राज्यपाल ने अंतर्राष्ट्रीय आलू क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का किया उद्घाटन
लखनऊ : 08 फरवरी, 2025
इस समझौते का उद्देश्य राज्य के आलू उत्पादकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ना और निर्यात प्रक्रिया को सरल एवं प्रभावी बनाना है। इस एम0ओ0यू0 के माध्यम से किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। सम्मेलन में कृषि और उद्यान विशेषज्ञों ने आलू उत्पादन, भंडारण एवं निर्यात में नवाचार पर चर्चा की। वक्ताओं ने आधुनिक तकनीकों, विपणन रणनीतियों और सरकारी योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी।
आनंदीबेन पटेल ने किसानो की समस्याओं पर ज़ोर दिया
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में राज्यपाल जी ने किसानों की समस्याओं के समाधान और उनके आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि आलू उत्पादन, भंडारण और निर्यात से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए हर जिले में इसी प्रकार के सम्मेलन आयोजित किए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।
राज्यपाल जी ने किसानों को ऑर्गेनिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें अपने उत्पादों के लिए सही बाजार और उचित मूल्य की व्यवस्था मिलनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में संबंधित विभाग से संपर्क कर किसानों को ऑर्गेनिक खेती की सुविधाएं दी जाएं। इसके अलावा, उन्होंने कोल्ड स्टोरेज में सोलर एनर्जी की व्यवस्था करने पर जोर दिया ताकि बिजली खर्च कम हो और किसानों को अधिक लाभ मिले। उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में किसानों को आ रही सभी दिक्कतों का तुरंत निवारण किया जाए और इसके लिए नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएं।
राज्यपाल जी ने किसानों से कहा कि वे लक्ष्य निर्धारित करके ऑर्गेनिक खेती करें, क्योंकि वर्तमान में बाजार में दूषित खाद्य पदार्थों की भरमार है, जिससे गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को उनके उत्पादों में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी देने के लिए प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों से जोड़कर प्रशिक्षण दिलाया जाए। इसके अलावा, उन्होंने किसानों को मल्टी स्टोरेज कोल्ड हाउस की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया तथा किसानों को मल्टीपल क्रॉपिंग करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्राइमरी स्कूलों में अक्षय पात्र के माध्यम से बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है, उसी प्रकार आंगनबाड़ी केंद्रों में भी अक्षय पात्र के माध्यम से बच्चों के भोजन की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों को सुझाव दिया कि वे अपने घर के एक कोने में सीजनल ऑर्गेनिक सब्जियां उगाएं और अपने परिवार को स्वस्थ भोजन प्रदान करें।
राज्यपाल जी ने यह भी घोषणा की कि राजभवन में आयोजित तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी के दौरान एक हेल्थ कैंप लगाया गया है, जहां सभी किसान अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा सकते हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि यदि किसी को कोई स्वास्थ्य समस्या हो, तो उसका मुफ्त इलाज कराया जाएगा। राज्यपाल जी ने कहा कि किसानों के उत्थान से ही देश का विकास संभव है, इसलिए सरकार और विभाग को मिलकर उनकी सभी समस्याओं का त्वरित समाधान करना होगा।सम्मेलन में उपस्थित किसानों की विभिन्न समस्याओं से संदर्भित उत्सुकताएं भी शांत की गई, जिसमें महत्वपूर्ण रूप से कोल्ड स्टोर का किराया, प्राकृतिक खेती, आलू के न्यूनतम समर्थन मूल्य, जैविक आलू उत्पादन का प्रशिक्षण आदि पर सवाल जवाब हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन और प्रेरणा से प्रदेश न केवल कृषि बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। उन्होंने इसके लिए राज्यपाल जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विजन के अनुरूप, जब पूरे देश का किसान समृद्ध होगा, तभी राष्ट्र प्रगति करेगा।
उन्होंने कहा कि किसानों की समृद्धि से ही उत्पादन बढ़ेगा और तब ही क्रेता और विक्रेता भी बेहतर कार्य कर पाएंगे। उप मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सात लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती हो रही है और कोल्ड स्टोरेज चेन तैयार करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश शीघ्र ही देश का नंबर एक राज्य बनेगा और भारत, विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनेगा। उन्होंने घोषणा की कि देश और प्रदेश के विकास के लिए जो भी आवश्यक होगा, सरकार हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और आगे भी करती रहेगी।
सम्मेलन के दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री दिनेश प्रताप सिंह ने राजभवन में सम्मेलन आयोजित कराए जाने के लिए राज्यपाल जी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों के सम्मान को बढ़ाना है। श्री सिंह ने कहा कि किसानों से हमारी पहचान है और सरकार कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ वैश्विक बाजार में प्रदेश के कृषकों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री बी0एल0 मीणा, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डॉ0 वी0बी0 द्विवेदी, डी0जी0एम0 एपीडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली डॉ0 सी0बी0 सिंह, आलू उत्पादक संगठन एवं निर्यातक, सहित प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
