• December 26, 2025

जयपुर के चौमूं में आधी रात को भारी तनाव: मस्जिद के पास पत्थर हटाने पर विवाद, पुलिस पर पथराव और लाठीचार्ज के बाद इंटरनेट बंद

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के निकटवर्ती चौमूं कस्बे में शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात सांप्रदायिक तनाव की एक गंभीर घटना सामने आई। एक धार्मिक स्थल के निकट सड़क पर पड़े पत्थरों को हटाने की प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर भारी पथराव कर दिया। इस हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इलाके में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।

सड़क से पत्थर हटाने की कार्रवाई के दौरान भड़की हिंसा

मामले की शुरुआत शुक्रवार शाम को हुई जब स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम चौमूं कस्बे में एक मस्जिद परिसर के समीप सड़क किनारे पड़े पत्थरों को हटाने पहुंची थी। बताया जा रहा है कि ये पत्थर लंबे समय से आबादी वाले क्षेत्र में सड़क पर पड़े थे, जिससे आवागमन में भारी असुविधा हो रही थी। संकरी सड़क पर इन पत्थरों की मौजूदगी के कारण आए दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती थी और स्थानीय निवासियों ने इसकी शिकायत भी की थी।

जब जेसीबी और पुलिस बल ने इन पत्थरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की, तो स्थानीय लोगों के एक समूह ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते मौके पर भीड़ जमा हो गई। शुरुआत में पुलिस ने समझाइश की कोशिश की, लेकिन आधी रात के बाद स्थिति अचानक हिंसक हो गई। भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने पुलिस को निशाना बनाकर पत्थरों की बारिश शुरू कर दी। अचानक हुए इस हमले से पुलिस बल में अफरा-तफरी मच गई और कई जवानों को चोटें आईं।

पुलिस का जवाबी एक्शन: लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले

पथराव की तीव्रता को देखते हुए मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने अतिरिक्त जाब्ता मंगवाया। भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया। जब भीड़ फिर भी पीछे नहीं हटी, तो पुलिस को मजबूरन आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। करीब दो से तीन घंटों तक कस्बे के बस स्टैंड और मस्जिद के आसपास के इलाकों में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद ही उपद्रवी गलियों में भागने पर मजबूर हुए। इस संघर्ष के दौरान पुलिस के वाहनों को भी नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं।

आला अधिकारियों ने संभाला मोर्चा, कस्बे में भारी सुरक्षा बल तैनात

चौमूं में तनाव की सूचना मिलते ही जयपुर से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे। स्पेशल ऑपरेशन कमिश्नर राहुल प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर डॉ. राजीव पचार और मनीष अग्रवाल ने घटना स्थल का मुआयना किया और स्वयं कमान संभाली। अधिकारियों ने रात भर कस्बे में गश्त की और स्थानीय प्रबुद्ध लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

शनिवार सुबह तक पूरा चौमूं बस स्टैंड क्षेत्र एक पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। आरएसी (RAC) की टुकड़ियों और जयपुर कमिश्नरेट के भारी पुलिस बल को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि किसी भी असामाजिक तत्व को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी और पत्थरबाजी करने वालों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध और शांति की अपील

सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए और सोशल मीडिया के जरिए किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। जयपुर संभागीय आयुक्त ने एक आदेश जारी कर चौमूं क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। यह प्रतिबंध 26 दिसंबर की सुबह 7 बजे से प्रभावी हो गया है और 27 दिसंबर की सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा।

प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी या वीडियो पर विश्वास न करें और शांति बनाए रखें। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन एहतियातन फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है। दोषियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है और जल्द ही इस मामले में कई गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

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