Mirzapur News: एंबुलेंस पर पलटा गिट्टी लदा ट्रक, गर्भवती महिला समेत चार की मौत, मलबे से निकले दो शव
मिर्जापुर, 26 अप्रैल 2025 उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में शुक्रवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग पर एक गिट्टी लदे ट्रक के अनियंत्रित होकर पलटने से उसकी चपेट में आई एक एंबुलेंस पूरी तरह चकनाचूर हो गई। इस दर्दनाक हादसे में एक गर्भवती महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोगों के शव मलबे से बमुश्किल निकाले गए। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को हिला दिया, बल्कि सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों की लापरवाही पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
हादसे का विवरण: कैसे हुआ यह भयानक
घटना मिर्जापुर जिले के मेजा थाना क्षेत्र के अंतर्गत प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग पर रात करीब 11:30 बजे की है। जानकारी के अनुसार, एक निजी एंबुलेंस (यूपी 70 बीएक्स 2345) एक गर्भवती महिला को लेकर प्रयागराज के एक अस्पताल की ओर जा रही थी। एंबुलेंस में महिला के पति, एक नर्स, और ड्राइवर सहित कुल चार लोग सवार थे। इसी दौरान, विपरीत दिशा से आ रहा एक गिट्टी लदा ट्रक (यूपी 71 टी 4567) अचानक अनियंत्रित हो गया और एंबुलेंस के ऊपर पलट गया।
ट्रक के भारी मलबे और गिट्टी के ढेर ने एंबुलेंस को पूरी तरह दबा दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा इतना भीषण था कि एंबुलेंस का ढांचा तक नहीं बचा। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी, लेकिन मलबे की भारी मात्रा के कारण बचाव कार्य में देरी हुई। एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीम ने करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से दो शव निकाले, जबकि अन्य दो की मौत मौके पर ही हो चुकी थी।
मृतकों की पहचान और दुखद कहानी
हादसे में मारे गए चार लोगों की पहचान निम्नलिखित है:
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सुनीता देवी (28 वर्ष, गर्भवती महिला): सुनीता अपने पहले बच्चे की डिलीवरी के लिए प्रयागराज के अस्पताल जा रही थीं। वह छह महीने की गर्भवती थीं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही थी।
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रामप्रसाद (32 वर्ष, सुनीता का पति): रामप्रसाद अपनी पत्नी के साथ एंबुलेंस में थे। वह एक मजदूर थे और परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी।
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रानी कुमारी (25 वर्ष, नर्स): रानी एंबुलेंस में मेडिकल स्टाफ के रूप में थीं। वह हाल ही में नर्सिंग कोर्स पूरा कर इस नौकरी से जुड़ी थीं।
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विनोद कुमार (35 वर्ष, ड्राइवर): विनोद पिछले पांच साल से एंबुलेंस चला रहे थे और उनके परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं।
सुनीता और रामप्रसाद के शव मलबे से देर रात निकाले गए, जबकि रानी और विनोद की मौत मौके पर ही हो गई थी। सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए मिर्जापुर जिला अस्पताल भेजा गया है।

बचाव कार्य और प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही मेजा थाना पुलिस, एनडीआरएफ, और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। मलबे को हटाने के लिए क्रेन और जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया गया। मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव त्यागी ने बताया कि ट्रक ड्राइवर को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही के कारण वाहन पर नियंत्रण खो दिया। यह भी संदेह है कि ड्राइवर नशे में हो सकता है, जिसकी पुष्टि मेडिकल जांच के बाद होगी।
मिर्जापुर के जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों के लिए 50,000 रुपये की घोषणा की है।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान: हादसे का मंजर
स्थानीय निवासी रमेश यादव, जो हादसे के समय पास ही थे, ने बताया, “रात का समय था और सड़क पर ज्यादा ट्रैफिक नहीं था। अचानक तेज आवाज हुई और हमने देखा कि ट्रक पलटकर एंबुलेंस के ऊपर गिर गया। गिट्टी का ढेर इतना ज्यादा था कि एंबुलेंस दिख ही नहीं रही थी। हमने तुरंत पुलिस को फोन किया, लेकिन मलबा इतना भारी था कि मदद में समय लग गया।”
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी, श्यामलाल, ने कहा, “एंबुलेंस की सायरन की आवाज सुनाई दे रही थी, शायद वह जल्दी में थी। लेकिन ट्रक इतनी तेजी से आया कि ड्राइवर को संभलने का मौका ही नहीं मिला। यह बहुत दुखद है।”
सड़क सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा मिर्जापुर में हाल के महीनों में हुआ दूसरा बड़ा सड़क हादसा है। इससे पहले, 15 फरवरी 2025 को प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग पर एक बोलेरो और बस की टक्कर में 10 लोगों की मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भारी वाहनों की लापरवाही और सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
मिर्जापुर के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मिश्रा ने कहा, “यह राजमार्ग भारी वाहनों का प्रमुख रास्ता है, लेकिन ट्रकों की ओवरलोडिंग और तेज गति पर कोई नियंत्रण नहीं है। प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए, वरना ऐसे हादसे होते रहेंगे।”
परिजनों का हाल: मातम का माहौल
हादसे की खबर सुनते ही मृतकों के परिजन जिला अस्पताल पहुंचे, जहां मातम का माहौल था। सुनीता के भाई अजय ने रोते हुए कहा, “मेरी बहन अपने बच्चे का इंतजार कर रही थी। हमने उसे बचाने के लिए एंबुलेंस बुलाई थी, लेकिन सब खत्म हो गया।” विनोद की पत्नी राधा ने बताया कि उनके पति ही परिवार की एकमात्र कमाई का साधन थे, और अब उनके बच्चों का भविष्य अंधेरे में है।
पुलिस और कानूनी कार्रवाई
मेजा थाना प्रभारी राकेश सिंह ने बताया कि ट्रक ड्राइवर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) और मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। ट्रक को जब्त कर लिया गया है और उसकी फिटनेस की जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या ट्रक ओवरलोड था और क्या ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस था।
मुख्यमंत्री और नेताओं की संवेदना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताया और ट्वीट कर कहा, “मिर्जापुर में हुए सड़क हादसे में चार लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद प्रदान की जाए।”
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी एक्स पर लिखा, “मिर्जापुर हादसे की खबर दिल दहलाने वाली है। सरकार को सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”
सड़क हादसों का बढ़ता ग्राफ
मिर्जापुर में सड़क हादसों की संख्या में हाल के वर्षों में वृद्धि देखी गई है। अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में ही मिर्जापुर में दो अलग-अलग हादसों में चार लोगों की मौत हुई थी। एक अन्य घटना में, 19 मार्च 2025 को एक बाइक के पेड़ और ट्रक से टकराने से दो युवकों की मौत हो गई थी। ये हादसे सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करते हैं।
आगे की राह: सड़क सुरक्षा पर ध्यान जरूरी
यह हादसा न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क सुरक्षा को बेहतर करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
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भारी वाहनों की नियमित जांच और ओवरलोडिंग पर सख्त कार्रवाई।
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राजमार्गों पर स्पीड लिमिट और ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन।
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ड्राइवरों के लिए नियमित प्रशिक्षण और नशे की जांच।
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आपातकालीन सेवाओं, जैसे एंबुलेंस, के लिए अलग लेन या प्राथमिकता।
