• March 12, 2025

बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक: 16 घंटे से अधिक समय से कब्जे में, सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच लगातार गोलीबारी

12 मार्च 2025 पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के हाईजैक होने को 16 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका है। हालांकि पाकिस्तानी सुरक्षा बल अभी तक बलूच विद्रोहियों के कब्जे से ट्रेन को छुड़ाने में असमर्थ रहे हैं। बोलान की पहाड़ियों के पास सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच भीषण गोलीबारी जारी है। इस दौरान, पाकिस्तानी सेना ने 16 आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया है, जबकि बलूच विद्रोहियों ने 30 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। अब तक 104 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

जाफर एक्सप्रेस पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही थी, जब बलूच विद्रोहियों ने इसे गुडालार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाके में एक सुरंग के पास रोक लिया। विद्रोहियों के कब्जे के बाद, इलाके में भारी गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनाई देने लगीं। इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने एक बयान जारी कर कहा कि बोलान में जाफर एक्सप्रेस पर सवार 214 पाकिस्तानी नागरिक अब भी उनके कब्जे में हैं।

30 सैनिकों की मौत का दावा

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने दावा किया कि उन्होंने 30 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है। इसके अलावा, विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सरकार को बंदियों की अदला-बदली के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। बलूच विद्रोहियों के हमले में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर की भी मौत हो चुकी है।

यात्रियों की सुरक्षा और बचाव कार्य

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, ट्रेन में सवार यात्रियों की संख्या और उनके बचाव की जानकारी सामने आई है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के इकॉनमी क्लास में 235 यात्री सवार थे, जबकि लोअर एसी में 41, एसी बिजनेस क्लास में 24 और एसी स्लीपर में 6 यात्री थे। पहले खबर आई थी कि सुरक्षा बलों ने 80 यात्रियों को बचा लिया है, जिनमें 43 पुरुष, 26 महिलाएं और 11 बच्चे थे। हालांकि, अब तक 104 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।

पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया और संघर्ष जारी

पाकिस्तानी सेना और बलूच विद्रोहियों के बीच संघर्ष अभी भी जारी है, और दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी की आवाजें लगातार आ रही हैं। सुरक्षा बलों का दावा है कि उन्होंने 16 विद्रोहियों को मार गिराया है, लेकिन बलूच विद्रोहियों ने जवाबी हमलों में 30 सैनिकों को मारने का दावा किया है। इस स्थिति के कारण, न सिर्फ पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, बल्कि इस संघर्ष ने पूरे बलूचिस्तान में तनाव को और भी बढ़ा दिया है।

बलूचिस्तान की स्थिति

यह हमला बलूचिस्तान के लिए एक और कड़ा संकेत है, जहां पहले भी विद्रोहियों ने सरकारी ताकतों के खिलाफ संघर्ष किया है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी लंबे समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रही है और यह हमला उसी के तहत देखा जा रहा है। विद्रोहियों की मांग है कि बलूचिस्तान को स्वायत्तता दी जाए और वहां के संसाधनों का सही तरीके से उपयोग किया जाए।

इस हमले से पाकिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं, और देश के भीतर और बाहर इसके प्रभाव पर चर्चा हो रही है। पाकिस्तान की सरकार और सेना इस संकट से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन यह स्थिति अब तक नियंत्रण से बाहर नजर आ रही है।

आगे की दिशा

यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। बलूच विद्रोहियों के द्वारा दी गई 48 घंटे की अल्टीमेटम समय की सीमा खत्म होने के बाद और भी तनाव बढ़ सकता है। यह भी संभावना है कि यदि सरकार विद्रोहियों की मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो हमले और संघर्ष तेज हो सकते हैं।

इस दौरान, पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिक से अधिक यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके और इस संकट का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाए। वहीं, बलूच विद्रोहियों की मांगों और उनकी भविष्यवाणी पर भी ध्यान देना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके।

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