मशरूम की खेती से सेहत के साथ ही आर्थिक स्थिति में भी कर सकते हैं सुधार
आपके पास खेत न हो, तब भी आप अच्छी फसल के माध्यम से अच्छी आमदनी कर सकते हैं। इसके साथ ही उसके सेवन से अपना सेहत भी अच्छा रख सकते हैं। इसके लिए आपको मशरूम की खेती करनी चाहिए। इसके लिए आप अपने पुराने मकान का प्रयोग में लाना होगा। मशरूम की तो वैसे अनेकों प्रजातियां हैं, लेकिन ओवेस्टर मशरूम खेती के लिए ज्यादा बेहतर है।
इस संबंध में उप निदेशक उद्यान अनीस श्रीवास्तव को कहा है कि 10 गुणा 10 फिट की मकान हो तो किसाने उससे ढाई माह में 50 हजार रुपये की आमदनी कर सकता है। मात्र 10 गुणा 10 फिट के मकान आसानी मशरूम के बीज के सौ बैग आसानी से टांगे जा सकते हैं। इससे दो कुंतल मशरूम निकल जाएगा। उसे सूखाने पर 25 किलो मशरूम निकलता है और ओवेस्टर मशरूम बाजार में लगभग 2000 रुपये किलो मिलता है। इस हिसाब से 50 हजार रुपये 10 गुणा 10 के घर में तीन माह में आसानी से निकल सकता है।
उन्होंने इस संबंध में बताया कि हमने 14000 बैग लगाया है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि 100 बैग को लगाने में नौ से 10 हजार रुपये खर्च आता है और आमदनी 50 हजार रुपये का मशरूम तीन माह में निकल जाता है। अनीस श्रीवास्तव का कहना है कि 100 बैग में मशरूम लगाने के लिए भूसा दो कुंतल लगता है। भूसे को ड्रम में पानी डालकर उसमें फार्मोलिन, बेवस्टीन मिलाकर भूसे को ठोस बना लिया जाता है। इसके बाद सौ बैग में 18 से 20 किलो ओवेस्टर का बीज लगता है, जिसे लेडर बनाकर पालिथीन में बीच-बीच में विधि पूर्वक डालकर उसे टांग दिया जाता है। एक सप्ताह में जब उसमें सफेद दिखने लगे तो पालीथिन को काटकर निकाल दिया जाता है। दो से ढाई माह में ओवेस्टर मशरूम तैयार हो जाता है।
यह बता दें कि शाकाहार में मशरूम सर्वाधिक पोषक तत्वों से भरपुर सब्जी है। इस संबंध में बीएचयू के पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर जेपी सिंह ने बताया कि प्रोटीन से लेकर तमाम पोषक तत्वों की भरपुर मात्रा होने के कारण शाकाहार में मशरूम का उत्पाद स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। इससे कैंसर रोधी भी माना जाता है। इसके सेवन से कई तरह के कैंसर से बचा जा सकता है।
