हिन्दू धर्म व्यापक है और परिवार धर्म का हिस्सा है: शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती
शिवाला स्थित चेतसिंह किला परिसर में चातुर्मास कर रहे कामकोटि पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती से आर्शिवाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है । किला परिसर में शंकराचार्य के आर्शिवचनों से श्रद्धालु आह्लादित हैं। भारत विकास परिषद काशी के सदस्यों ने गुरु वंदन कार्यक्रम में शंकराचार्य स्वामी शंकर विजयेंद्र सरस्वती का वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस दौरान परिषद के सचिव गौरव गुप्ता ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर का रूप माना गया है। ईश्वर भी जब धरती पर अवतरित होते हैं तो गुरु से शिक्षा पाकर अपने आप को धन्य समझते हैं। संस्कृति एवं सेवा सप्ताह के अंतिम पड़ाव में जगतगुरु शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती का दर्शन, सानिध्य एवं आशिर्वाद प्राप्त कर हम सभी के भाग्य उदय हो गए। शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती ने आशीर्वाद स्वरुप कहा कि बड़ी कठिनाई के बाद भारत स्वतंत्र हुआ है। धर्म के लिए प्रचार करना भी स्वतंत्र भारत का उद्देश्य होना चाहिए। जैसा कि हमारे पूर्वजों ने अपनी क्षमता अनुरूप धर्म का विस्तार किया और आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म व्यापक है और परिवार धर्म का हिस्सा है, जिसका आचरण करना चाहिए। काशी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि काशी लघु भारत है और काशी के विकास से ही अन्य तीर्थ स्थलों और तीर्थ स्थलों से प्रदेश व देश का विकास संभव है। गुरु वंदन कार्यक्रम में हरीश वालिया, सुप्रिया जरिया, काजल गौतम, जीवन खन्ना आदि की मौजूदगी रही।



