• October 14, 2025

तेज रफ्तार BMW ने ले ली वित्त मंत्रालय के अफसर की जान, देखें मंजर

दिल्ली, 15 सितम्बर 2025 : राजधानी की सड़कों पर तेज रफ्तार का कहर फिर एक बार बरपा हो गया। रविवार दोपहर धौला कुआं इलाके में एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने बाइक सवार दंपति को जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में वित्त मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर तैनात नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं। घटनास्थल पर फैले खून और क्षतिग्रस्त बाइक व कार का मंजर देखकर लोगों की रूह कांप उठी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन आरोपी महिला और उसके पति अभी फरार हैं।यह हादसा दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर दोपहर करीब 1 बजे हुआ। नवजोत सिंह अपनी पत्नी के साथ बाइक पर सवार होकर जनकपुरी स्थित अपने घर लौट रहे थे। वे गुरुद्वारा बांग्ला साहिब से पूजा करने के बाद घर जा रहे थे। धौला कुआं से राजा गार्डन की ओर जाने वाली सड़क पर मेट्रो पिलर नंबर 67 के पास एक सफेद रंग की बीएमडब्ल्यू कार तेज गति से आ रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार चला रही महिला ने अचानक लेन बदली की और बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि बाइक सड़क पर घसीटते हुए कई मीटर दूर तक चली गई। दंपति सड़क पर गिर पड़े और उनकी बाइक डिवाइडर से टकरा गई।

हादसे के बाद वहां भारी जाम लग गया। सड़क पर खून बहता देख लोग दहशत में आ गए। कुछ लोग मदद के लिए दौड़े, लेकिन हालात इतने खराब थे कि कोई कुछ कर पाया। बताया जाता है कि टक्कर मारने वाली कार भी संभल न सकी और डिवाइडर से टकरा गई। कार में सवार महिला और उसके पति घायल हो गए, लेकिन उन्होंने घायल दंपति को उठाया और टैक्सी बुक की। हैरानी की बात यह है कि दुर्घटनास्थल के पास ही कई बड़े अस्पताल जैसे आईआईटी, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया हैं, लेकिन उन्हें 17-20 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर स्थित न्यू लाइफ अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने नवजोत सिंह को मृत घोषित कर दिया। उनकी पत्नी का इलाज चल रहा है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।नवजोत सिंह के बेटे नवनूर ने अस्पताल पहुंचकर इस मामले पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “मेरे पापा की जान बच जाती अगर उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया जाता। दुर्घटनास्थल से सिर्फ 2-3 किलोमीटर दूर आईआईटी अस्पताल है, लेकिन आरोपी ने जानबूझकर दूर का अस्पताल चुना। शायद उन्हें डर था कि नजदीक ले जाने पर पुलिस तुरंत कार्रवाई कर लेगी।” नवनूर ने बताया कि उन्हें दोपहर 2 बजे के आसपास फोन आया कि उनके माता-पिता का एक्सीडेंट हो गया है।

वे हरि नगर स्थित घर पर थे, जब यह खबर मिली। नवनूर ने पुलिस से मांग की है कि आरोपी पर सख्त कार्रवाई हो और जांच में यह स्पष्ट हो कि अस्पताल क्यों बदला गया।पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। दिल्ली कैंट थाने के अधिकारीयों ने आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि पीसीआर को हादसे के तुरंत बाद तीन कॉल्स आईं, जिनमें जाम और घायलों के बारे में जानकारी दी गई। लेकिन आरोपी दंपति ने खुद ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जिससे शुरुआत में पुलिस को देरी हुई। अब आरोपी महिला और उसके पति की तलाश की जा रही है। वे दोनों अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन पूछताछ के लिए उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। कार की नंबर प्लेट और ड्राइवर की पहचान हो चुकी है।नवजोत सिंह वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी थे।

वे 50 वर्ष के थे और पिछले 25 साल से सरकारी सेवा में थे। मूल रूप से पंजाब के रहने वाले नवजोत सिंह दिल्ली में हरि नगर एक्सटेंशन में परिवार के साथ रहते थे। उनके दो बच्चे हैं – बेटा नवनूर और बेटी। नवजोत सिंह ईमानदार और मेहनती अधिकारी के रूप में जाने जाते थे। वे अक्सर बाइक से ही ऑफिस जाते थे, क्योंकि उन्हें ट्रैफिक से निपटना पसंद था। सहकर्मियों ने बताया कि वे बहुत सादगी पसंद इंसान थे। हादसे की खबर सुनकर मंत्रालय में शोक की लहर दौड़ गई। वित्त मंत्री ने भी शोक व्यक्त किया और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।यह हादसा दिल्ली की सड़कों पर बढ़ती तेज रफ्तार और लापरवाही का एक और उदाहरण है। राजधानी में रोजाना सैकड़ों एक्सीडेंट होते हैं, जिनमें ज्यादातर स्पीडिंग और गलत ड्राइविंग की वजह से। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, रिंग रोड जैसे व्यस्त इलाकों में स्पीड लिमिट 60 किमी प्रति घंटा है, लेकिन कई ड्राइवर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सख्त कानून और जागरूकता अभियान की जरूरत है। इस साल दिल्ली में अब तक 1000 से ज्यादा सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें 300 से अधिक मौतें हुई हैं। नवजोत सिंह का मामला भी इसी चेन का हिस्सा बन गया।घटनास्थल का मंजर बेहद दर्दनाक था। सड़क पर बिखरी बाइक के पार्ट्स, खून के धब्बे और क्षतिग्रस्त कार देखकर राहगीर स्तब्ध रह गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “मैंने देखा कि बाइक सवार जोड़ा गिर पड़ा। कार ड्राइवर ने ब्रेक लगाया, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। लोग चिल्ला रहे थे, लेकिन मदद के लिए एम्बुलेंस आने में समय लग गया।” सोशल मीडिया पर इस हादसे के वीडियो वायरल हो गए हैं, जिनमें जाम और अफरा-तफरी साफ दिख रही है। लोगों ने ट्विटर पर #DelhiBMWAccident जैसे हैशटैग से अपनी प्रतिक्रिया दी है। कई ने सरकार से अपील की है कि अमीर-गरीब का भेदभाव न हो और आरोपी को सजा मिले।परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। नवनूर ने कहा, “मेरे पापा बहुत अच्छे इंसान थे। वे हमेशा परिवार के लिए चिंतित रहते थे। अब मां की हालत भी ठीक नहीं है। हम न्याय चाहते हैं।”

रिश्तेदारों ने बताया कि नवजोत सिंह को बाइक चलाना बहुत पसंद था। वे पर्यावरण के प्रति जागरूक थे और कार कम इस्तेमाल करते थे। अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा। मंत्रालय के अधिकारी परिवार से मिलने पहुंचे।पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि कार चालक शराब के नशे में नहीं थी, लेकिन स्पीड बहुत ज्यादा थी। अनुमान है कि कार 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा तेज चल रही थी। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने इस इलाके में चेकिंग बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और कैमरों की संख्या बढ़ानी चाहिए।यह घटना पूरे देश को झकझोर गई है। एक मेहनती अधिकारी की मौत ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या हमारी सड़कें सुरक्षित हैं? क्या अमीरों की तेज रफ्तार गरीबों की जान लेगी? सरकार को अब कड़े कदम उठाने होंगे। नवजोत सिंह की आत्मा को शांति मिले और उनका परिवार इस दुख से उबर सके, यही कामना है।

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Rama Niwash Pandey

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