गोरखपुर के कैंट इलाके में पशु तस्करी के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई: मुठभेड़ में सीओ घायल, चार तस्कर गिरफ्तार
गोरखपुर, 29 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के कैंट और चौरीचौरा थाना क्षेत्रों में हाल के दिनों में पशु तस्करी के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। कैंट इलाके के गोलघर और चौरीचौरा में चार पशु तस्करों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, कैंट इलाके में एक अन्य घटना में पशु तस्करों को पकड़ने के लिए पुलिस ने घेराबंदी की थी, जिसके दौरान तस्करों के साथ मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में सर्किल ऑफिसर (सीओ) कैंट को चोट लगी। यह घटना गोरखपुर में पशु तस्करी के बढ़ते मामलों और पुलिस की सख्ती को दर्शाती है।
गोलघर और चौरीचौरा में गिरफ्तारी
पुलिस सूत्रों और स्थानीय समाचारों के अनुसार, पिछले सप्ताह कैंट थाना क्षेत्र के गोलघर इलाके में पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में दो पशु तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से प्रतिबंधित पशु और तस्करी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए गए। इन तस्करों पर उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम, 1955 की धारा 3/5A/8 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत मामला दर्ज किया गया।
इसी तरह, चौरीचौरा थाना क्षेत्र में भी पुलिस ने एक अन्य अभियान में दो पशु तस्करों को गिरफ्तार किया। चौरीचौरा में तस्कर एक ट्रक में प्रतिबंधित पशुओं को ले जा रहे थे, जिन्हें पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान पकड़ा। ट्रक से पांच पशु बरामद किए गए, और तस्करों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई। चौरीचौरा थाना प्रभारी ने बताया, “हम लगातार पशु तस्करी के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। क्षेत्र में ऐसी गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है।”
कैंट में मुठभेड़: सीओ घायल
कैंट थाना क्षेत्र में 25 अप्रैल 2025 को हुई एक अन्य घटना ने पुलिस और प्रशासन का ध्यान खींचा। गुप्त सूचना के आधार पर कैंट पुलिस और स्वाट टीम ने पशु तस्करों को पकड़ने के लिए गोलघर के पास नाकाबंदी की। सूचना थी कि तस्कर एक पिकअप वैन में प्रतिबंधित पशुओं को लेकर बिहार की सीमा की ओर जा रहे थे। जब पुलिस ने वैन को रोकने की कोशिश की, तो तस्करों ने वाहन नहीं रोका और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलीबारी की, जिसके दौरान दो तस्कर घायल हो गए। इस मुठभेड़ में सीओ कैंट, जिनका नाम आधिकारिक तौर पर उजागर नहीं किया गया है, को भी मामूली चोटें आईं। घायल तस्करों को तत्काल बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। सीओ को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से एक देसी पिस्तौल, चार कारतूस, और तस्करी में इस्तेमाल होने वाली वैन बरामद की। इस घटना में कुल तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जबकि एक तस्कर मौके से फरार हो गया। कैंट थाना प्रभारी ने बताया, “मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने संयम बरता और आत्मरक्षा में कार्रवाई की। फरार तस्कर की तलाश के लिए छापेमारी जारी है।”

पशु तस्करी पर पुलिस की सख्ती
गोरखपुर में पशु तस्करी के खिलाफ पुलिस की यह कार्रवाई हाल के महीनों में बढ़ती सख्ती का हिस्सा है। जिले में पशु तस्करी के कई मामले सामने आए हैं, खासकर बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमाओं के पास। पुलिस ने नाकाबंदी, गुप्त सूचनाओं, और स्थानीय लोगों की मदद से तस्करों पर नकेल कसने की रणनीति अपनाई है।
‘एक्स’ पर इस मुठभेड़ को लेकर कई पोस्ट्स वायरल हुईं, जिनमें कुछ यूजर्स ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की, जबकि कुछ ने मुठभेड़ की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, “गोरखपुर पुलिस ने पशु तस्करों को सबक सिखाया। ऐसी कार्रवाई से अपराधियों में डर पैदा होगा।” वहीं, एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “हर बार मुठभेड़ में तस्करों के पैर में गोली लगती है। यह संयोग है या कुछ और?”
सामाजिक और कानूनी प्रभाव
यह मुठभेड़ और गिरफ्तारियां गोरखपुर में पशु तस्करी के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा हैं। उत्तर प्रदेश में गोवध निवारण अधिनियम के तहत पशु तस्करी एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए सात साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। गोरखपुर पुलिस ने इस साल अब तक 20 से अधिक पशु तस्करों को गिरफ्तार किया है और 50 से अधिक प्रतिबंधित पशुओं को मुक्त कराया है।
हालांकि, मुठभेड़ में सीओ के घायल होने ने पुलिस कार्रवाइयों की सुरक्षा और जोखिमों पर भी सवाल उठाए हैं। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच हो ताकि यह सुनिश्चित हो कि कार्रवाई कानून के दायरे में थी।
पिछले मामलों से तुलना
गोरखपुर में पशु तस्करी के खिलाफ मुठभेड़ कोई नई बात नहीं है। सितंबर 2022 में, कुशीनगर जिले में पुलिस मुठभेड़ में दो पशु तस्कर घायल हुए थे, और तीन को गिरफ्तार किया गया था। उस घटना में भी तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग की थी, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की थी। इसी तरह, मिर्जापुर में अप्रैल 2025 में दो पशु तस्करों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिनके खिलाफ कई मामले दर्ज थे।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने मुठभेड़ के बाद कैंट और चौरीचौरा क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। एसएसपी गोरखपुर ने सभी थाना प्रभारियों को पशु तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और सीमावर्ती इलाकों में नाकाबंदी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। फरार तस्कर की तलाश के लिए पुलिस ने विशेष टीमें गठित की हैं, जो सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की मदद से उसका पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।
गोरखपुर पुलिस ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे पशु तस्करी या संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत स्थानीय थाने या हेल्पलाइन नंबर 112 पर दें।
