गाजा शांति योजना पर मोदी की कूटनीति’: ट्रंप-नेतन्याहू से फोन पर बात
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में दो साल से चली आ रही जंग को खत्म करने वाली ऐतिहासिक शांति योजना पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की। ट्रंप की 20-सूत्री योजना के पहले चरण पर इजरायल और हमास की सहमति के बाद यह कदम भारत की शांति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। पीएम ने ट्रंप को बधाई दी और व्यापार वार्ताओं की प्रगति पर चर्चा की, जबकि नेतन्याहू को बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता पर सराहना। लेकिन क्या यह योजना स्थायी शांति लाएगी, या नई चुनौतियां खड़ी करेगी? आइए, इस कूटनीतिक मोड़ की पूरी कहानी जानते हैं।
ट्रंप को बधाई: शांति योजना की सफलता पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात कर गाजा शांति योजना की सफलता पर बधाई दी। एक्स पर पोस्ट करते हुए पीएम ने लिखा, “अपने दोस्त राष्ट्रपति ट्रंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा शांति योजना की सफलता पर उन्हें बधाई दी। साथ ही व्यापार वार्ताओं में हुई अच्छी प्रगति की समीक्षा की। आने वाले हफ्तों में करीबी संपर्क में रहने पर सहमत हुए।” यह बातचीत योजना के पहले चरण पर सहमति के ठीक बाद हुई, जिसमें इजरायल और हमास ने लड़ाई रोकने, बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता बढ़ाने पर मुहर लगाई। ट्रंप की 20-सूत्री योजना गाजा को आतंक-मुक्त बनाने, हमास से सत्ता हस्तांतरण और पुनर्निर्माण पर केंद्रित है। मोदी ने योजना को ऐतिहासिक बताया, जो दो साल की जंग में हजारों मौतों के बाद राहत की किरण है। साथ ही, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ताओं पर चर्चा हुई, जो ट्रंप के 50% टैरिफ के बाद रुकी हुई थीं। यह कदम भारत की वैश्विक कूटनीति को मजबूत करता है।
नेतन्याहू से बात: बंधक रिहाई और आतंकवाद पर सख्त रुख
पीएम मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर ट्रंप की गाजा शांति योजना के तहत प्रगति पर बधाई दी। एक्स पर पोस्ट में उन्होंने कहा, “मैंने अपने दोस्त, प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन करके राष्ट्रपति ट्रंप के गाजा शांति योजना के तहत हुई प्रगति पर बधाई दी। हम बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों के लिए बढ़ाई गई मानवीय मदद के समझौते का स्वागत करते हैं। मैंने दोहराया कि किसी भी रूप में आतंकवाद दुनिया में कहीं भी स्वीकार्य नहीं है।” नेतन्याहू ने मोदी का धन्यवाद दिया और दोनों ने निकट सहयोग पर सहमति जताई। योजना के पहले चरण में इजरायल 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, जबकि हमास कुछ बंधकों को छोड़ेगा। मोदी ने नेतन्याहू की नेतृत्व क्षमता की सराहना की, जो योजना को इजरायल की मजबूत नीति का प्रतिबिंब बताती है। भारत ने हमेशा गाजा में शांति का समर्थन किया है, और यह बातचीत क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत की भूमिका को उजागर करती है।
गाजा पीस प्लान की झलक: चुनौतियां और उम्मीदें
ट्रंप का 20-सूत्री गाजा पीस प्लान दो साल की जंग को समाप्त करने का ब्लूप्रिंट है, जिसमें पहले चरण में तत्काल युद्धविराम, सभी बंधकों की रिहाई, इजरायली सेना का आंशिक पीछे हटना और रोजाना 400 ट्रक मानवीय सहायता शामिल है। हमास ने बंधकों की रिहाई और फिलिस्तीनी संक्रमणकालीन सरकार पर सहमति जताई, जबकि इजरायल ने बमबारी रोकने का वादा किया। शुरुआत में फिलिस्तीनी तकनीकी समिति गाजा का प्रशासन संभालेगी, बाद में इसे फिलिस्तीनी अथॉरिटी को सौंपा जाएगा। योजना में गाजा का पुनर्निर्माण और अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल की तैनाती भी है। ट्रंप ने मध्यस्थ देशों का शुक्रिया अदा किया। लेकिन फिलिस्तीन में 66,000 से अधिक मौतों के बाद यह योजना स्थायी शांति की उम्मीद जगाती है, तो दो-राज्य समाधान की मांग भी बढ़ा रही है। भारत की भूमिका मध्यस्थता में अहम हो सकती है।
