बिजली की शेडयूलिंग से होगी सालाना 200 करोड़ की आय : सुक्खू

 बिजली की शेडयूलिंग से होगी सालाना 200 करोड़ की आय : सुक्खू

शिमला, 4 अगस्त  हिमाचल प्रदेश को विद्युत की शेडयूलिंग (निधारण) और बेहतर लेखा प्रबंधन से प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये की आय होगी। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सी.ई.आर.सी.) ने विद्युत उत्पादन केंद्रों के बस बार से मुफ्त विद्युत की शेडयूलिंग और लेखा प्रबंधन को व्यवस्थित करने के लिए एक नई प्रक्रिया को स्वीकृति प्रदान की है। यह प्रक्रिया हिमाचल के लिए 9 अगस्त, 2024 से लागू हो जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा की नई प्रक्रिया के लागू होने के उपरांत प्रदेश को सेंटर सेक्टर की विद्युत परियोजनाओं से अपनी अधिकारिक मुफ्त बिजली के हिस्से को सीधे उत्पादन केंद्र से बस बार आधार पर बेचने का अधिकार प्राप्त होगा, जिससे विद्युत की सटीक शेडयूलिंग और लेखांकन हो पाएगा। सीधे उत्पादन केंद्र से अपने हिस्से की बिजली बेचने से ट्रांसमिशन शुल्क की बचत होगी और अन्य कई तरह के नुकसान भी न्यूनतम होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत उत्पादन केंद्रों के बस बार से मुफ्त विद्युत की शेडयूलिंग और लेखा प्रबंधन से विद्युत का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित होगा। विद्युत परियोजना के कार्यशील होने के उपरांत ट्रांसमिशन शुल्क की अदायगी की जाती है। हिमाचल में अनेक परियोजनाएं दशकों से कार्यशील हैं। इस प्रक्रिया के लागू होने से राजस्व बचत भी होगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आय सृजन के साधनों को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। संसाधनों की बचत और उनके कुशल प्रबंधन के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहे हैं। वित्तीय अनुशासन भी सुनिश्चित किया जा रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है ।

सुक्खू ने कहा कि विद्युत प्रबंधन की इस नई प्रक्रिया के लागू होने से नाथपा झाकडी और रामपुर विद्युत परियोजनाओं में गाद की समस्या आने के दौरान प्रदेश को विद्युत कट का सामना भी नहीं करना पड़ेगा क्योंकि इस दौरान राज्य अपने शेड्यूल को संशोधित नहीं कर सकता है। प्रदेश सरकार इस प्रक्रिया को लागू करने की निरंतर पैरवी कर रही थी। सीईआरसी विनयमन के अनुसार प्रदेश के लिए आवंटित जनरल नेटवर्क एक्सेस 1130 मेगावाट है। इस सीमा के उपरांत हिमाचल प्रदेश अंतर राज्य उत्पादन केंद्रों से विद्युत का शेडयूल नहीं कर सकता है, जिससे विद्युत की कटौती होती है। इस प्रक्रिया के लागू होने से प्रदेश में सुचारू विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

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