• December 25, 2025

लोकसभा में ‘जी राम जी’ बिल पास: विपक्षी सांसदों ने फाड़ी कॉपियां, भारी हंगामे के बीच मनरेगा युग का अंत!

नई दिल्ली | 18 दिसंबर, 2025

भारतीय संसद के इतिहास में आज का दिन भारी हंगामे, तीखी बयानबाजी और अभूतपूर्व विरोध के गवाह के रूप में दर्ज हो गया। सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के भारी शोर-शराबे और कॉपियां फाड़ने के बीच सरकार ने ‘जी राम जी बिल’ (G-RAM-JI Bill) को लोकसभा से पारित करा लिया। यह विधेयक अब देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना ‘मनरेगा’ (MGNREGA) का स्थान लेगा।

विपक्ष ने इस बिल को ‘गरीब विरोधी’ करार देते हुए इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग की थी, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया।

सदन के अंदर ‘रणक्षेत्र’ जैसा मंजर: जब फटीं बिल की कॉपियां

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, सपा और डीएमके के सांसद ‘वेल’ (अध्यक्ष के आसन के सामने का हिस्सा) में जमा हो गए। विपक्ष का गुस्सा उस समय चरम पर पहुँच गया जब स्पीकर ओम बिरला ने बिल पर मतदान की प्रक्रिया शुरू की।

  • कागज के हवाई जहाज: कुछ विपक्षी सांसदों ने बिल की प्रतियां फाड़ीं और उनके ‘हवाई जहाज’ बनाकर आसन की ओर फेंके।

  • स्पीकर की फटकार: सांसदों के इस व्यवहार पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “देश की जनता ने आपको यहाँ कागज फाड़ने के लिए नहीं भेजा है। पूरा देश आपका यह आचरण देख रहा है। यह लोकतंत्र के मंदिर का अपमान है।”

प्रियंका गांधी का सरकार पर तीखा हमला: “योजना खत्म करने की साजिश”

सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया से बात करते हुए सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह बिल ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ने वाला है।

“जो भी इस बिल को गंभीरता से पढ़ेगा, उसे समझ आ जाएगा कि यह ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को खत्म करने की एक सुनियोजित साजिश है। यह बिल फंडिंग का सारा बोझ उन राज्यों पर डालता है जिनके पास पहले से पैसे की कमी है। मनरेगा देश के सबसे गरीब लोगों का आखिरी सहारा था, सरकार इसे छीन रही है।”

प्रियंका गांधी ने नाम बदलने को लेकर भी सरकार को घेरा और इसे केवल “नाम बदलने का शौक” करार दिया।

शिवराज सिंह चौहान का पलटवार: “भ्रष्टाचार का अड्डा था मनरेगा”

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक का बचाव करते हुए कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसे सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

  • नाम पर राजनीति: चौहान ने कहा, “नाम बदलने का शौक हमें नहीं, विपक्ष को है। कांग्रेस ने तो देश की हर योजना का नाम केवल नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर रखा। हमने बापू का सम्मान करते हुए ‘राम’ का नाम जोड़ा है, जो बापू के भी आदर्श थे।”

  • भ्रष्टाचार पर चोट: उन्होंने दावा किया कि मनरेगा भ्रष्टाचार का जरिया बन चुका था, जहाँ बिचौलिए गरीबों का पैसा खा रहे थे। ‘जी राम जी बिल’ तकनीक और पारदर्शिता के जरिए इस लूट को रोकेगा।

मंत्रियों का मोर्चा: चिराग पासवान और एसपी सिंह बघेल का बयान

सरकार की ओर से अन्य मंत्रियों ने भी विपक्षी आचरण की निंदा की।

  • चिराग पासवान: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष को चर्चा के लिए पूरा समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे केवल फोटो खिंचवाने का अवसर बना लिया। उन्होंने कहा, “गांधी जी का आखिरी शब्द ‘हे राम’ था। अगर हम योजना का नाम ‘राम’ के नाम पर रख रहे हैं, तो इसमें आपत्ति क्या है? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सबसे पुरानी पार्टी सदन में हवाई जहाज उड़ा रही है।”

  • एसपी सिंह बघेल: उन्होंने कहा कि देर रात तक हुई चर्चा के बावजूद विपक्षी सांसदों का कागज फाड़ना उनके अलोकतांत्रिक चेहरे को उजागर करता है।

क्या है ‘जी राम जी’ बिल और विवाद की मुख्य वजह?

विपक्ष और विशेषज्ञों ने बिल के कुछ प्रावधानों पर चिंता जताई है, जो इस प्रकार हैं:

विवाद का बिंदु विपक्ष का तर्क सरकार का जवाब
नाम का बदलाव महात्मा गांधी का नाम हटाना बापू का अपमान है। राम के नाम में ही गांधी का आदर्श समाहित है।
फंडिंग पैटर्न राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा, जिससे योजना ठप होगी। राज्य अपनी जवाबदेही समझेंगे, जिससे भ्रष्टाचार कम होगा।
रोजगार गारंटी कानूनी गारंटी कमजोर होने का डर। 125 दिनों के सुनिश्चित काम का नया पारदर्शी ढांचा।

अब आगे क्या?

लोकसभा से पारित होने के बाद अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा। ऊपरी सदन में संख्याबल को देखते हुए वहां भी तीखी बहस की उम्मीद है। प्रियंका गांधी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि विपक्ष इस लड़ाई को सड़क से लेकर संसद तक जारी रखेगा।

निष्कर्ष: ‘जी राम जी’ बिल के पारित होने से ग्रामीण भारत की सबसे बड़ी कल्याणकारी योजना एक नए स्वरूप में प्रवेश कर रही है। अब देखना यह होगा कि क्या यह नया कानून वास्तव में भ्रष्टाचार को खत्म करेगा या विपक्ष की आशंकाएं सच साबित होंगी।

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