• October 14, 2025

गोरखपुर में दर्दनाक हादसा: गुलरिहा में टैंकर-ऑटो की टक्कर में ढाई वर्षीय मासूम की मौत, 4 घायल

गोरखपुर, 29 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के गुलरिहा थाना क्षेत्र में एक दुखद सड़क हादसे ने एक परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। सोमवार देर शाम एक तेज रफ्तार टैंकर ने एक ऑटो को टक्कर मार दी, जिसमें ढाई वर्षीय मासूम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा गुलरिहा के पास एक व्यस्त सड़क पर हुआ, जिसने एक बार फिर तेज रफ्तार वाहनों और सड़क सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है।
हादसे का विवरण: एक क्षण में बिखरा परिवार
स्थानीय पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा 28 अप्रैल 2025 को रात करीब 8:30 बजे गुलरिहा थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे-27 के पास हुआ। ऑटो में सवार पांच लोग, जिसमें एक ढाई वर्षीय बच्चा और उसका परिवार शामिल था, गोरखपुर शहर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान, विपरीत दिशा से आ रहे एक तेज रफ्तार टैंकर ने ऑटो को सामने से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि ऑटो का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया।
ढाई वर्षीय मासूम, जिसका नाम अभी पुलिस ने सार्वजनिक नहीं किया है, की मौके पर ही मौत हो गई। ऑटो में सवार चार अन्य लोग—दो महिलाएं, एक पुरुष और एक अन्य बच्चा—गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद सड़क पर चीख-पुकार मच गई, और स्थानीय लोग तुरंत घायलों को बचाने के लिए दौड़े।
बचाव और चिकित्सा प्रयास
हादसे की सूचना मिलते ही गुलरिहा पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। घायलों को तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर हालत को देखते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार, दो घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है, जिनमें एक महिला और एक बच्चा शामिल हैं।
पुलिस ने मासूम के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि टैंकर का ड्राइवर मौके से फरार हो गया, और पुलिस ने टैंकर को अपने कब्जे में ले लिया है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
गुलरिहा थाना प्रभारी ने बताया कि हादसे के बाद टैंकर ड्राइवर के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या (IPC धारा 304A) और लापरवाही से वाहन चलाने (मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने टैंकर के मालिक की पहचान कर ली है और ड्राइवर की तलाश के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हादसे का कारण टैंकर की तेज रफ्तार थी या सड़क की खराब स्थिति। गुलरिहा क्षेत्र में सड़क पर गड्ढे और अपर्याप्त स्ट्रीट लाइटिंग की शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं, जिसे स्थानीय लोग हादसे का एक प्रमुख कारण मान रहे हैं।
परिवार का दर्द और स्थानीय प्रतिक्रिया
मासूम की मौत ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिवार के एक सदस्य ने बताया, “हम अपने बच्चे को लेकर घर जा रहे थे। एक पल में सब कुछ खत्म हो गया।” हादसे के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा देखा गया, और कुछ लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनकी मांग थी कि सड़क सुरक्षा को बेहतर किया जाए और तेज रफ्तार वाहनों पर सख्ती की जाए।
‘एक्स’ पर भी इस हादसे को लेकर लोगों ने दुख और गुस्सा जाहिर किया। एक यूजर ने लिखा, “गोरखपुर में एक और मासूम की जान सड़क हादसे में चली गई। कब तक तेज रफ्तार और लापरवाही से मौतें होती रहेंगी?” एक अन्य यूजर ने प्रशासन से सवाल किया, “गुलरिहा में सड़क की हालत बदतर है। क्या एक बच्चे की मौत के बाद भी कुछ नहीं बदलेगा?”
गोरखपुर में सड़क हादसों का बढ़ता ग्राफ
गोरखपुर में हाल के महीनों में सड़क हादसों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। 26 अप्रैल 2025 को गोरखपुर में एक तेज रफ्तार कार ने सात लोगों को कुचल दिया था, जिसमें दो की मौत हो गई थी। इसके अलावा, मार्च 2025 में एक एम्बुलेंस और ट्रक की टक्कर में दो लोगों की जान चली गई थी। इन हादसों ने सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन पर सवाल उठाए हैं।
स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता लंबे समय से गोरखपुर के व्यस्त हाईवे पर स्पीड ब्रेकर, ट्रैफिक सिग्नल और बेहतर सड़क डिजाइन की मांग कर रहे हैं। गुलरिहा क्षेत्र, जो नेशनल हाईवे-27 से जुड़ा है, में भारी वाहनों की आवाजाही के कारण हादसों का खतरा हमेशा बना रहता है।
सामाजिक और प्रशासनिक निहितार्थ
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा के प्रति प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। गोरखपुर जैसे औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र में, जहां भारी वाहनों की आवाजाही आम है, ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन कराना जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित वाहन जांच, ड्राइवरों के लिए प्रशिक्षण और सड़क पर गति सीमा लागू करने से ऐसे हादसों को कम किया जा सकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता रमेश यादव ने कहा, “हर बार हादसे के बाद पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन सड़क सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनती। हमें स्पीड गन, सीसीटीवी और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती बढ़ानी होगी।”
Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *