लखनऊ: पैसों की कमी के चलते बच्चों का अपहरण, लखीमपुर से पुलिस ने किया बरामद
लखनऊ, 15 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पैसों की तंगी के कारण कुछ लोगों ने मासूम बच्चों का अपहरण कर लिया। यह घटना लखनऊ के एक इलाके में हुई, जहां अपराधियों ने अपने बिजनेस के लिए धन जुटाने की नीयत से इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया। हालांकि, पुलिस की तत्परता और सक्रियता के कारण बच्चों को लखीमपुर खीरी से सुरक्षित बरामद कर लिया गया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और लोगों में अपराध के प्रति डर और आक्रोश बढ़ गया है।घटना का विवरणपुलिस के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब लखनऊ के एक मोहल्ले से दो बच्चों के लापता होने की खबर मिली। बच्चों के परिजनों ने तुरंत स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और जांच के दौरान पता चला कि बच्चों का अपहरण एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया था। अपराधियों का मकसद बच्चों के बदले फिरौती मांगकर पैसे जुटाना था, ताकि वे अपने बिजनेस में निवेश कर सकें।
लखनऊ पुलिस ने इस मामले में तुरंत एक विशेष टीम गठित की, जिसमें स्थानीय पुलिस के साथ-साथ क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी शामिल थे। पुलिस ने तकनीकी संसाधनों का उपयोग करते हुए अपराधियों के ठिकानों का पता लगाया। कई घंटों की कड़ी मेहनत और सघन तलाशी के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि बच्चों को लखीमपुर खीरी के एक सुनसान इलाके में छिपाया गया है।पुलिस की कार्रवाईपुलिस ने तुरंत लखीमपुर खीरी में छापेमारी की और वहां से दोनों बच्चों को सुरक्षित बरामद कर लिया। बच्चों की हालत सामान्य बताई जा रही है, हालांकि उन्हें डर और सदमे की स्थिति में पाया गया। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि ये लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और अपने बिजनेस को शुरू करने के लिए पैसों की सख्त जरूरत थी।पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “अपराधियों ने बच्चों का अपहरण करने की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई थी। वे बच्चों के परिवार से फिरौती मांगने की तैयारी में थे। लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण उनकी योजना नाकाम हो गई।” अधिकारी ने यह भी बताया कि बच्चों को बरामद करने के बाद उनकी मेडिकल जांच कराई गई और उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया।अपराधियों की पृष्ठभूमिपुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि गिरफ्तार किए गए तीनों अपराधी पहले से ही छोटे-मोटे अपराधों में लिप्त रहे हैं।
इनमें से एक व्यक्ति पहले चोरी के मामले में जेल जा चुका है। इन लोगों ने अपने बिजनेस को शुरू करने के लिए पहले कई जगहों से उधार लेने की कोशिश की थी, लेकिन जब उन्हें कहीं से पैसा नहीं मिला, तो उन्होंने अपहरण की इस जघन्य योजना को अंजाम देने का फैसला किया।पुलिस के मुताबिक, अपराधियों ने बच्चों को टारगेट इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगा कि बच्चों के परिवार आसानी से डर जाएंगे और फिरौती की रकम दे देंगे। अपराधियों ने बच्चों को लखनऊ से लखीमपुर खीरी ले जाकर एक किराए के मकान में छिपा रखा था। इस मकान को उन्होंने पहले से ही किराए पर लिया था ताकि कोई शक न करे।बच्चों की स्थिति और परिजनों की प्रतिक्रियाबच्चों के परिजनों ने पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की जमकर सराहना की। एक बच्चे के पिता ने कहा, “जब हमें पता चला कि हमारा बच्चा गायब है, हमारी दुनिया ही उजड़ गई थी। लेकिन पुलिस ने इतनी जल्दी कार्रवाई की कि हमारा बच्चा सुरक्षित वापस आ गया। हम पुलिस का दिल से धन्यवाद करते हैं।”दूसरे बच्चे की मां ने बताया कि उनके बच्चे को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन वह डर की वजह से अभी भी सहमा हुआ है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करे।”पुलिस की सतर्कता और तकनीक का उपयोगइस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी संसाधनों का उपयोग सराहनीय रहा।
पुलिस ने बच्चों के मोबाइल फोन की लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज, और मुखबिरों की मदद से अपराधियों तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की। लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ने कहा, “हमारी टीम ने दिन-रात मेहनत करके बच्चों को सुरक्षित बरामद किया। यह हमारी प्राथमिकता है कि शहर में हर नागरिक सुरक्षित रहे। हम अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे।”पुलिस ने यह भी बताया कि इस मामले में और भी लोगों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। अगर कोई और व्यक्ति इस साजिश में शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।समाज पर प्रभावइस घटना ने लखनऊ और आसपास के इलाकों में लोगों के बीच डर और चिंता पैदा कर दी है। लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर और सतर्क हो गए हैं। कई अभिभावकों ने कहा कि वे अब अपने बच्चों को अकेले बाहर भेजने से डरते हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि पुलिस गश्त को और बढ़ाया जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।अपराध के कारण और समाधानयह घटना समाज में बढ़ती आर्थिक तंगी और बेरोजगारी की समस्या को भी उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब लोग आर्थिक रूप से परेशान होते हैं, तो वे गलत रास्तों पर चल पड़ते हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा। बेरोजगारी को कम करने, शिक्षा को बढ़ावा देने, और लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की जरूरत है।
