इमोशनल स्ट्रेस बन सकता है लो ब्लड प्रेशर का कारण, बाबा रामदेव से जानें निगेटिव इमोशंस को कैसे करें कंट्रोल
मजबूरियां चाहे कितनी भी हो लेकिन जिंदगी तो चलते रहने का नाम है। हालात से लड़कर आगे बढ़ना ही जिंदगी है। आपको लग सकता है ये कहना आसान है करना मुश्किल पर, यही जिंदगी है। मिसाल के तौर पर, अहमदाबाद प्लेन हादसे के खौफनाक मंजर को भुलाना आसान नहीं होगा। खासकर उनके लिए जिन्होंने अपनों को खोया है लेकिन आगे तो बढ़ना ही होगा। क्योंकि जाने-अनजाने इस तरह के हादसों का असर दिल और दिमाग पर पड़ता है। भले आप सीधे तौर पर घटना से जुड़े ना भी हों। निगेटिव इमोशन जब हावी हो जाते हैं तो स्ट्रेस-एंग्जायटी-डिप्रेशन कब असर दिखाने लगा, पता भी नहीं चलता। ना सिर्फ ऐसे हादसे जीवन में बहुत सी ऐसी परेशानियां हैं जो इमोशनल स्ट्रेस की वजह बनती हैं जिससे बॉडी में कोर्टिसोल और एड्रेनालाइन हार्मोन का लेवल बढ़ता है।
नतीजतन दिल की धड़कन तेज हो जाती है। इर्रेगुलर हार्ट बीट से ब्लड वेसल्स narrow होने लगती हैं। बॉडी में ब्लड का फ्लो बिगड़ने लगता है जिससे कुछ लोग हाइपरटेंशन, तो कुछ लो ब्लड प्रेशर की गिरफ्त में आ जाते हैं। और इस समय जब आसमान से वैसे ही आग बरस रही है तो और सावधान रहने की जरूरत है। लिए योगगुरु की शरण में चलते हैं। निगेटिव इमोशंस का असर सेहत ना बिगाड़े ब्लड प्रेशर बैलेंस रहे इसके लिए योग करते हैं।
नॉर्मल ब्लड प्रेशर
- 120/80
- हाई ब्लड प्रेशर
- ऊपर वाला – 140+
- नीचे वाला – 90+
- लो ब्लड प्रेशर
- ऊपर वाला – 90-
- नीचे वाला – 60-
लो ब्लड प्रेशर
- 90/60 लो बीपी
- 80/60 जी मिचलाना/ सिर चकराना
- 80/50 बेहोशी/थकान
- 70/50 कमज़ोरी/धुंधलापन
- 60/45 नींद में रहना/उलझन
- 55/35 कोमा और मृत्यु
बीपी रहेगा नॉर्मल – जानिए सीक्रेट
- रेग्युलर वर्कआउट योगाभ्यास ज़रूरी
- वर्कआउट से न्यूरो केमिकल्स निकलते हैं
- एंडोर्फिन केमिकल टेंशन फ्री करता है
- स्ट्रेस दूर होते ही BP नॉर्मल होगा
लो बीपी के लक्षण
- चक्कर
- बेहोशी
- धुंधला दिखना
- उल्टी
- थकान
- कंसंट्रेशन में कमी
- सांस में दिक्कत
बीपी प्रॉब्लम जानलेवा
- तकरीबन 45 करोड़ आबादी को BP प्रॉब्लम
- BP से हर साल करीब 3 लाख मौत
- ब्लड प्रेशर से ब्रेन स्ट्रोक
- हार्ट-किडनी की बीमारी
ब्लड प्रेशर की जांच
- 30 की उम्र से रेगुलर चेकअप
- साल में 2 बार करवाएं जांच
- हाई बीपी में हर हफ्ते जांच
- गंभीर मरीज़ रोज कराएं चेक
- लो बीपी में हर हफ्ते जांच
