अधिकारी कार्यशाला के माध्यम से माध्यम से बढ़ाएं जागरूकता : कृषि मंत्री

केंद्रीय उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में उर्वरक की स्थिति पर हुई बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी जुड़े और उन्होंने उर्वरक की स्थिति पर समीक्षा बैठक में अपनी भागीदारी की। मंगलवार को हुई इस बैठक में कृषि के क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों कम से कम उपयोग हो इस पर विस्तार से चर्चा की गई।
मंत्री जोशी ने कहा कि केंद्रीय मनसुख मांडविया से नैनो यूरिया की मांग 50 हजार बोतल की थी उन्होंने 77 हजार बोतल की आपूर्ति की। पेस्टिसाइड का उपयोग कम से कम हो। केंद्र सरकार का प्रयास है कि यूरिया का प्रयोग कम से कम हो। उन्होंने कहा कि शान नैनो यूरिया का अधिक से अधिक प्रयोग करें। मंत्री ने कहा कि पेस्टिसाइड का उपयोग हरिद्वार, उधमसिंह नगर तराई क्षेत्र में अत्यधिक मात्रा में हो रहा है।
कृषि मंत्री जोशी ने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में उर्वरक का अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जा रहा है, वहां पर जाकर कार्यशाला का आयोजन कर किसानों को जागरूक करें। उन्होंने अधिकारियों को इस संदर्भ में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए।
कृषि मंत्री ने कहा प्रदेश कि माह अगस्त, 2023 तक 88000 मै.टन यूरिया मांग के सापेक्ष 92700 मै.टन की आपूर्ति की गयी। फॉस्फेटिक उर्वरकों की 33000 मै.टन मांग के सापेक्ष 20000 मै.टन की आपूर्ति हुई है। वर्तमान में प्रदेश में 12996 मै.टन यूरिया, 10700 मै.टन फॉस्फेटिक उर्वरक उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन में अभी तक 77000 बोतल नैनो- यूरिया की आपूर्ति हो चुकी है। मंत्री ने बताया कि नैनो यूरिया की 37000 बोतल अभी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
बैठक पर सचिव कृषि दीपेंद्र चौधरी, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
