• April 27, 2025

पहलगाम हमले के बाद सख्ती: शॉर्ट टर्म वीजा पर आए पाक नागरिक को वापस भेजा, LIU ने लिया एक्शन; वाराणसी में बढ़ी सुरक्षा

वाराणसी, 26 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में वाराणसी पुलिस ने शॉर्ट टर्म वीजा पर आए एक पाकिस्तानी नागरिक को वापस उसके देश भेज दिया है। स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसके बाद शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के बाद देशभर में सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट जारी है। इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने अंजाम दिया था, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं।
पहलगाम हमले का पृष्ठभूमि
पहलगाम हमला 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित बाइसरण घास के मैदान में हुआ था, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है। इस हमले में पांच से छह आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई। कई लोग घायल भी हुए। यह हमला कश्मीर घाटी में हाल के वर्षों में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना जा रहा है। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े होने की बात सामने आई है।
हमले के बाद भारत सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कई बड़े कदम उठाए। इनमें पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द करना, अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद करना, और 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है। भारत ने यह भी घोषणा की कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ना होगा, हालांकि मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक की छूट दी गई है। इसके साथ ही, भारत ने पाकिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों को जल्द से जल्द वापस लौटने की सलाह दी है।
वाराणसी में पुलिस की कार्रवाई
पहलगाम हमले के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने के निर्देश दिए गए थे। इसी के तहत वाराणसी पुलिस ने शहर में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों पर नजर रखना शुरू किया। जानकारी के अनुसार, वाराणसी में 10 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई, जिनमें से एक शॉर्ट टर्म वीजा धारक को स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वापस पाकिस्तान भेज दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह व्यक्ति पर्यटक वीजा पर वाराणसी आया था, लेकिन केंद्र सरकार के नए निर्देशों के तहत उसे तत्काल प्रभाव से वापस भेजने का फैसला लिया गया।
वाराणसी के पुलिस आयुक्त ने बताया, “पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने का फैसला लिया है। हमें निर्देश मिले हैं कि ऐसे सभी लोगों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा जाए। हमने एक पाकिस्तानी नागरिक को वापस भेज दिया है, और बाकी लोगों पर भी नजर रखी जा रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि लॉन्ग टर्म वीजा धारकों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है, हालांकि लॉन्ग टर्म वीजा वाले हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को इस कार्रवाई से छूट दी गई है, जैसा कि विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है।
शहर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त
पहलगाम हमले के बाद वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। वाराणसी, जो एक प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थल है, हमेशा से संवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा घाट, और अन्य प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही, शहर में आने-जाने वाले लोगों की सघन जांच शुरू कर दी गई है। होटलों, गेस्ट हाउस, और अन्य ठहरने के स्थानों पर भी निगरानी बढ़ाई गई है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोका जा सके।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हम किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरत सकते। पहलगाम हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। वाराणसी में लाखों पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं, इसलिए हमने सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। हमारी टीमें 24 घंटे निगरानी कर रही हैं।” इसके अलावा, स्थानीय खुफिया इकाई को भी सक्रिय कर दिया गया है, ताकि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत मिल सके।
पाकिस्तानी नागरिकों पर नजर
पहलगाम हमले के बाद वाराणसी में रह रहे अन्य पाकिस्तानी नागरिकों पर भी पुलिस की पैनी नजर है। पुलिस ने बताया कि शहर में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों की सूची तैयार की गई है, और उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। जिन लोगों का वीजा रद्द किया गया है, उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ने के लिए नोटिस जारी किया गया है। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई भी व्यक्ति निर्धारित समय के बाद रुका पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने सभी थानों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों की जानकारी जुटाएं और उनकी गतिविधियों पर नजर रखें। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों को दी जाएगी।” इसके साथ ही, शहर के प्रमुख बाजारों, रेलवे स्टेशन, और बस स्टैंड पर भी पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले और उसके बाद वाराणसी में हुई कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग सरकार के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, उनका मानना है कि देश की सुरक्षा के लिए ऐसे कदम जरूरी हैं। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा, “पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। पहलगाम में जो हुआ, वह बहुत दुखद है। सरकार को और सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
वहीं, कुछ लोग मानते हैं कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों को एक ही नजर से देखना ठीक नहीं है। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “कई पाकिस्तानी लोग भारत में शांतिपूर्ण तरीके से रह रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए।” हालांकि, अधिकांश लोग इस बात से सहमत हैं कि सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
केंद्र सरकार के कदम
पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। विदेश मंत्रालय ने 24 अप्रैल को घोषणा की थी कि पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया गया है, और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है। सरकार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने होंगे, वरना भारत और सख्त कार्रवाई करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद कहा था, “हम हर आतंकी को ढूंढकर सजा देंगे। भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई ढील नहीं बरतेगा।” इसके साथ ही, गृह मंत्री अमित शाह ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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