मगही साहित्यकार डॉ भरत के निधन पर शोक की लहर

 मगही साहित्यकार डॉ भरत के निधन पर शोक की लहर

नवादा, 19 जून  नवादा जिले के हिसुआ थाने के पचाढ़ा ग्राम के निवासी तथा मगध विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ भरत सिंह के बुधवार को निधन पर नवादा जिले में शोक है। कवियों तथा साहित्यकारों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की ।

उनकी मेधा की चर्चा करते हुए साहित्यकारों ने कहा कि मगही भाषा इतिहास को कंठ पर , मगही साहित्यकारों का नाम जुवान पर , मगही व्याकरण को मनोमस्तिष्क में और मगही प्रेम को दिल में संयोग कर रखने वाले मगध विश्वविद्यालय के मगही विभागाध्यक्ष डॉ भरत सिंह के निधन की खबर वैश्विक स्तर के मगही भाषा भाषियों के लिए असहनीय पीड़ा है । प्रादेशिक भाषा मंडल का एक महत्वपूर्ण सितारा टूट कर गिर गया !! यादों के कई खेप मस्तिष्क में उमड़ने घुमड़ने का सिलसिला जारी है । एक के बाद एक स्मृतियाँ दिमाग के नाजुक तंतुओं से टकराती है और बिना किसी संवाद के बैरंग लौट जाती है । अगर किसी ने दो- चार टूटी फूटी पंक्तियाँ भी मगही में लिख दी तो उसे सशक्त कवि का दर्जा देने में उन्हें कोई गुरेज नहीं था । मगही भाषा आंदोलन के कुरुक्षेत्र में तार्किकता के तीर उनके तरकश का अक्षय भण्डार था ।

मगही साहित्य में स्तरीयता के सवाल पर अक्सर उनसे मेरा भिड़ंत हुआ करता था किन्तु मुझे मालुम था कि डॉ भरत सिंह मगही भाषा में रचनाओं की बाढ़ देखना चाहते हैं । स्तरीयता तो इतिहास खुद ढूंढ लेगा । अगर मैं कहूँ कि डॉ भरत मगही भाषा के गद्य गुरु हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी । मगही भाषा साहित्य को समृद्ध करने का जज्बा उनमें अनोखा था। उनकी पूण्य स्मृतियों को नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि की गई।

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