• October 14, 2025

अयोध्या में ऐतिहासिक क्षण: श्रीराम मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फीट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित

अयोध्या, 29 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर मंगलवार को वैशाख शुक्ल द्वितीया के पावन अवसर पर 42 फीट ऊंचा ध्वज दंड विधि-विधान के साथ स्थापित किया गया। यह ऐतिहासिक घटना श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य में एक और महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिसने करोड़ों राम भक्तों की आस्था और संकल्प को नया बल प्रदान किया। ध्वज दंड की स्थापना प्रभु श्रीराम के पराक्रम और सनातन धर्म की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक मानी जा रही है।
ध्वज दंड स्थापना का विवरण
अमर उजाला और ‘एक्स’ पर उपलब्ध पोस्ट्स के अनुसार, ध्वज दंड की स्थापना प्रक्रिया मंगलवार सुबह 6:30 बजे शुरू हुई और प्रातः 8:00 बजे पूरी हुई। यह कार्य वैदिक मंत्रोच्चार और हवन-पूजन के साथ संपन्न किया गया। भगवान परशुराम की जयंती के दिन यह आयोजन और भी विशेष महत्व रखता था। ध्वज दंड की ऊंचाई 42 फीट है, और इसे मंदिर के मुख्य शिखर पर स्थापित किया गया, जिसकी कुल ऊंचाई (शिखर कलश सहित) 161 फीट है। इस ध्वज दंड के साथ मंदिर का आध्यात्मिक और दृश्यात्मक वैभव और बढ़ गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि ध्वज दंड की स्थापना मंदिर निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “यह ध्वज दंड राम भक्तों की सदियों की तपस्या और संकल्प का प्रतीक है। यह न केवल मंदिर की शोभा बढ़ाएगा, बल्कि प्रभु श्रीराम के आदर्शों को भी नभ में लहराएगा।”
आयोजन की विशेषताएं
  • वैदिक अनुष्ठान: ध्वज दंड की स्थापना के लिए विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया गया, जिसमें वैदिक ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान पूरे किए।
  • ऐतिहासिक महत्व: यह घटना मंदिर के मुख्य शिखर पर 14 अप्रैल 2025 को कलश स्थापना के बाद दूसरा बड़ा कदम है। कलश स्थापना के बाद ध्वज दंड का लगना मंदिर के निर्माण कार्य को पूर्णता की ओर ले जा रहा है।
  • राम भक्तों का उत्साह: ‘एक्स’ पर कई यूजर्स ने इस पल को “अखंड भारत के स्वर्णिम युग का शुभारंभ” करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “रामलला का पराक्रम अब नभ में भी गूंजेगा। जय श्रीराम!”
मंदिर निर्माण की प्रगति
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और अप्रैल 2025 तक लगभग पूरा हो चुका है। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की मूर्तियों की स्थापना मई 2025 में शुरू होगी, और 6 जून 2025 को राम दरबार भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके अलावा, मंदिर परिसर में सात अन्य मंदिरों का निर्माण भी जून 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
मंदिर की सुरक्षा के लिए 4 किलोमीटर लंबी दीवार का निर्माण भी शुरू हो चुका है, जिसे 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है। यह दीवार मंदिर को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करेगी, खासकर हाल ही में मिली सुरक्षा धमकियों के मद्देनजर।
सामाजिक और धार्मिक प्रभाव
ध्वज दंड की स्थापना ने अयोध्या को एक बार फिर वैश्विक ध्यान का केंद्र बना दिया है। 2024 में मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से अयोध्या में 16 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, और 2025 में महाकुंभ के दौरान भी लाखों भक्तों ने रामलला के दर्शन किए। ध्वज दंड की स्थापना ने राम भक्तों में नया उत्साह भरा है, और इसे सनातन धर्म की विजय के रूप में देखा जा रहा है।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा गया, “यह ऐतिहासिक क्षण करोड़ों राम भक्तों की आस्था, तप और प्रतीक्षा का फल है। जय श्रीराम!” यह भावना अयोध्या और पूरे देश में राम भक्तों के बीच गूंज रही है।
आगे की योजनाएं
  • राम दरबार का उद्घाटन: मई 2025 में प्रथम तल पर राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, और हनुमान की मूर्तियों की स्थापना होगी, और जून 2025 में भक्तों के लिए यह हिस्सा खोला जाएगा।
  • सुरक्षा व्यवस्था: मंदिर की सुरक्षा के लिए ड्रोन-रोधी प्रणाली और 4 किलोमीटर की सुरक्षा दीवार का निर्माण तेजी से चल रहा है।
  • पर्यटन और दर्शन: मंदिर में प्रतिदिन 3 लाख श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं, और ट्रस्ट ने दर्शन के समय को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक बढ़ा दिया है ताकि अधिक भक्तों को अवसर मिले।
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Rama Niwash Pandey

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