उप्र में दिव्यांग को शादी प्रोत्साहन के लिए रजिस्ट्रेशन की बाध्यता खत्म : नरेन्द्र कश्यप

 उप्र में दिव्यांग को शादी प्रोत्साहन के लिए रजिस्ट्रेशन की बाध्यता खत्म : नरेन्द्र कश्यप

शादी प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत दिव्यांग दम्पती को शादी प्रोत्साहन योजना के तहत 35 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती थी, परन्तु दिव्यांग दम्पत्ति को शादी का पंजीकरण करना आवश्यक था। इससे दिव्यांगजनों पर अतिरिक्त व्यय भार पड़ रहा था तथा कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता था। इसलिये दिव्यांग दम्पत्ति को शादी प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त करने के लिये रजिस्ट्रेशन की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। यह बातें पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कही।

वह गुरुवार को सचिवालय स्थित सभागार में प्रेसवार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मोबाइल कोर्ट के माध्यम से विभिन्न जनपदों में राज्य दिव्यांग आयुक्त द्वारा दिव्यांगजनों की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी आदि जनपदों में मोबाइल कोर्ट के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं को सुना जा रहा है। मोबाइल कोर्ट व्यवस्था दिव्यांगजनों के लिये बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है।

उन्होंने कहा कि डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ में छात्राओं की बढ़ती हुई संख्या को दृष्टिगत रखते हुए 48 करोड़ रुपये की लागत से नवीन महिला छात्रावास का निर्माण किया जा रहा है। महिला छात्रावास बन जाने से प्रदेश भर की दिव्यांग छात्रों को और अधिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के विभिन्न पाठ्यक्रमों बी0टेक0, बी0बी0ए0, एम0सी0ए0 आदि में अध्ययनरत कुल 112 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट सेल के माध्यम से विभिन्न कॉरपोरेट कम्पनियों में प्लेसमेंट कराकर एक बड़ी शुरूआत की गई है।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित समस्त 16 विशेष विद्यालयों को अपनी उच्च स्तरीय शिक्षण एवं प्रशिक्षण व्यवस्था सहित कैम्पस की उच्च स्तर प्रबन्ध प्रणाली के लिये वित्तीय वर्ष 2022-23 आई0एस0ओ0 90012015 प्रमाणीकरण प्रदान किया गया है। इन विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था की गई है।

पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति हेतु बजट में अतिरिक्त इस वर्ष 435 करोड़ की व्यवस्था की गई है व अन्य कार्यो के लिये 167 करोड़ की बजट में वृद्धि की गई है। शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत अन्य पिछड़े वर्ग के गरीब छात्र व छात्राओं के लिये आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऐसे छात्रावासों के अनुरक्षण हेतु विशेष प्रयास कर 1.25 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था पहली बार करायी गई है।

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