मेरठ न्यूज़: लोहिया नगर के पीपलीखेड़ा में एचटी लाइन की चिंगारी से 7 बीघा गेंहू की फसल जलकर राख, दमकल कर्मियों ने एक घंटे में पाया काबू
मेरठ,22अप्रैल2025: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के लोहिया नगर थाना क्षेत्र में एक दुखद हादसे ने किसान की मेहनत को चंद मिनटों में राख कर दिया। पीपलीखेड़ा गांव में सोमवार दोपहर हाई टेंशन (एचटी) लाइन में हुए फॉल्ट के कारण निकली चिंगारी से एक किसान की सात बीघा गेंहू की पकी फसल में भीषण आग लग गई। इस हादसे से किसान को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। दमकल विभाग की टीम ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक फसल पूरी तरह जलकर नष्ट हो चुकी थी।
हादसे का विवरण
घटना सोमवार, 21 अप्रैल 2025 की दोपहर की है, जब लोहिया नगर थाना क्षेत्र के पीपलीखेड़ा गांव में किसान ज़ाहिद की सात बीघा जमीन पर खड़ी गेंहू की फसल कटाई के लिए तैयार थी। स्थानीय निवासी ज़ाहिद और इज़हार ने बताया कि खेत के ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन लाइन में अचानक फॉल्ट हो गया, जिसके कारण तारों में स्पार्किंग शुरू हुई। इस स्पार्किंग से निकली चिंगारी सूखी फसल पर गिरी, और तेज हवाओं के कारण आग ने कुछ ही मिनटों में विकराल रूप धारण कर लिया। देखते ही देखते सात बीघा में फैली पूरी फसल आग की लपटों में समा गई।
आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आसपास के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश शुरू की और पानी, मिट्टी, और अन्य साधनों का उपयोग किया। स्थानीय निवासी इज़हार ने बताया, “हमने पूरी कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेज थी कि उसे काबू करना मुश्किल हो गया। हमने तुरंत दमकल विभाग को सूचना दी, लेकिन उनकी गाड़ियां समय पर नहीं पहुंचीं।”
दमकल विभाग की कार्रवाई
आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग को सूचित किया गया, लेकिन ग्रामीणों के अनुसार, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचने में देरी हुईं। दमकल कर्मियों ने बताया कि गांव तक पहुंचने के रास्ते की स्थिति और अन्य तकनीकी कारणों से समय लग गया। अंततः, दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब एक घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया गया। दमकल कर्मी राजीव खत्री ने कहा, “हमने सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई शुरू की। आग बहुत तेज थी, लेकिन हमारी टीम ने पूरे प्रयास से इसे नियंत्रित किया। हालांकि, तब तक फसल को भारी नुकसान हो चुका था।”

किसान का नुकसान और दर्द
पीड़ित किसान ज़ाहिद ने बताया कि यह फसल उनकी कई महीनों की मेहनत का नतीजा थी, जिसे कटाई के लिए तैयार किया गया था। “मैंने इस फसल के लिए दिन-रात मेहनत की थी। कर्ज लेकर बीज और खाद खरीदी थी। अब सब कुछ जलकर राख हो गया। मेरा परिवार इस नुकसान से उबर नहीं पाएगा,” उन्होंने रोते हुए कहा। अनुमान के मुताबिक, इस हादसे में करीब 5 से 7 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
ज़ाहिद ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि हाई टेंशन लाइन की नियमित जांच और रखरखाव नहीं किया गया। “हमने कई बार बिजली विभाग से जर्जर तारों को ठीक करने की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर समय पर ध्यान दिया गया होता, तो यह हादसा टाला जा सकता था,” उन्होंने कहा।
ग्रामीणों का गुस्सा और मुआवजे की मांग
इस घटना ने स्थानीय ग्रामीणों में बिजली विभाग और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि हाई टेंशन लाइनों की वजह से इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं, लेकिन बिजली विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। उन्होंने मांग की कि बिजली लाइनों की नियमित जांच की जाए और खेतों के ऊपर से गुजरने वाली जर्जर लाइनों को हटाया जाए।
ग्रामीणों और पीड़ित किसान ने प्रशासन से तत्काल मुआवजे की मांग की है। इज़हार ने कहा, “किसान पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे में इस तरह का नुकसान उसे पूरी तरह तोड़ देता है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द नुकसान का आकलन कर मुआवजा दे।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने नुकसान का जायजा लिया और पीड़ित किसान को मुआवजे का आश्वासन दिया। लोहिया नगर थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और बिजली विभाग को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं।
जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग की टीम को नुकसान का आकलन करने का आदेश दिया है। एक अधिकारी ने बताया, “हम पीड़ित किसान की हर संभव मदद करेंगे। नुकसान का पंचनामा तैयार किया जा रहा है, और राजस्व दिशानिर्देशों के अनुसार मुआवजा प्रदान किया जाएगा।”
बार-बार हो रही ऐसी घटनाएं
यह कोई पहला मामला नहीं है जब मेरठ या आसपास के क्षेत्रों में हाई टेंशन लाइन की चिंगारी से फसलों में आग लगी हो। हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों, जैसे भरतपुर, सीतापुर, हरदोई, और चंदौली में भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। इन हादसों में किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, और बिजली विभाग की लापरवाही बार-बार सवालों के घेरे में आई है।
किसानों और विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के मौसम में सूखी फसलों में आग तेजी से फैलती है, और हाई टेंशन लाइनों में फॉल्ट इसकी प्रमुख वजह बन रहा है। बिजली विभाग को चाहिए कि जर्जर तारों को बदलने और नियमित रखरखाव के लिए एक विशेष अभियान चलाए।
भविष्य के लिए सबक
इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग और प्रशासन के सामने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। किसानों की आजीविका को बचाने के लिए जरूरी है कि हाई टेंशन लाइनों की सुरक्षा और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा, दमकल विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई के लिए बेहतर संसाधन और रास्तों की व्यवस्था करनी होगी।
प्रशासन को चाहिए कि मुआवजे की प्रक्रिया को तेजी से पूरा कर पीड़ित किसान को राहत दी जाए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, जैसे:
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खेतों के ऊपर से गुजरने वाली हाई टेंशन लाइनों की नियमित जांच और मरम्मत।
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जर्जर तारों को तत्काल बदलना।
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दमकल विभाग की गाड़ियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना।
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किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना, ताकि वे ऐसी घटनाओं से बचाव के उपाय सीख सकें।
