अपमानजनक ट्वीट मामले में तृणमूल सांसद साकेत गोखले पर 50 लाख का जुर्माना

नई दिल्ली, 01 जुलाई । दिल्ली हाई कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता व तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले पर अपमानजनक ट्वीट्स मामले में 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जुर्माने की रकम संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी और उनके पति हरदीप पुरी को भुगतान की जाए। जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने साकेत गोखले को यह भी निर्देश दिया कि वो अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में इस संबंध में अपना माफीनामा प्रकाशित करवाएं।
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले के एक ट्वीट को अपमानजनक बताते हुए लक्ष्मी पुरी ने 2021 में एक याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने 13 जुलाई को साकेत गोखले को निर्देश दिया था कि वे 24 घंटे के अंदर लक्ष्मी पुरी और हरदीप पुरी के खिलाफ किए गए अपमानजनक ट्वीट्स हटाएं। हाई कोर्ट ने ट्विटर को भी निर्देश दिया था कि अगर साकेत गोखले ट्वीट्स नहीं हटाते हैं तो वो उन ट्वीट्स को हटाए। कोर्ट ने साकेत गोखले को निर्देश दिया था कि वे लक्ष्मी पुरी और हरदीप पुरी के खिलाफ कोई ट्वीट नहीं करेंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साकेत गोखले से पूछा था कि आप किसी के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। पुरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि साकेत गोखले ने पुरी से आय का स्रोत पूछते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा था कि गोखले 13 जून, 2021 और 23 जून, 2021 को किए अपने ट्वीट में कहते हैं कि उन्हें पुरी की बेटी का नाम और उसे क्या-क्या दिया गया, ये जानने का मौलिक अधिकार है। गोखले ने ट्वीट में आरोप लगाया था कि पुरी ने केंद्र सरकार की सैलरी से कुछ खरीदा, जिसे वह जानना चाहता है।
मनिंदर सिंह ने कहा था कि जिस प्रकार टीवी एंकर द नेशन वांट्स टू नो (the nation wants to know) बोलते हैं, उसी तरह गोखले ने भी कहा है- आई वांट टू नो। ट्वीट में कहा गया था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जांच करनी चाहिए। वो इस तरीके से व्यवहार करता है, जैसे वो ईडी और सीबीआई से ऊपर हो। उन्होंने ट्वीट किया था कि 2006 में वो डेपुटेशन पर जेनेवा राजदूत थे, जबकि ये गलत है। ट्वीट में कहा गया था कि उस समय उनकी सैलरी साढ़े दस लाख रुपये थी तो डेढ़ करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जेनेवा में कैसे खरीदी। ये काले धन से खरीदा गया। मनिंदर सिंह ने कहा था कि पुरी के पास जो भी संपत्ति है वो सार्वजनिक है। उनकी संपति ढाई मिलियन से घटकर डेढ़ मिलियन तक पहुंच गई है।
मनिंदर सिंह ने कहा था कि जब इसे लेकर साकेत गोखले को लीगल नोटिस भेजा गया तो उसने कहा कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। उन्होंने कहा था कि किसी के बारे में लिखने से पहले उसका पक्ष तो जानना चाहिए। याचिकाकर्ता को चोर-लुटेरा कहा गया। उस ट्वीट के बाद सैकड़ों कमेंट आए। ऐसे में उन्होंने साकेत गोखले को पांच करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर देने का दिशा-निर्देश देने की मांग की थी।
