• April 23, 2025

गोरखपुर: सपा नेताओं ने अखिलेश यादव की एनएसजी सुरक्षा बहाल करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

गोरखपुर, 22 अप्रैल 2025: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) सुरक्षा बहाल करने की मांग को लेकर गोरखपुर में सपा नेताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। सोमवार को सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम के नेतृत्व में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें अखिलेश यादव की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई गई। इस प्रदर्शन में सपा के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर अखिलेश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
प्रदर्शन और ज्ञापन का विवरण
जियाउल इस्लाम के नेतृत्व में सपा नेताओं ने जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि अखिलेश यादव देश की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और एक लोकप्रिय जननेता हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर हाल के दिनों में कई बार धमकियां मिली हैं, जिनमें सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए खुले तौर पर जान से मारने की धमकियां शामिल हैं। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि अखिलेश यादव को पहले जेड प्लस सुरक्षा के साथ-साथ एनएसजी कवर प्रदान किया गया था, लेकिन गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद उनकी एनएसजी सुरक्षा हटा ली गई।
सपा नेताओं ने ज्ञापन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि अखिलेश यादव की जेड प्लस सुरक्षा के साथ-साथ पूर्व की भांति एनएसजी सुरक्षा तत्काल बहाल की जाए। प्रदर्शन के दौरान जियाउल इस्लाम ने कहा, “अखिलेश यादव केवल समाजवादी पार्टी के नेता हैं, बल्कि देश के एक बड़े वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। केंद्र और यूपी सरकार की उदासीनता चिंताजनक है।”
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता
प्रदर्शन में सपा के कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें प्रवक्ता कीर्तिनिधि पाण्डेय, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, सिंहासन सिंह यादव, राजीव पाण्डेय, साहब अंसारी, हाजी शकील अंसारी, राहुल गुप्ता, अशोक यादव, प्रमोद कुमार यादव, व्यंकटेश्वर नाथ तिवारी, और संतोष कुमार यादव शामिल थे। इन नेताओं ने एक स्वर में अखिलेश यादव की सुरक्षा बहाल करने की मांग को दोहराया और कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो सपा सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगी।
सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता
सपा द्वारा अखिलेश यादव की सुरक्षा को लेकर बार-बार उठाई जा रही मांग का आधार हाल के कुछ घटनाक्रम हैं। पार्टी का कहना है कि करणी सेना और कुछ क्षत्रिय संगठनों द्वारा सपा सांसद रामजी लाल सुमन के एक बयान को लेकर किए गए प्रदर्शन के दौरान अखिलेश यादव के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी और धमकियां दी गई थीं। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें अखिलेश को जान से मारने की धमकी दी गई है। सपा का आरोप है कि यूपी सरकार ने इन धमकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जो उनकी उदासीनता को दर्शाता है।
सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने पहले भी गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अखिलेश की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। पत्र में कहा गया था कि अखिलेश को देश के विभिन्न हिस्सों में पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेना पड़ता है, और मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में उनकी सुरक्षा को और मजबूत करना जरूरी है।
अखिलेश का बयान और सपा की रणनीति
हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम में एक रोचक पहलू यह भी है कि अखिलेश यादव ने हाल ही में अपनी एनएसजी सुरक्षा हटाए जाने पर तंज कसते हुए कहा था कि “एनएसजी सुरक्षा डरपोकों के लिए होती है।” इस बयान के बाद सपा नेताओं द्वारा बार-बार उनकी सुरक्षा की मांग को कुछ राजनीतिक विश्लेषक सपा की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि सपा इस मुद्दे के जरिए केंद्र और यूपी सरकार पर दबाव बनाने के साथ-साथ अखिलेश की छवि को एक निडर और राष्ट्रीय नेता के रूप में मजबूत करना चाहती है।
सपा नेता और पूर्व मंत्री आईपी सिंह ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें अखिलेश यादव अपने ही कार्यकर्ताओं की भीड़ में फंस गए थे। इस वीडियो को आधार बनाकर उन्होंने राहुल गांधी से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाते अखिलेश की सुरक्षा के लिए एनएसजी बहाली की पैरवी करने की अपील की थी।
सरकार पर सवाल
सपा ने इस प्रदर्शन के जरिए केंद्र और यूपी सरकार पर विपक्षी नेताओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। पार्टी का कहना है कि अगर एक पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय नेता की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा? सपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि राजनीतिक मतभेदों के चलते विपक्षी नेताओं की सुरक्षा जानबूझकर कम की जा रही है।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *