राहुल गांधी पर चुनाव आयोग का पलटवार: ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगें, प्रेजेंटेशन का डेटा हमारा नहीं
लखनऊ/ 18 अगस्त 2025: चुनाव आयोग (ECI) ने रविवार को नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों का जवाब दिया। बिना नाम लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन में दिखाया गया डेटा आयोग का नहीं है। उन्होंने राहुल को चुनौती दी कि या तो वे अपने आरोपों के समर्थन में हलफनामा दाखिल करें, या देश से माफी मांगें। आयोग ने स्पष्ट किया कि सात दिन में हलफनामा न मिलने पर आरोपों को निराधार माना जाएगा।
आयोग का सख्त रुख
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ‘वोट चोरी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल लोकतंत्र और मतदाताओं का अपमान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आयोग न पक्ष और न विपक्ष के साथ है; सभी राजनीतिक दल उनके लिए समान हैं। अगर कोई गड़बड़ी है, तो शिकायतकर्ता को कोर्ट में याचिका दायर करनी चाहिए थी। आयोग ने बिना अनुमति मतदाताओं के नाम, फोटो और पहचान सार्वजनिक करने पर भी नाराजगी जताई, इसे निजता का उल्लंघन बताया।
राहुल गांधी के आरोप
राहुल गांधी ने 7 अगस्त को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस और ‘वोट अधिकार यात्रा’ के दौरान कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित छह राज्यों में मतदाता सूची में गड़बड़ी और वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के महादेवपुरा में एक लाख से ज्यादा वोट चोरी हुए और आयोग ने BJP के साथ मिलकर फर्जी और डुप्लीकेट नाम मतदाता सूची में जोड़े। राहुल ने पांच सवाल उठाए: डिजिटल वोटर लिस्ट क्यों नहीं दी जा रही? CCTV और वीडियो सबूत क्यों मिटाए जा रहे हैं? फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी क्यों? विपक्षी नेताओं को धमकाने का कारण? और क्या ECI अब BJP का एजेंट बन चुका है?
आयोग का जवाब
आयोग ने राहुल के आरोपों को भ्रामक और बेबुनियाद करार दिया। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारत में 1951-52 के पहले आम चुनाव से ही ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ का सिद्धांत लागू है। अगर कोई डुप्लीकेट वोटर है, तो सत्यापन प्रक्रिया में उसे हटा दिया जाता है। बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर उठे सवालों पर आयोग ने कहा कि यह पारदर्शी है और सभी दलों को शामिल किया जाता है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में मशीन-पठनीय मतदाता सूची को निजता का उल्लंघन बताया था।
राजनीतिक विवाद और प्रतिक्रियाएं
राहुल गांधी ने औरंगाबाद में जवाब दिया कि वे आयोग की धमकियों से नहीं डरते और वोट चोरी के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र को बचाने की जंग है। दूसरी ओर, BJP समर्थकों ने एक्स पर आयोग के रुख की सराहना की, इसे राहुल के दुष्प्रचार का पर्दाफाश बताया। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि आयोग को राहुल की आपत्तियों पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।
निष्कर्ष
चुनाव आयोग और राहुल गांधी के बीच यह तनातनी लोकतंत्र की पारदर्शिता और मतदाता सूची की प्रक्रिया पर सवाल उठा रही है। आयोग ने अपनी निष्पक्षता पर जोर दिया, जबकि राहुल ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया। अब सवाल यह है कि क्या राहुल हलफनामा दाखिल करेंगे या यह विवाद और गहराएगा। स्रोत: पलपल इंडिया, नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर, एबीपी लाइव, एक्स पोस्ट्स