हरिशयनी एकादशी कल, 22 से पवित्र श्रावण मास की शुरुआत : ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा
सहरसा,16 जुलाई। ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान के संस्थापक पंडित तरुण झा के अनुसार हरिशयनी एकादशी कल बुधवार को मनाई जायेगी एवं 22 जुलाई से पवित्र श्रावण मास की शुरुआत होगी।श्रावण सावन हरियाली,सुंदरता, सकारात्मकता,शुभता और पवित्रता का महीना होता है, जो प्राय: प्रत्येक प्राणी के लिए तृप्ति, तुष्टि, उमंग, उल्लास, प्रसन्नता, नवोन्मेष एवं नवजीवन दृष्टि से भी यह महीना अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस महीने में हिंदुओं के कई प्रमुख तीज-त्योहारों की शुरुआत होती है, जिनमें हरियाली तीज, रक्षा-बन्धन एवं नाग-पंचमी प्रमुख रूप से उल्लेखनीय है।साथ ही भगवान शिवजी को अत्यंत प्रिय होने के कारण इस महीने में उनकी विशेष पूजा आराधना करने का विधान भी शास्त्रोंं में वर्णित है।शिव और सावन के बीच के विशेष संबंधों का प्रमुख आधार पौराणिक कथाओं में वर्णित कल्याणकारी एवं सुष्ठु समुद्र मंथन का प्रसंग भी है।
मान्यता है कि हिन्दू संस्कृति में विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय समुद्र मंथन का कार्य सावन के महीने में ही संपन्न हुआ था। समुद्र मंथन से निकले विष की भयावहता को देखते हुए महाकल्याणी महादेव ने संपूर्ण विश्व को किसी भी प्रकार के अनिष्ट से बचाने हेतु उसे अपने कंठ में धारण कर लिया था।विषपान करने के बाद महादेव का कंठ नीलवर्णी हो गया।जिससे वे ‘नीलकंठ’ कहलाए। विषपान से उत्पन्न ताप को दूर करने तथा भगवान भोलेनाथ को शीतलता प्रदान करने के लिए मेघराज इंद्र ने तो घनघोर वर्षा की। सभी देवी-देवताओं ने भी उन्हें जल अर्पित किया।जिससे भगवान शिव का ताप कम हुआ और उन्हें शांति मिली। मान्यता है कि तबसे ही महादेव का अभिषेक करने की परंपरा प्रारंभ हुई।