यूपी: प्रदेश के कई जिलों में लू की चेतावनी जारी, 25 जनपदों में पारा 37 डिग्री के पार, डराने वाले हैं ये अलर्ट
लखनऊ, 5 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में लू (हीटवेव) की चेतावनी जारी की है, क्योंकि 25 जनपदों में तापमान 37 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। यह स्थिति न केवल चिंताजनक है, बल्कि आम लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम भी पैदा कर रही है। प्रशासन ने इसको लेकर सतर्कता बरतते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के लिए एक विशेष बुलेटिन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान में और वृद्धि हो सकती है। 25 जिलों में पारा 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया है, जो सामान्य से 3-4 डिग्री अधिक है। इनमें से कुछ जिलों में लू की स्थिति बन रही है, जिसके चलते मौसम विभाग ने येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किए हैं।
उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूपीएसडीएमए) ने भी इस स्थिति को गंभीरता से लिया है। प्रमुख सचिव राजस्व ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे लू और हीटवेव से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां करें और जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएं। खासकर उन जिलों में जहां तापमान सबसे ज्यादा है, वहां विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले
हाल के दिनों में, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तापमान तेजी से बढ़ा है। बांदा, जालौन, महोबा, हमीरपुर, और प्रयागराज जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। बांदा और जालौन में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है, जो इस मौसम में असामान्य रूप से उच्च है। इसके अलावा, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरेया, झांसी, और ललितपुर में भी गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है।
प्रयागराज में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में इस समय के लिए काफी ज्यादा है। हमीरपुर में हाल ही में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था, जो इस साल का अब तक का सबसे उच्च स्तर है। इन जिलों में न केवल दिन का तापमान बढ़ रहा है, बल्कि रातें भी गर्म हो रही हैं, जिससे लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है।

लू का स्वास्थ्य पर प्रभाव
लू की स्थिति तब घोषित की जाती है, जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो या सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो। ऐसी स्थिति में गर्मी से संबंधित बीमारियां जैसे हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, और हीट एग्जॉर्शन का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे, बुजुर्ग, और पहले से बीमार लोग इसकी चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें, क्योंकि इस समय सूरज की किरणें सबसे ज्यादा तेज होती हैं। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने, हल्के रंग के कपड़े पहनने, और सिर को ढककर रखने की सलाह दी गई है।
प्रशासन की तैयारियां
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने लू से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। सार्वजनिक स्थानों पर पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है, और अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए विशेष वार्ड तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही, जागरूकता अभियान के तहत लोगों को लू से बचने के उपायों के बारे में बताया जा रहा है।
प्रमुख सचिव राजस्व ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में स्थिति की निगरानी करें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली और पानी की कमी एक बड़ी समस्या है, वहां विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में बढ़ती गर्मी और लू की घटनाएं जलवायु परिवर्तन का परिणाम हैं। एक अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में गर्मी की लहरें पहले की तुलना में 45 गुना अधिक संभावित हो गई हैं। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दशकों में तापमान के पैटर्न में बदलाव देखा गया है, और गर्मी की तीव्रता और अवधि दोनों बढ़ रही हैं।
प्रदेश के कुछ हिस्सों, खासकर बुंदेलखंड क्षेत्र में, गर्मी का प्रभाव सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। यहां पहले से ही पानी की कमी एक बड़ी समस्या है, और बढ़ती गर्मी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इसके अलावा, गर्मी के कारण फसलों पर भी बुरा असर पड़ रहा है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
लोगों की प्रतिक्रिया
लू की चेतावनी के बाद लोगों में डर का माहौल है। स्थानीय निवासी राम प्रसाद ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से गर्मी असहनीय हो गई है। बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है, और रात को भी ठंडक नहीं मिल रही।” वहीं, एक अन्य निवासी शालिनी देवी ने बताया कि उनके गांव में पानी की कमी के कारण लोग परेशान हैं, और गर्मी ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
