मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएफआई के 5 पदाधिकारी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पांच प्रमुख पदाधिकारियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आज इन आरोपितों की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।
पीएफआई के संस्थापक सदस्यों में से एक एएस इस्माइल, पीएफआई के कर्नाटक के अध्यक्ष मोहम्मद शकीफ, 2020 तक पीएफआई के राष्ट्रीय सचिव रहे अनीस अहमद, पीएफआई को प्रतिबंधित किये जाने तक राष्ट्रीय सचिव रहे अफसर पाशा और पीएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे ईएम अब्दुल रहीमान को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। ये सभी प्रतिबंधित संगठन सिमी से भी जुड़े हुए थे। कोर्ट ने 22 दिसंबर को इन आरोपितों को आज तक की ईडी की हिरासत में भेजा था। कोर्ट ने 26 दिसंबर को पीएफआई के केरल के अध्यक्ष मोहम्मद बशीर को चार दिनों की ईडी हिरासत में भेजा था।
ईडी ने पीएफआई के इन पदाधिकारियों को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। ईडी की ओर से पेश वकील एनके माटा, फैजान खान और मनीष जैन ने पांचों आरोपितों की दस दिनों की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि ये सभी आरोपित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में लिप्त थे। इनके जरिये पीएफआई के लिए लेन-देन किए गए थे, ताकि अज्ञात स्रोत से मिले धन को वैध करार दिया जा सके। ईडी ने कहा कि जांच में इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि पीएफआई ने खाड़ी देशों में स्थित अपने हजारों सक्रिय कार्यकर्ताओं के जरिये काफी धन एकत्र किया था।
