प्रयागराज: शिक्षा निदेशालय में भीषण आग, हजारों फाइलें जलकर राख, फायर ब्रिगेड ने लिया स्थिति पर काबू
प्रयागराज, 27 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज सुबह शिक्षा निदेशालय के कार्यालय में भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। यह आग निदेशालय के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित कमरा नंबर 14 और 15 में लगी, जहां एडेड स्कूलों से संबंधित महत्वपूर्ण फाइलें रखी गई थीं। आग की चपेट में आकर 5,000 से अधिक फाइलें जलकर राख हो गईं। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन महत्वपूर्ण दस्तावेजों के नष्ट होने से प्रशासनिक कार्यों पर गंभीर असर पड़ सकता है।
घटना का विवरण
आज सुबह करीब 8 बजे शिक्षा निदेशालय के कार्यालय में आग लगने की सूचना मिली। आग इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते इसने दोनों कमरों को अपनी चपेट में ले लिया। इन कमरों में प्रदेश भर के एडेड स्कूलों से संबंधित फाइलें रखी हुई थीं, जिनमें स्कूलों के रजिस्ट्रेशन, शिक्षक भर्ती, ट्रांसफर, वित्तीय लेनदेन और भर्ती में कथित फर्जीवाड़े से जुड़ी जांच की फाइलें शामिल थीं। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि इन्हें बुझाने में फायर ब्रिगेड को कई घंटे लग गए।
फायर ऑफिसर आरके चौरसिया ने बताया कि सुबह 8:30 बजे के आसपास आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां तुरंत मौके पर रवाना की गईं। बाद में स्थिति को देखते हुए एक और गाड़ी को मौके पर बुलाया गया। आग को फैलने से रोकने के लिए आसपास के कमरों से बुझाने की शुरुआत की गई, जिसके बाद करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया गया। चौरसिया ने कहा, “आग को पूरी तरह बुझा दिया गया है और किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन जांच के बाद इसकी वजह का पता लगाया जाएगा।”
नष्ट हुई फाइलों का महत्व
जिन कमरों में आग लगी, वहां रखी गई फाइलें उत्तर प्रदेश के नौ मंडलों के एडेड स्कूलों से संबंधित थीं। इनमें स्कूलों के रजिस्ट्रेशन, शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया, ट्रांसफर से जुड़े दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन और भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच से संबंधित संवेदनशील जानकारी शामिल थी। इन फाइलों के जलने से शिक्षा निदेशालय के प्रशासनिक कार्यों पर बड़ा असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन दस्तावेजों का डिजिटल बैकअप न होने की स्थिति में कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड हमेशा के लिए खो सकते हैं, जिससे भविष्य में कानूनी और प्रशासनिक चुनौतियां बढ़ सकती हैं।

संदिग्ध परिस्थितियां और सवाल
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब हाल के दिनों में एडेड स्कूलों में भर्ती और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कई शिकायतें सामने आई थीं। कुछ स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं में यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या यह आग दुर्घटना थी या इसे जानबूझकर लगाया गया ताकि संवेदनशील दस्तावेजों को नष्ट किया जा सके। हालांकि, इस तरह के दावों की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें आग लगने के कारणों की जांच में जुटी हैं, और इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि क्या यह कोई साजिश हो सकती है।
हाल के घटनाक्रमों से बढ़ी चिंता
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब देश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा और आपदा से जुड़ी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा, आज ही तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, जिसके बाद वहां सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया। इसके साथ ही, प्रयागराज में ही हाल के महीनों में महाकुंभ मेला क्षेत्र में कई बार आग लगने की घटनाएं हुई हैं, जिनमें टेंट और सामान जलकर राख हो गए थे। इन सभी घटनाओं ने सुरक्षा और आपातकालीन तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं।
प्रशासनिक और सामाजिक प्रभाव
शिक्षा निदेशालय में आग लगने की इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग को सकते में डाल दिया है। एक ओर जहां महत्वपूर्ण दस्तावेजों के नष्ट होने से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी होने की आशंका है, वहीं दूसरी ओर इस घटना ने आम लोगों में भी चिंता पैदा की है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सरकारी कार्यालयों में इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
भविष्य के लिए सबक
यह घटना सरकारी कार्यालयों में सुरक्षा मानकों और आपातकालीन तैयारियों की कमी को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा निदेशालय जैसे महत्वपूर्ण कार्यालयों में अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता और नियमित जांच होनी चाहिए। साथ ही, महत्वपूर्ण दस्तावेजों का डिजिटल बैकअप रखना अनिवार्य करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं में डेटा को सुरक्षित रखा जा सके। इसके अलावा, कार्यालयों में 24 घंटे निगरानी और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी जरूरी है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
