• October 15, 2025

सिकंदरा में गाजी मियां की दरगाह पर लहराया भगवा झंडा, वीडियो वायरल; पुलिस बोली- होगी कार्रवाई

प्रयागराज, 7 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में रामनवमी के मौके पर एक विवादास्पद घटना ने सुर्खियां बटोर ली हैं। सिकंदरा इलाके में स्थित गाजी मियां की दरगाह पर कुछ लोगों ने भगवा झंडा लहराया और धार्मिक नारे लगाए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही है।
घटना का विवरण
यह घटना रविवार, 6 अप्रैल 2025 को उस समय हुई, जब रामनवमी के अवसर पर शहर के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक जुलूस निकाले जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोपहर करीब 4 बजे के आसपास 25 से 30 युवकों का एक समूह मोटरसाइकिलों पर सवार होकर सिकंदरा क्षेत्र में सालार मसूद गाजी मियां की दरगाह पर पहुंचा। इनमें से कुछ लोग दरगाह के गेट पर चढ़ गए और भगवा झंडे लहराने लगे। इस दौरान “जय श्री राम” जैसे नारे भी लगाए गए। घटना का वीडियो किसी ने बना लिया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर फैल गया।
जानकारी के मुताबिक, यह समूह “महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच” नामक संगठन से जुड़ा हुआ था। संगठन के एक कथित कार्यकर्ता, महेंद्र प्रताप सिंह, जो खुद को करणी सेना से भी जोड़ते हैं, ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किया। उन्होंने दावा किया कि यह दरगाह “आक्रमण का प्रतीक” है और इसे हटाया जाना चाहिए।
पुलिस का हस्तक्षेप
वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। बहरिया थाना पुलिस और गंगानगर जोन के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) कुलदीप सिंह गुनावत के नेतृत्व में तुरंत एक टीम मौके पर पहुंची। उस समय तक प्रदर्शनकारी वहां से जा चुके थे। डीसीपी गुनावत ने बताया, “कुछ उपद्रवियों ने दरगाह के गेट पर चढ़कर भगवा झंडे लहराए और नारे लगाए। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया। इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है।”
उन्होंने यह भी कहा कि घटनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है, क्योंकि वे इस घटना को रोकने में नाकाम रहे। डीसीपी ने स्पष्ट किया कि गाजी मियां की दरगाह में पांच हैं और यह हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए पूजनीय स्थल है, जहां दोनों समुदाय के लोग चादर चढ़ाते हैं।
संगठन की मांगें
महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच ने इस घटना के बाद प्रयागराज के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा। इसमें उन्होंने दरगाह को “अवैध संरचना” करार देते हुए इसे हटाने और वहां होने वाले साप्ताहिक मेले को बंद करने की मांग की। संगठन ने आरोप लगाया कि यह स्थल पहले शिव मंदिर का हिस्सा था और यहां “जबरन धर्मांतरण” व “काला जादू” जैसी गतिविधियां होती हैं। हालांकि, इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
दरगाह का महत्व
गाजी मियां की दरगाह, जिसे सालार मसूद गाजी की याद में बनाया गया था, एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह माना जाता है कि यह दरगाह मूल रूप से बहराइच जिले में स्थित है, लेकिन प्रयागराज में उनके अनुयायियों ने सौ साल से अधिक समय पहले उनकी स्मृति में इसे बनाया था। दरगाह के केयरटेकर सफदर जावेद ने बताया, “यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग आते हैं। यह शांति और सौहार्द का प्रतीक है। इस तरह की घटनाएं माहौल खराब करने की कोशिश हैं।”
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने इसे “हिंदुत्व की जीत” करार दिया, वहीं कई ने इसे सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाला कृत्य बताया। विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा और इसे कानून-व्यवस्था की नाकामी का उदाहरण बताया। कांग्रेस की मुंबई इकाई ने ट्वीट कर कहा, “क्या इस तरह की हरकतों की वाकई जरूरत है? यह सौहार्द बिगाड़ने की साजिश है।”
जांच और अगला कदम
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Rama Niwash Pandey

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