भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह 17 लाख करोड़ के पार: शुद्ध वसूली में 8% का उछाल, कॉर्पोरेट टैक्स से ज्यादा रहा व्यक्तिगत आयकर
नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए राजकोषीय मोर्चे पर एक उत्साहजनक खबर सामने आई है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) के संग्रह में शानदार मजबूती देखी जा रही है। आयकर विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से 17 दिसंबर के बीच शुद्ध प्रत्यक्ष कर वसूली में 8 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है। इस वृद्धि के साथ ही शुद्ध कर संग्रह का आंकड़ा 17.04 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। आंकड़ों का विश्लेषण बताता है कि इस बार व्यक्तिगत आयकर दाताओं (Non-Corporate) ने कॉर्पोरेट जगत को भी पीछे छोड़ दिया है।
कर संग्रह के प्रमुख आंकड़े और रिफंड की स्थिति
आयकर विभाग की ओर से साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष कर संग्रह में तेजी आने का एक बड़ा कारण रिफंड जारी करने की प्रक्रिया का पिछले वर्ष की तुलना में धीमा होना भी है। पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले इस साल रिफंड जारी करने में 14 प्रतिशत की गिरावट आई है। अब तक सरकार ने कुल 2.97 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि रिफंड के तौर पर जारी की है।
अगर रिफंड को समायोजित करने से पहले की स्थिति यानी सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (Gross Direct Tax Collection) को देखें, तो इसमें 4.16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष की शुरुआत से 17 दिसंबर तक कुल सकल संग्रह 20.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि कर अनुपालन और अर्थव्यवस्था की गति में निरंतरता बनी हुई है।
कॉर्पोरेट बनाम गैर-कॉर्पोरेट टैक्स: कौन रहा आगे?
इस साल के कर आंकड़ों का सबसे दिलचस्प पहलू कॉर्पोरेट और गैर-कॉर्पोरेट कर का तुलनात्मक वितरण है। आम तौर पर कॉर्पोरेट जगत की हिस्सेदारी अधिक रहती है, लेकिन इस अवधि में व्यक्तिगत आयकर और अन्य गैर-कॉर्पोरेट करों का पलड़ा भारी रहा है।
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गैर-कॉर्पोरेट कर: व्यक्तिगत आयकर सहित गैर-कॉर्पोरेट क्षेत्र से प्राप्त शुद्ध राजस्व लगभग 8.47 लाख करोड़ रुपये रहा।
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कॉर्पोरेट कर: कंपनियों और व्यापारिक संस्थानों से प्राप्त शुद्ध कॉर्पोरेट कर 8.17 लाख करोड़ रुपये से अधिक दर्ज किया गया।
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एसटीटी (STT): शेयर बाजार में सक्रियता का लाभ भी सरकारी खजाने को मिला है। प्रतिभूति लेनदेन कर यानी एसटीटी से सरकार को अब तक 40,195 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व प्राप्त हुआ है।
भविष्य के लक्ष्य और बजट अनुमान
भारत सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य काफी महत्वाकांक्षी रखा है। बजट अनुमानों के अनुसार, सरकार ने कुल 25.20 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 12.7 प्रतिशत अधिक है।
इसके अलावा, शेयर बाजार के बढ़ते दायरे को देखते हुए सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष के अंत तक केवल प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) से ही 78,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया जा सकेगा। वर्तमान रुझानों को देखते हुए आर्थिक जानकारों का मानना है कि यदि आर्थिक गतिविधियां इसी रफ्तार से चलती रहीं, तो सरकार अपने निर्धारित लक्ष्यों के काफी करीब पहुंच सकती है। कर संग्रह में यह स्थिरता सरकार को बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण की योजनाओं पर खर्च करने के लिए अतिरिक्त राजकोषीय मजबूती प्रदान करेगी।