• October 20, 2024

आम आदमी पार्टी दफ्तर के लिए जमीन आवंटन पर केंद्र 25 जुलाई तक फैसला लेः हाई कोर्ट

 आम आदमी पार्टी दफ्तर के लिए जमीन आवंटन पर केंद्र 25 जुलाई तक फैसला लेः हाई कोर्ट

नई दिल्ली, 16 जुलाई  दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी दफ्तर के लिए जमीन आवंटन की मांग पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को 25 जुलाई तक फैसला लेने का निर्देश दिया है। जस्टिस संजीव नरुला ने मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान आज केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने कोर्ट से इस मामले पर फैसला करने के लिए चार हफ्ते का और समय देने की मांग की। मंत्रालय ने कहा कि इन दिनों सांसदों के आवास के आवंटन की बड़ी समस्या चल रही है। इस पर आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वकील ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि हाई कोर्ट पहले ही छह हफ्ते का समय दे चुका है। ये समय भी कल यानी 17 जुलाई को खत्म हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को 10 अगस्त तक पार्टी दफ्तर खाली करने का समय दिया है। इसके पहले मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राऊज एवेन्यू कोर्ट का दफ्तर खाली करने के लिए 15 जून तक का समय दिया था।

इसके बाद कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। अब चार हफ्ते का और समय नहीं दिया जा सकता है। आप 25 जुलाई तक फैसला कर लीजिए।

पांच जून को इस मामले पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली भाजपा और केंद्रीय भाजपा का अलग-अलग दफ्तर है। वहीं, ऐसी भी पार्टी है जो राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त होती है और उनको भी दिल्ली में दफ्तर मिलता है। आम आदमी पार्टी ने कहा था कि प्लॉट नंबर 23-24 साल 2002 में आवंटित हुआ था और दिल्ली सरकार ने इसको बाद में पार्टी ऑफिस के लिए पार्टी को आवंटित किया।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि आम आदमी पार्टी के दफ्तर के लिए केंद्रीय दिल्ली में कोई भूमि खाली नहीं है। केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने हाई कोर्ट को बताया था कि पहले उसने आम आदमी पार्टी को अपने केंद्रीय दफ्तर के लिए साकेत कोर्ट के पास एक स्थायी दफ्तर अलॉट करने का ऑफर दिया था लेकिन आम आदमी पार्टी ने कोई जवाब नहीं दिया। आम आदमी पार्टी केंद्रीय दिल्ली में खासकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दफ्तर के लिए भूमि की मांग कर रही है, जहां भूमि उपलब्ध नहीं है।

मंत्रालय की दलील का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा था कि उसका एक मंत्री 23-24, राऊज एवेन्यू में अपना आवास खाली कर आम आदमी पार्टी को देना चाहता है। इस पर मंत्रालय ने कहा कि जब तक मंत्री अपना आवास खाली नहीं करते और उनके अधिकार में नहीं आ जाता तब तक वे किसी को आवंटित कैसे कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की याचिका पर 14 अप्रैल को केंद्र को नोटिस जारी किया था। आम आदमी पार्टी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने उसके राऊज एवेन्यू दफ्तर को 15 जून तक खाली करने का आदेश दिया है। ऐसे में उसे अपने दफ्तर के लिए वैकल्पिक भूमि को आवंटित करने का आदेश जारी किया जाए।

आम आदमी पार्टी ने कहा था कि उसे दफ्तर के लिए दिल्ली में एक हजार वर्ग मीटर भूमि पाने का हक है। पार्टी को जब राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल का दर्जा मिला उसके छह महीने के बाद ही उसने भूमि आवंटित करने के लिए आवेदन दिया था लेकिन केंद्र सरकार ने उसके आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कोई भी खाली जगह नहीं है। केंद्र का ऐसा व्यवहार इसलिए है क्योंकि याचिकाकर्ता एक विपक्षी पार्टी है। पार्टी का कहना था कि उसे अपने दफ्तर के लिए केंद्रीय दिल्ली में भूमि आवंटित की जाए।

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