लखनऊ: हत्या या आत्महत्या? चकबंदी यूनियन अध्यक्ष राजकुमार सिंह की मौत का रहस्य, प्रॉपर्टी डीलिंग और ज्योतिष से था नाता
लखनऊ / 1 अगस्त : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में 29 जुलाई 2025 को चकबंदी यूनियन के अध्यक्ष राजकुमार सिंह (52) की गोली लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने सनसनी मचा दी। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है, लेकिन परिजन हत्या की आशंका जता रहे हैं। राजकुमार सिंह चकबंदी विभाग में 25 साल से निर्विरोध अध्यक्ष थे, साथ ही प्रॉपर्टी डीलिंग और ज्योतिष का काम भी करते थे। उनकी मौत की गुत्थी हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी हुई है, और कई सवाल अनुत्तरित हैं। आइए, इस रहस्यमयी मामले की पूरी कहानी जानते हैं।
घटना का विवरण
29 जुलाई 2025 की शाम करीब 7:30 बजे, सुशांत गोल्फ सिटी के एक खाली प्लॉट पर राजकुमार सिंह की लाश मिली। उनके गले में गोली लगी थी, और पास में एक लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद हुई। राजकुमार अपने ड्राइवर केशव राम के साथ सुबह घर से निकले थे और इस प्लॉट पर पहुंचे, जो मार्च 2025 में उनके बेटे और एक परिचित के नाम खरीदा गया था। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल के अनुसार, राजकुमार ने ड्राइवर को बाहर इंतजार करने को कहा और अंदर चले गए। कुछ देर बाद गोली चलने की आवाज सुन ड्राइवर अंदर दौड़ा, जहां राजकुमार खून से लथपथ पड़े थे।
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें राजकुमार ने कथित तौर पर खुद को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया। फोरेंसिक जांच के प्रारंभिक निष्कर्षों में गोली के घाव, प्रवेश और निकास बिंदु, और गनशॉट अवशेषों के आधार पर इसे आत्महत्या बताया गया। लेकिन रिवॉल्वर रायबरेली के एक करीबी प्रॉपर्टी डीलर की थी, जिसे राजकुमार ने उधार लिया था।
परिजनों का आरोप
राजकुमार के भाई पंकज सिंह और अन्य परिजनों ने आत्महत्या की थ्योरी को सिरे से खारिज किया। पंकज ने कहा, “भाई के पास कोई लाइसेंसी हथियार नहीं था। रिवॉल्वर कहां से आई? वह खुशमिजाज इंसान थे, आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते।” परिजनों का आरोप है कि पुलिस सबूतों को दबाकर मामले को आत्महत्या का रंग देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इसकी जांच यूपी एसटीएफ से कराने की मांग की है।
परिजनों ने यह भी बताया कि राजकुमार पिछले पांच दिन से छुट्टी पर थे और उस सुबह ड्राइवर के साथ घर से निकले थे। परिवार का कहना है कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, लेकिन प्रॉपर्टी डीलिंग और ज्योतिष के काम के चलते कई प्रभावशाली लोगों से उनके संबंध थे।
राजकुमार सिंह: चकबंदी से ज्योतिष तक
राजकुमार सिंह उत्तर प्रदेश चकबंदी कर्मचारी संघ के निर्विरोध अध्यक्ष थे और चकबंदी विभाग में वरिष्ठ लिपिक के रूप में कार्यरत थे। इसके अलावा, वह प्रॉपर्टी डीलिंग में सक्रिय थे और कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के ज्योतिषाचार्य के रूप में भी जाने जाते थे। उनकी सलाह के लिए प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में लोग उनके पास आते थे।
”पुलिस और फोरेंसिक जांच
पुलिस ने ड्राइवर केशव राम को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। डीसीपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि गोली सिर में लगी थी, और फोरेंसिक टीम ने आत्महत्या की संभावना जताई है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक कोई औपचारिक तहरीर दर्ज नहीं की है, क्योंकि परिजनों ने लिखित शिकायत देने से इनकार कर दिया। पुलिस उस प्रॉपर्टी डीलर से भी पूछताछ कर रही है, जिसकी रिवॉल्वर मौके से बरामद हुई। फोरेंसिक टीम ने मौके से रिवॉल्वर, गोली के खोल, और अन्य सबूत एकत्र किए हैं।
प्रॉपर्टी डीलिंग और ज्योतिष का कनेक्शन
राजकुमार की प्रॉपर्टी डीलिंग और ज्योतिष के काम ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या उनकी मौत का कोई संबंध उनके व्यवसाय या प्रभावशाली लोगों से था। परिजनों का कहना है कि हाल ही में कुछ प्रॉपर्टी सौदों को लेकर तनाव था, लेकिन कोई ठोस दुश्मनी की बात सामने नहीं आई।
सामाजिक और सियासी प्रतिक्रिया
इस घटना ने लखनऊ के प्रशासनिक और सियासी हलकों में हड़कंप मचा दिया है। ज्योतिष और रियल एस्टेट से भी जुड़े थे मृतक राजकुमार। राजकुमार सिंह चकबंदी विभाग में नौकरी करने के साथ-साथ बीते कुछ सालों से प्रॉपर्टी डीलिंग भी करने लगे थे। वह ज्योतिषाचार्य भी थे। सूत्रों के मुताबिक यह कहा जा रहा है की उन्होंने कई लोगो के पैसे को रियल स्टेट में लगाया था। अब उनकी मौत के बाद, पुलिस इस मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी है कि यह आत्महत्या है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है।
