• October 26, 2025

प्रयागराज का भयावह हादसा: जगुआर कार ने रौंदे छह लोग, एक की दर्दनाक मौत; खौफनाक वीडियो ने हिला दिया शहर

दीवाली की रौनक के बीच प्रयागराज के राजरूपपुर में एक जगुआर कार ने सबको स्तब्ध कर दिया। तेज रफ्तार में बेकाबू होकर दौड़ी यह लग्जरी कार ने सड़क पर चल रहे लोगों को रौंद दिया, जिससे एक की जान चली गई और कई घायल हो गए। सीसीटीवी फुटेज में कैद यह खौफनाक मंजर रोंगटे खड़े कर देता है। हादसे के बाद गुस्साई भीड़ ने हंगामा मचा दिया, जबकि आरोपी खुद घायल होकर भागने की कोशिश करता नजर आया। यह घटना न केवल स्थानीय निवासियों को सदमे में डाल रही है, बल्कि सड़क सुरक्षा और अमीरजादों की लापरवाही पर सवाल भी खड़े कर रही है। आखिर क्या था हादसे का कारण? आरोपी कौन है, और पुलिस ने क्या कार्रवाई की? आइए, जानते हैं पूरी खबर क्या है।

हादसे की भयावह शुरुआत

19 अक्टूबर 2025 को रविवार शाम प्रयागराज के राजरूपपुर इलाके में एक जगुआर कार ने दीवाली की खरीदारी में व्यस्त सड़क पर तबाही मचा दी। तेज रफ्तार में बेकाबू हुई कार ने पहले डिवाइडर पर चढ़ाई चढ़ाई, फिर बाइक सवार एक युवक को जोरदार टक्कर मार दी। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि बाइक सवार युवक कई फीट दूर जाकर जा गिरा। इस हादसे में राहगीर इलेक्ट्रीशियन 55 वर्षीय प्रदीप पटेल की मौके पर ही मौत हो गई। कार ने दो कारों, दो बाइकों और एक स्कूटी को भी ठोक दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। चश्मदीदों ने बताया कि कार की स्पीड लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी। पहले चौराहे पर एक स्नैक ठेले को टक्कर मारकर वेंडर और उसके बेटे को घायल किया, फिर सड़क पर चल रहे लोगों को कुचलती चली गई।

आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी

हादसे का आरोपी रचित मध्यान है, जो शहर के प्रतिष्ठित मिठाई कारोबारी कामधेनु स्वीट्स के मालिक वासुदेव मध्यान का बेटा है। एक प्रमुख डॉक्टर का दामाद होने के बावजूद, रचित पर लापरवाही से वाहन चलाने का आरोप है। हादसे के तुरंत बाद वह खुद घायल हो गया और कार में ही बंद हो गया। गुस्साई भीड़ ने कार को तोड़ दिया, लेकिन रचित भागा नहीं। पुलिस को उसे कार से निकालने के लिए गाड़ी तोड़नी पड़ी। पहले उसे स्थानीय कॉल्विन अस्पताल ले जाया गया, फिर SRN अस्पताल और अंत में लखनऊ के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। प्रयागराज पुलिस ने 22 अक्टूबर को लखनऊ के उसी अस्पताल से उसे हिरासत में ले लिया। मेडिकल परीक्षण के बाद रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया।

चश्मदीदों की गवाही और घटनाक्रम

चश्मदीदों ने बताया कि हादसे के समय कार की रफ्तार बेहद तेज थी, जो लगभग 100 किमी/घंटा थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि कार ने पहले चौराहे पर स्नैक ठेले को ठोका, जिसमें वेंडर और उसका बेटा घायल हो गए। फिर यह अनियंत्रित होकर सड़क पर लोगों को रौंदती चली गई। कुल छह लोगों को कुचलने के अलावा, पांच वाहनों को टक्कर मार दी। अफरा-तफरी के बीच रचित ने खुद को कार में बंद कर लिया, जिससे पुलिस को तोड़कर निकालना पड़ा। एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाते समय भीड़ ने हंगामा किया। पुलिस जांच में सीसीटीवी फुटेज ने पूरी घटना को उजागर किया, जिसमें कार का डिवाइडर पर चढ़ना और बाइक सवार को उछालना साफ दिखा। हादसे में प्रदीप पटेल की मौत ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया।

कानूनी कार्रवाई और प्रभाव

प्रयागराज पुलिस ने रचित मध्यान के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने और मौत का कारण बनने का केस दर्ज किया। मंगलवार रात 10:40 बजे रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेशी के बाद कोर्ट ने 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी का आदेश दिया। मेडिकल परीक्षण में नशे की कोई पुष्टि नहीं हुई, लेकिन स्पीड और लापरवाही साबित हो चुकी है। हादसे ने सड़क सुरक्षा पर बहस छेड़ दी है, खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में। स्थानीय निवासियों ने तेज रफ्तार पर सख्ती की मांग की है। घायलों का इलाज जारी है, जबकि मृतक के परिवार को मुआवजे की उम्मीद है। यह घटना अमीरजादों की लापरवाही को आईना दिखाती है, जो आम लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ रही है। पुलिस ने जगुआर कार को जब्त कर जांच पूरी कर ली है।
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Rama Niwash Pandey

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