• October 18, 2025

पिछले तीन संस्करणों से मेजबानों का रहा है प्रभुत्व, भारत ने लिखी थी नई इबारत

 पिछले तीन संस्करणों से मेजबानों का रहा है प्रभुत्व, भारत ने लिखी थी नई इबारत

भारत की मेजबानी में आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप 5 अक्टूबर से शुरु हो रहा है। विश्व कप के पिछले तीन संस्करणों का इतिहास देखा जाए तो मेजबानों का वर्चस्व रहा है और इसकी शुरुआत 2011 में भारत से हुई है। 2011 से पहले मेजबान देशों का उतना अच्छा इतिहास नहीं रहा है, केवल श्रीलंका ने भारत और पाकिस्तान के साथ सह मेजबानी में खिताब जीता था, वो भी श्रीलंकाई टीम ने फाइनल मुकाबला लाहौर में खेला था।

हालांकि वर्ष 2011 से भारत ने पूरी तरह से परिपाटी बदल दी और फिर उसके बाद ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने भी भारत का अनुसरण करते हुए अपनी मेजबानी में विश्व कप का खिताब जीता।

महेन्द्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत ने अपनी मेजबानी में खिताब जीतने की परिपाटी की शुरुआत की। भारतीय टीम ने 28 साल बाद भारत के लिए दूसरा विश्व कप खिताब जीता। 2 अप्रैल 2011 महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के लिए यादगार साबित हुआ, क्योंकि वह अंततः विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे। उन्होंने फाइनल में केवल 18 रन बनाए, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने प्लेयर-ऑफ-द-मैच के साथ भारत को जीत दिलाई थी।

युवराज सिंह ने भी 362 रन और 15 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट जीता, जबकि वह कैंसर से पीड़ित थे।

फाइनल में कप्तान धोनी खुद युवराज सिंह से ऊपर नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने आए, इस बदलाव का फायदा उन्हें मिला और उन्होंने 79 गेंदों में 91 रन बनाकर भारत को दूसरी बार खिताब दिलाया और देश को खुशी से भर दिया।

इसके बाद वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी मेजबानी में पांचवीं बार खिताब जीतकर भारत द्वारा बनाई गई परंपरा को आगे बढ़ाया, ऑस्ट्रेलिया के लिए विश्व कप की शुरुआत सकारात्मक रही जब उन्होंने एमसीजी में अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड को 111 रन से हराया। लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ हार से टीम का उत्साह कम हो गया, इससे पहले कि न्यूजीलैंड ने ईडन पार्क में कम स्कोर वाले रोमांचक मुकाबले में सिर्फ एक विकेट से जीत हासिल की।

हालांकि इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने वापसी की और माइकल क्लार्क की टीम ने मेलबर्न में फाइनल में न्यूजीलैंड की टीम को पहले 183 रन पर ऑलआउट किया और फिर ऑस्ट्रेलिया ने 101 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर खिताब अपने नाम किया।

इसके बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के नक्शेकदम पर चलते हुए 2019 में इंग्लैंड ने भी अपनी मेजबानी में पहला विश्व कप खिताब जीता। वर्ष 2019 से पहले इंग्लैंड ने पहले कभी आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप नहीं जीता था, लेकिन कप्तान इयोन मोर्गन घरेलू धरती पर विश्व कप जीत कर नया इतिहास लिख दिया।

लॉर्ड्स में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया फाइनल मैच रोमांच से भरपूर था, सुपर ओवर के साथ रोमांच के चरम पर पहुंचने से पहले मैच में किसी भी अच्छे एकदिवसीय मुकाबले की तरह उतार-चढ़ाव आया और अंत में इंग्लैंड ने मैच और खिताब जिस तरह से जीता, उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी।

इस बार विश्व कप फिर से भारत की मेजबानी में खेला जा रहा है और भारतीय टीम अपनी ही बनाई गई परंपरा को आगे बढ़ाने की ताक में है, अब देखना ये है कि कप्तान रोहित शर्मा क्या भारत को तीसरा एकदिनी विश्व कप खिताब दिलाकर उस परंपरा को आगे बढ़ाते हैं, या फिर से घरेलू टीम के खिताब न जीतने की कहानी शुरु होती है…

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Rama Niwash Pandey

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