• July 30, 2025

सास-दामाद के बाद समधी-समधन का प्यार: बदायूं में प्रेम प्रसंग ने तोड़ी रिश्तों की मर्यादा, महिला बोली- अब प्रेमी के साथ रहूंगी

बदायूं, 20 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अलीगढ़ में सास-दामाद की प्रेम कहानी के बाद अब बदायूं जिले के डहरपुर कस्बे में समधी-समधन के प्रेम प्रसंग ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। ममता नाम की एक महिला अपने समधी शैलेंद्र के साथ घर छोड़कर फरार हो गई थी। शनिवार को वह दातागंज कोतवाली पहुंची और अपने पति सुनील कुमार पर शराब पीकर मारपीट और मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए। ममता ने पुलिस के सामने साफ कहा कि वह अब अपने पति के साथ नहीं, बल्कि प्रेमी शैलेंद्र के साथ ही अपनी जिंदगी बिताएगी। इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तीखी चर्चा छेड़ दी है।
प्रेम की शुरुआत: बेटी की शादी ने जोड़े दिल
बदायूं के डहरपुर कस्बे में रहने वाली ममता की बेटी की शादी तीन साल पहले शैलेंद्र के बेटे से हुई थी। इस रिश्ते के चलते दोनों परिवारों में अक्सर आना-जाना होता था। बताया जाता है कि इसी दौरान ममता और शैलेंद्र के बीच नजदीकियां बढ़ीं। ममता के पति सुनील कुमार, जो पेशे से ट्रक ड्राइवर हैं, लंबे समय तक घर से बाहर रहते थे। इस दौरान शैलेंद्र का ममता के घर आना-जाना बढ़ गया। ममता के बेटे सचिन ने खुलासा किया, “जब पापा घर पर नहीं होते थे, मम्मी दीदी के ससुर को किसी न किसी बहाने घर बुलाती थीं और हमें दूसरे कमरे में भेज देती थीं।”
11 अप्रैल को ममता ने शैलेंद्र को घर बुलाया और दोनों घर से नकदी और जेवर लेकर टेंपो में बैठकर फरार हो गए। सुनील ने पुलिस को बताया कि ममता ने घर से लाखों रुपये की नकदी और कीमती जेवर चुराए। इस घटना ने दोनों परिवारों को सदमे में डाल दिया और गांव में गुस्से का माहौल बन गया।
थाने में ममता की आपबीती: पति पर गंभीर आरोप
शनिवार को ममता अचानक दातागंज कोतवाली पहुंची और अपनी कहानी बयां की। उसने पुलिस को बताया कि उसकी शादी 15 साल की उम्र में जबरन सुनील से कर दी गई थी, जो पहले से शादीशुदा और शराबी था। ममता ने कहा, “शादी के बाद से ही सुनील शराब पीकर मेरे साथ मारपीट करता था। वह मुझ पर शक करता था और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था। मेरे पिता और भाई भी इस शादी के खिलाफ थे, लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई।”
ममता ने आगे बताया कि शैलेंद्र ने उसे भावनात्मक सहारा दिया, जिसके चलते दोनों के बीच प्यार हो गया। उसने पुलिस से कहा, “मैं अब सुनील के साथ किसी भी हाल में नहीं रह सकती। शैलेंद्र ही मेरा साथी है, और मैं उसी के साथ रहना चाहती हूं।” ममता के इस बयान ने पुलिस को मुश्किल में डाल दिया, क्योंकि दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से एक साथ रहने का फैसला कर चुके हैं।
पति का पलटवार: “ममता पहले भी भाग चुकी है”
ममता के आरोपों पर सुनील ने पलटवार किया। उसने कहा, “मैं ट्रक ड्राइवर हूं और महीनेभर घर से बाहर रहता हूं। मैं मारपीट कैसे कर सकता हूं? ममता पहले भी तीन बार शैलेंद्र के साथ भाग चुकी है।” सुनील ने आरोप लगाया कि ममता ने घर से लाखों रुपये की नकदी और जेवर चुराए, जिसकी जांच होनी चाहिए।
सुनील के दामाद गौरव ने भी ममता पर निशाना साधा। उसने कहा, “ममता ने मेरे पिता को अपने वश में कर लिया, जिसके चलते मेरे माता-पिता अलग हो गए। उसने हमारे परिवार को बर्बाद कर दिया।” सुनील और गौरव ने पुलिस से ममता और शैलेंद्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस की कार्रवाई: जांच और काउंसलिंग की तैयारी
दातागंज कोतवाली प्रभारी गौरव बिश्नोई ने बताया कि ममता ने अपने बयान दर्ज कराए हैं, और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। क्षेत्राधिकारी के.के. तिवारी ने कहा, “दोनों पक्षों के आरोपों की पड़ताल की जा रही है। चोरी के आरोपों के लिए साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ममता और शैलेंद्र बालिग हैं, और कानूनी रूप से उन्हें एक साथ रहने से रोकना मुश्किल है, जब तक कि चोरी का आरोप सिद्ध न हो। पुलिस ममता और शैलेंद्र को परिवार परामर्श केंद्र भेजने पर विचार कर रही है, ताकि दोनों परिवारों के बीच सुलह की कोशिश की जा सके। हालांकि, ममता की जिद ने मामला और उलझा दिया है।
सामाजिक प्रभाव: गांव में गुस्सा, परिवार टूटने की कगार पर
इस घटना ने डहरपुर कस्बे में तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं। स्थानीय लोग इसे रिश्तों की मर्यादा के खिलाफ मान रहे हैं। ममता के बेटे सचिन ने कहा, “मम्मी ने हमारे परिवार की इज्जत मिट्टी में मिला दी। अब हम गांव में मुंह दिखाने लायक नहीं रहे।” पड़ोसियों ने भी ममता की हरकत को शर्मनाक बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं।
सोशल मीडिया पर इस मामले ने व्यापक चर्चा छेड़ दी है। कुछ लोग ममता के फैसले को उसकी निजी स्वतंत्रता मान रहे हैं, तो कुछ इसे नैतिक पतन का प्रतीक बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “घोर कलयुग है! पहले सास-दामाद, अब समधी-समधन। रिश्तों की मर्यादा का क्या होगा?”
अलीगढ़ की सास-दामाद कहानी से तुलना
यह घटना अलीगढ़ के सास-दामाद प्रेम प्रसंग की याद दिलाती है, जहां एक महिला अपनी बेटी के होने वाले दामाद राहुल के साथ फरार हो गई थी। उस मामले में भी महिला ने अपने पति पर मारपीट और शराबखोरी के आरोप लगाए थे। पुलिस ने काउंसलिंग के बाद महिला को राहुल के साथ जाने की इजाजत दे दी थी।
दोनों मामलों में समानता यह है कि महिलाओं ने अपने पतियों से दुखी होकर प्रेमियों के साथ नई जिंदगी शुरू करने का फैसला किया। हालांकि, बदायूं के मामले में चोरी के आरोप और परिवारों का तीखा विरोध इसे और जटिल बनाता है।
कानूनी और सामाजिक सवाल
यह मामला कई कानूनी और सामाजिक सवाल उठाता है। क्या बालिग व्यक्ति को अपनी पसंद के साथी के साथ रहने का अधिकार है, भले ही यह सामाजिक मर्यादाओं के खिलाफ हो? क्या ममता के चोरी के आरोप सिद्ध होंगे, या यह उसके पति का बदला लेने का तरीका है? क्या परिवारों के बीच सुलह संभव है, या यह रिश्ता हमेशा के लिए टूट जाएगा?
कानून के मुताबिक, दो बालिगों को अपनी मर्जी से एक साथ रहने का हक है, बशर्ते कोई आपराधिक गतिविधि न हो। लेकिन भारतीय समाज में, जहां रिश्तों की मर्यादा को सर्वोपरि माना जाता है, ऐसी घटनाएं तीखी प्रतिक्रिया पैदा करती हैं।
आगे क्या?
पुलिस अब इस मामले में साक्ष्य जुटा रही है। यदि चोरी के आरोप सिद्ध होते हैं, तो ममता और शैलेंद्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। दूसरी ओर, यदि ममता अपने फैसले पर अडिग रहती है, तो पुलिस के पास उन्हें साथ रहने देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग से कुछ उम्मीद बंधती है, लेकिन दोनों पक्षों का गुस्सा इसकी राह में रोड़ा बन सकता है।
निष्कर्ष: प्रेम या मर्यादा?
ममता और शैलेंद्र की प्रेम कहानी ने एक बार फिर प्रेम और सामाजिक मर्यादा के बीच के टकराव को उजागर किया है। जहां ममता इसे अपनी निजी स्वतंत्रता और खुशी का सवाल मानती है, वहीं उसका परिवार और समाज इसे नैतिक पतन के रूप में देखता है। इस घटना ने न केवल दो परिवारों को तोड़ा, बल्कि समाज में रिश्तों की परिभाषा पर सवाल उठाए हैं।
आने वाले दिनों में इस मामले का क्या अंजाम होगा, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन इतना तय है कि ममता और शैलेंद्र की यह कहानी लंबे समय तक चर्चा का विषय बनी रहेगी।
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Rama Niwash Pandey

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