• October 14, 2025

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रोके रेत से भरे डंपर, कहा- रेत की रॉयल्टी चोरी चरम पर

भोपाल, 18 सितंबर 2025: मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बार फिर प्रदेश में रेत माफिया और अवैध खनन के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। बुधवार को उन्होंने सड़क पर रेत से भरे डंपरों को रोककर सरकार पर रॉयल्टी चोरी को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया। पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में रेत का अवैध खनन और रॉयल्टी चोरी अपने चरम पर पहुंच चुकी है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है और माफिया बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर प्रदेश में रेत माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को तेज कर दिया है।क्या हुआ था?बुधवार को जीतू पटवारी अपने समर्थकों के साथ मध्य प्रदेश के एक प्रमुख मार्ग पर पहुंचे, जहां उन्होंने रेत से भरे कई डंपरों को रोक लिया। ये डंपर बिना उचित दस्तावेज और रॉयल्टी रसीद के रेत ले जा रहे थे। पटवारी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों और पुलिस को बुलाकर डंपरों की जांच की मांग की। उन्होंने दावा किया कि ये डंपर अवैध रूप से रेत का परिवहन कर रहे थे, जिससे सरकार को लाखों रुपये की राजस्व हानि हो रही है।पटवारी ने कहा, “मध्य प्रदेश में रेत माफिया बेलगाम हो चुके हैं। ये लोग नदियों को लूट रहे हैं, पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं और सरकार को चूना लगा रहे हैं।
रॉयल्टी चोरी अपने चरम पर है, और इसमें बड़े-बड़े लोग शामिल हैं। सरकार चुप क्यों है? क्या माफिया को संरक्षण मिल रहा है?”रेत माफिया और रॉयल्टी चोरी का मुद्दामध्य प्रदेश में रेत खनन एक बड़ा व्यवसाय है, लेकिन इसके साथ ही अवैध खनन और रॉयल्टी चोरी की समस्या भी गंभीर है। रेत खनन के लिए सरकार ने नियम बनाए हैं, जिनके तहत खनन करने वाली कंपनियों या ठेकेदारों को सरकार को रॉयल्टी देनी होती है। यह रॉयल्टी नदियों और खदानों से निकाली गई रेत की मात्रा के आधार पर तय की जाती है। हालांकि, कई ठेकेदार और माफिया तय मात्रा से ज्यादा रेत निकालते हैं और रॉयल्टी में हेराफेरी करते हैं, जिससे सरकार को भारी नुकसान होता है।पटवारी ने आरोप लगाया कि रेत माफिया के पास शक्तिशाली लोगों का समर्थन है, जिसके कारण प्रशासन और पुलिस कार्रवाई करने में हिचकिचाते हैं। उन्होंने कहा, “जब हमने डंपर रोके, तो ड्राइवरों के पास कोई वैध कागजात नहीं थे। यह साफ दिखाता है कि रेत माफिया कितने बेखौफ हो गए हैं।”पर्यावरण पर प्रभावरेत के अवैध खनन का असर सिर्फ राजस्व पर ही नहीं, बल्कि पर्यावरण पर भी पड़ रहा है। मध्य प्रदेश की नदियां, जैसे नर्मदा, चंबल और बेतवा, रेत खनन के कारण तेजी से नष्ट हो रही हैं।
नदियों के किनारे अत्यधिक खनन से जल स्तर कम हो रहा है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी हो रही है। साथ ही, नदियों के कटाव से आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।पटवारी ने इस मुद्दे पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “हमारी नदियां हमारी धरोहर हैं, लेकिन माफिया इन्हें लूट रहे हैं। नदियों का पानी कम हो रहा है, मछलियां खत्म हो रही हैं, और पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। सरकार को तुरंत कड़े कदम उठाने चाहिए।”सरकार पर सवालजीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर रेत माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ लोग माफिया के साथ मिले हुए हैं, जिसके कारण अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार रेत खनन की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति बनाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।पटवारी ने यह भी कहा कि रेत माफिया की कमाई का एक हिस्सा सत्ताधारी दल के नेताओं तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, “यह सबके सामने है कि माफिया को कौन बचा रहा है। अगर सरकार चाहे तो एक दिन में इस अवैध कारोबार को बंद कर सकती है, लेकिन इसके लिए इच्छाशक्ति चाहिए।”लोगों का समर्थनपटवारी के इस कदम को स्थानीय लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समर्थन दिया। कई गांववासियों ने बताया कि रेत माफिया की वजह से उनके खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। कुछ लोगों ने यह भी शिकायत की कि माफिया के गुंडे गांव में डर का माहौल बनाए रखते हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को पूरे प्रदेश में उठाने की योजना बनाई है। पार्टी ने कहा कि वह रेत माफिया के खिलाफ जन आंदोलन शुरू करेगी और सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए सड़कों पर उतरेगी।सरकार का जवाबइस घटना के बाद सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, कुछ अधिकारियों ने बताया कि रेत खनन की निगरानी के लिए पहले से ही नियम हैं और समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये कार्रवाइयां सिर्फ दिखावटी हैं और असल में माफिया पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।आगे की राहजीतू पटवारी ने कहा कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे और रेत माफिया के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग करेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस लड़ाई में उनका साथ दें ताकि मध्य प्रदेश की नदियों और पर्यावरण को बचाया जा सके।उन्होंने कहा, “यह सिर्फ रेत की चोरी का मामला नहीं है, यह हमारे भविष्य का सवाल है। अगर हम आज चुप रहे, तो हमारी नदियां और पर्यावरण पूरी तरह नष्ट हो जाएंगे।”निष्कर्षमध्य प्रदेश में रेत माफिया और रॉयल्टी चोरी का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में है, लेकिन जीतू पटवारी के इस कदम ने इसे फिर से सुर्खियों में ला दिया है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है और क्या रेत माफिया के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाता है। जहां एक ओर विपक्ष सरकार पर दबाव बना रहा है, वहीं आम लोग भी इस मुद्दे पर जागरूक हो रहे हैं। रेत माफिया के खिलाफ यह लड़ाई न केवल राजस्व की रक्षा के लिए है, बल्कि पर्यावरण और प्रदेश की नदियों को बचाने के लिए भी जरूरी है।
Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *