सौरभ भारद्वाज के घर ED की रेड: AAP का दावा- PM मोदी के इशारे पर कार्रवाई
26 अगस्त 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर पर छापेमारी की, जिसने सियासी तूफान खड़ा कर दिया। यह कार्रवाई दिल्ली में AAP सरकार के दौरान अस्पताल निर्माण में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई। AAP ने इसे “राजनीतिक साजिश” करार देते हुए दावा किया कि यह छापेमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर उठ रहे सवालों से ध्यान भटकाने के लिए की गई। पार्टी नेताओं, जैसे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आतिशी, ने इसे केंद्र सरकार द्वारा एजेंसियों का दुरुपयोग बताया। दूसरी ओर, बीजेपी ने इसे AAP की भ्रष्ट नीतियों का पर्दाफाश बताया। इस घटना ने दिल्ली की राजनीति में नया तनाव पैदा कर दिया है। आइए इस विवाद को विस्तार से समझें।
26 अगस्त 2025 को ED ने सौरभ भारद्वाज के दिल्ली स्थित आवास सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 13 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत हुई, जो 2018-19 में AAP सरकार द्वारा 24 अस्पतालों के निर्माण के लिए स्वीकृत 5,590 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं से जुड़ी है। आरोप है कि परियोजनाओं में बजट हेरफेर, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और निजी ठेकेदारों के साथ सांठगांठ हुई। दिल्ली के भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने जून में सौरभ भारद्वाज और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ED ने दो निर्माण कंपियों के कार्यालयों पर भी छापे मारे। AAP ने दावा किया कि जिस समय की यह जांच है, उस दौरान सौरभ भारद्वाज मंत्री नहीं थे, इसलिए यह मामला “पूरी तरह फर्जी” है। इस छापेमारी ने दिल्ली में AAP और बीजेपी के बीच सियासी जंग को और तेज कर दिया।
AAP ने ED की छापेमारी को “राजनीतिक बदले” की कार्रवाई करार दिया। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसे “मोदी सरकार द्वारा एजेंसियों का दुरुपयोग” बताया, दावा करते हुए कि AAP को उसकी मुखर आवाज के कारण निशाना बनाया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने कहा कि यह छापेमारी PM मोदी की डिग्री पर देशभर में उठ रहे सवालों से ध्यान हटाने की साजिश है। मनीष सिसोदिया ने भी इसे “फर्जी मामला” बताया, क्योंकि सौरभ उस समय मंत्री नहीं थे। AAP ने दावा किया कि यह कार्रवाई तब हुई, जब एक दिन पहले, 25 अगस्त को, PM मोदी की डिग्री की प्रामाणिकता पर सवाल उठे थे। पार्टी ने इसे सत्येंद्र जैन के मामले से जोड़ा, जिन्हें तीन साल जेल में रखने के बाद CBI/ED ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। AAP का कहना है कि यह छापेमारी उनकी आवाज दबाने की कोशिश है।
बीजेपी का पलटवार और भ्रष्टाचार के आरोप
बीजेपी ने ED की छापेमारी का स्वागत किया और इसे AAP सरकार के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश बताया। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सौरभ भारद्वाज के स्वास्थ्य मंत्री रहते अस्पताल निर्माण और दवाइयों की खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ, जिसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं। बीजेपी नेता मंजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि AAP ने दिल्ली और पंजाब में जनता के धन की लूट की। पार्टी ने दावा किया कि यह छापेमारी अरविंद केजरीवाल सरकार की नाकामी और भ्रष्ट नीतियों को उजागर करती है। बीजेपी ने AAP के डिग्री विवाद के दावों को खारिज करते हुए इसे जनता को गुमराह करने की कोशिश बताया। इस सियासी जंग में बीजेपी ने ED की कार्रवाई को निष्पक्ष जांच का हिस्सा बताया, जबकि AAP ने इसे केंद्र की साजिश करार दिया। यह विवाद दिल्ली की राजनीति में और तनाव पैदा कर रहा है।
सौरभ भारद्वाज के घर ED की छापेमारी ने दिल्ली की राजनीति में नया तूफान ला दिया है। AAP ने इसे केंद्र सरकार की साजिश बताकर अपने समर्थकों को एकजुट करने की कोशिश की, जबकि बीजेपी ने इसे AAP की कथित भ्रष्ट नीतियों का सबूत ठ.hrाया। यह विवाद उस समय हुआ, जब AAP पहले से ही कई नेताओं पर ED और CBI की कार्रवाइयों का सामना कर रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी छापेमारी की निंदा की और इसे PM मोदी की डिग्री पर बहस से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया। इस घटना ने AAP को दिल्ली में अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका दिया, लेकिन बीजेपी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के रूप में प्रचारित कर रही है। आने वाले समय में यह मामला दिल्ली विधानसभा चुनावों को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि दोनों दल इसे अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश करेंगे। इस विवाद ने केंद्र और AAP के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है।
