ड्यूटी से लगातार गैरहाजिर चार डॉक्टर बर्खास्त, डिप्टी सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने जारी किया आदेश
लखनऊ/ 1 अगस्त : उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित रहने वाले चार डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की गई है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इन डॉक्टरों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई 1 अगस्त 2025 को लागू हुई। बर्खास्त किए गए डॉक्टरों में पीलीभीत जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ, जलालाबाद सीएचसी के एक डॉक्टर, कन्नौज मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के सहायक आचार्य, और एक अन्य डॉक्टर शामिल हैं। तीन अन्य डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
बर्खास्तगी की वजह
लगातार अनुपस्थिति: चारों डॉक्टर बिना सूचना के लंबे समय से ड्यूटी से गैरहाजिर थे, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था।
लापरवाही पर सख्ती: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्पष्ट किया कि जन स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा, “लापरवाही और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डॉक्टरों पर सरकारी बॉन्ड नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोप है, जिसके तहत उन्हें पोस्टग्रेजुएट पढ़ाई के दौरान ड्यूटी पर उपस्थित रहना था।
डिप्टी सीएम का सख्त रुख
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को अपनी प्राथमिकता बताया है। उन्होंने कहा, “आमजन को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” पहले भी पाठक ने 26 डॉक्टरों को बर्खास्त करने और 31 अन्य पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए थे।
अन्य कार्रवाइयां
तीन अन्य डॉक्टरों के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू की गई है, और उनकी बर्खास्तगी की संभावना है। हाल ही में सीतापुर सीएचसी में वायरल वीडियो के बाद पाठक ने लेबर रूम में पुरुष कर्मचारियों (डॉक्टरों को छोड़कर) की एंट्री और मोबाइल/कैमरे के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया।
