गया।

भाजपा अब पूरी तरह चुनावी मोड में है। SIR के जरिए मतदाता सूची की सफाई, ओबीसी आउटरीच और विकास के एजेंडे पर फोकस है। विशेषज्ञों का मानना है कि पंकज चौधरी की नियुक्ति और योगी के निर्देश पार्टी को मजबूत स्थिति देंगे, लेकिन विपक्ष का पुनरुत्थान और SIR विवाद चुनौतियां हैं। आने वाले महीने बताएंगे कि यह रणनीति 2027 में कितनी सफल होती है।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *