• March 12, 2025

महाशिवरात्रि 2025: विश्वनाथ धाम में सुबह छह से नौ बजे तक अखाड़ों के आचार्य, नागा साधु करेंगे दर्शन

वाराणसी 25 फ़रवरी।: महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 2025 में विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाएगा। वाराणसी के विश्वनाथ धाम में इस मौके पर विशेष आयोजनों की योजना बनाई गई है। खास बात यह है कि महाशिवरात्रि के दिन सुबह छह बजे से लेकर नौ बजे तक अखाड़ों के आचार्य और नागा साधु विश्वनाथ धाम में दर्शन करेंगे। यह समय विशेष रूप से पवित्र माना जाएगा, और श्रद्धालुओं के लिए एक अनोखा अनुभव साबित होगा।

महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख और भक्तिपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव के पूजा-अर्चना का विशेष दिन होता है। इस दिन को लेकर श्रद्धालु विशेष तैयारी करते हैं और इसे भगवान शिव की उपासना का सर्वोत्तम दिन मानते हैं। वाराणसी, जो भगवान शिव के प्रमुख ठिकानों में से एक मानी जाती है, इस दिन खास रूप से सज-धज कर तैयार होती है, ताकि श्रद्धालु अपनी आस्थाओं और भक्ति का समर्पण कर सकें।

अखाड़ों के आचार्य और नागा साधुओं की उपस्थिति

महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से अखाड़ों के आचार्य और नागा साधु विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए उपस्थित होंगे। यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा, जब लाखों श्रद्धालु इन साधुओं के दर्शन करने के लिए आकर्षित होंगे। इन साधुओं का इतिहास और परंपरा बहुत पुरानी है, और वे महाशिवरात्रि जैसे पवित्र अवसर पर अपनी उपस्थिति से भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।

नागा साधु विशेष रूप से अपनी नीरसता और तपस्या के लिए प्रसिद्ध होते हैं, और उनका दर्शन करने का अवसर विशेष महत्व रखता है। वे इस अवसर पर विशेष रूप से स्नान, पूजा और ध्यान करते हैं, और फिर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देने के लिए दर्शन देने आते हैं। इन साधुओं का दर्शन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह भक्तों को आंतरिक शांति और आत्मिक शुद्धता की अनुभूति भी कराता है।

विशेष आयोजन और दर्शन का समय

विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से यह आयोजन सुबह छह से नौ बजे तक होगा। इस दौरान श्रद्धालु अखाड़ों के आचार्यों और नागा साधुओं के दर्शन कर सकेंगे। आयोजन में संतों और साधुओं की विशेष पूजा अर्चना होगी, जिससे वातावरण भक्तिपूर्ण और दिव्य हो जाएगा। इस दौरान मंदिर में भगवान शिव की विशेष पूजा और रुद्राभिषेक का आयोजन भी किया जाएगा।

श्रद्धालु इस विशेष समय का लाभ उठाने के लिए सर्द सुबह में ही मंदिर पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं। मंदिर में भगवान शिव के दर्शन और पूजा करने के लिए लाखों की संख्या में भक्तों के पहुंचने की संभावना है, जिनमें से कई लोग दूर-दराज से आकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। वाराणसी प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, ताकि सभी लोग आराम से पूजा कर सकें और उनकी श्रद्धा में कोई विघ्न न आए।

महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजा

महाशिवरात्रि के दिन वाराणसी के विश्वनाथ धाम में विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा। इस दिन, भक्त रात्रि भर जागरण करते हुए भगवान शिव की पूजा करते हैं। मंदिर में रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, और विशेष शिव रात्रि पूजा का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न अनुष्ठानों का आयोजन होगा, जिनमें भस्म आरती, बिल्व पत्र चढ़ाना, और रात्रि भर भगवान शिव की उपासना की जाएगी।

विशेष रूप से, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। इस दिन हर भक्त अपने-अपने तरीके से शिवजी की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। विश्वनाथ धाम में भी इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा की जाएगी, और पूरे दिन मंदिर में उत्सव का माहौल रहेगा।

सुरक्षा और व्यवस्था

महाशिवरात्रि के दिन लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, यातायात की व्यवस्था और पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को कोई कठिनाई न हो। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जैसे कि पानी की व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा, और सफाई व्यवस्था।

निष्कर्ष

महाशिवरात्रि 2025 के अवसर पर वाराणसी का विश्वनाथ धाम एक विशेष धार्मिक केंद्र बनेगा, जहां अखाड़ों के आचार्य, नागा साधु और श्रद्धालु एकत्र होंगे। यह दिन न केवल धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह वाराणसी के ऐतिहासिक महत्व को और भी बढ़ाएगा। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव के दर्शन करने के लिए तहे दिल से तैयार हैं, और प्रशासन ने हर पहलू को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और व्यवस्था की तैयारी की है।

महाशिवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर भगवान शिव के दर्शन और पूजा करने के लिए विश्वनाथ धाम आकर भक्तों की आस्था और श्रद्धा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा।

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