• December 3, 2025

Eknath Shinde Shiv Sena Crisis: शिवसेना उद्धव गुट ने दिया बड़ा संकेत, 35 MLA टूटेंगे तो किस पार्टी में शामिल होंगे विधायक?

Eknath Shinde Shiv Sena Crisis: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में एक बार फिर बड़ी हलचल मच गई है। बीमारी के बाद राजनीति में लौटे शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने सीधे तौर पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली शिवसेना पर सबसे बड़ा हमला बोला है। राउत ने सनसनीखेज दावा किया है कि शिंदे सेना के 35 विधायक जल्द ही पार्टी से अलग होने वाले हैं, जिससे महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के लिए बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। राउत ने इस दावे को हाल ही में रवींद्र चव्हाण (Ravindra Chavan) को बीजेपी (BJP) प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से भी जोड़ा है, और कहा है कि उनकी नियुक्ति इसी विभाजन के लिए की गई है। साथ ही, उन्होंने राज्य में हो रहे चुनावों में ‘पैसों के भारी इस्तेमाल’ को लेकर भी महायुति सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या यह दावा महाराष्ट्र की राजनीति को फिर से मोड़ देगा? चलिए जानते हैं पूरी खबर क्या है, जानते हैं विस्तार से…

चुनावी संस्कृति पर ‘पैसे के खेल’ का गंभीर आरोप

शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने मीडिया के सामने आते ही महाराष्ट्र (Maharashtra) में हो रहे नगरपालिका (Municipality) और नगर पंचायत (Nagar Panchayat) चुनावों में पैसों के भारी इस्तेमाल को लेकर तीखी आलोचना की है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और महायुति सरकार (Mahayuti Government) की ओर से बड़े पैमाने पर ‘पैसों का खेल’ चल रहा है। राउत ने कहा कि “कल चुनाव है और मंत्री कहते हैं कि 1 तारीख को ‘लक्ष्मी दर्शन’ होगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि पहले कभी महाराष्ट्र में नगरपालिका चुनावों में इतना पैसा नहीं बहाया गया था। अब एक चुनाव के लिए 10-15 करोड़ रुपये का बजट और 5-6 हेलिकॉप्टर लगाए जा रहे हैं। राउत ने इसे सत्ता के तीन दलों की आपसी स्पर्धा बताते हुए कहा कि इस राज्य की चुनावी संस्कृति पूरी तरह नष्ट हो गई है।

शिंदे गुट के 35 विधायकों के टूटने का दावा

सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा भूचाल लाने वाला दावा किया है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले गुट के 35 विधायक जल्द ही पार्टी छोड़ने वाले हैं। यह दावा महायुति के भीतर बढ़ते विवाद के बीच आया है, जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण (Ravindra Chavan) ने कहा था कि उन्हें 2 दिसंबर तक महायुति को बचाए रखना है, जिससे गठबंधन में सब ठीक न होने का संकेत मिला। राउत ने इसे ही आधार बनाते हुए कहा कि रवींद्र चव्हाण को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष इसलिए ही बनाया गया है ताकि वे शिंदे गुट में होने वाले इस विभाजन को मैनेज कर सकें। राउत ने शिंदे सेना को “बीजेपी द्वारा बनाया हुआ” गुट बताते हुए, पैसों के बल पर राजनीति करने को लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया।

बीजेपी पर निशाना और ‘लक्ष्मी दर्शन’ का मुद्दा

एक महीने की बीमारी के बाद वापसी करते हुए संजय राउत (Sanjay Raut) ने शिंदे गुट (Shinde Faction) और बीजेपी (BJP) पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि वह शिंदे की पार्टी को शिवसेना मानने को तैयार नहीं हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या शिंदे शिवसेना और बीजेपी में चुनावी प्रतिस्पर्धा दिख रही है, तो उन्होंने फिर से 35 विधायकों के टूटने का दावा दोहराया। उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण (Ravindra Chavan) की नियुक्ति इसी ‘काम’ के लिए की गई है। राउत ने शिंदे पर तंज कसते हुए कहा कि शिंदे भले ही सोचते हों कि दिल्ली के दो नेता उनके साथ हैं, लेकिन वे (दिल्ली के नेता) किसी के नहीं हैं। उन्होंने चुनाव आयोग (Election Commission) से ‘लक्ष्मी दर्शन’ जैसे बयानों का संज्ञान लेने की मांग की और कहा कि इतने करोड़ रुपये खर्च करके किसके लिए लड़ा जा रहा है, जब खर्च की कोई मर्यादा ही नहीं रह गई है।

गठबंधन की टूट और राजनीतिक अस्थिरता का खतरा

संजय राउत (Sanjay Raut) का यह दावा कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के 35 विधायक टूटेंगे, महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीतिक स्थिरता (Political Stability) के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करता है। हालांकि राउत ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि ये विधायक टूटकर किस पार्टी में शामिल होंगे, लेकिन उनका बयान सीधे तौर पर बीजेपी (BJP) और शिंदे गुट के बीच के आंतरिक समीकरणों पर सवाल उठाता है। यह आरोप लगाया गया है कि बीजेपी, शिंदे गुट को कमजोर करने के लिए रवींद्र चव्हाण (Ravindra Chavan) के नेतृत्व में परदे के पीछे से काम कर रही है। यदि 35 विधायकों के टूटने का दावा सही साबित होता है, तो यह न केवल शिंदे सरकार को संकट में डाल देगा, बल्कि महायुति गठबंधन (Mahayuti Alliance) के भविष्य पर भी प्रश्नचिह्न लगा देगा। फिलहाल, इस दावे को लेकर बीजेपी या शिंदे गुट की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस बयान ने राज्य की राजनीति में हाई अलर्ट पैदा कर दिया है।

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Rama Niwash Pandey

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