डोनाल्ड ट्रंप का ऐतिहासिक एलान: नए साल से अमेरिका में लागू होगी दुनिया की सबसे बड़ी कर कटौती
वॉशिंगटन/नॉर्थ कैरोलिना: संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कैरोलिना की एक विशाल जनसभा में देश के आर्थिक भविष्य को लेकर कई बड़े और क्रांतिकारी एलान किए हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की है कि आगामी नए साल से अमेरिकी नागरिकों के लिए इतिहास की सबसे बड़ी कर कटौती (Tax Cut) लागू की जाएगी। उन्होंने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यह कदम न केवल मध्यम वर्ग की जेब में अधिक पैसा पहुँचाएगा, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को एक ऐसे ‘स्वर्ण युग’ (Golden Age) में ले जाएगा, जिसकी कल्पना दशकों से नहीं की गई थी। ट्रंप के इस भाषण को उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के दूसरे चरण की सबसे मजबूत आधारशिला माना जा रहा है।
मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने भाषण में कर सुधारों का खाका खींचते हुए तीन प्रमुख स्तंभों पर जोर दिया। उन्होंने एलान किया कि उनकी नई कर नीति के तहत अब सेवा क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी ‘टिप्स’ (Tips) पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह निर्णय विशेष रूप से होटल, रेस्तरां और पर्यटन उद्योग से जुड़े लाखों कामगारों के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा। इसके अलावा, ट्रंप ने मेहनतकश मजदूरों के लिए ‘ओवरटाइम’ पर लगने वाले टैक्स को भी पूरी तरह खत्म करने का वादा किया है। राष्ट्रपति का मानना है कि जो लोग अधिक मेहनत कर रहे हैं, सरकार को उनकी अतिरिक्त कमाई में हिस्सा नहीं लेना चाहिए।
सबसे महत्वपूर्ण घोषणा देश के बुजुर्गों के लिए रही। ट्रंप ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए सोशल सिक्योरिटी (Social Security) पर लगने वाले टैक्स को समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि हमारे बुजुर्गों ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और निर्माण में लगाया है, और रिटायरमेंट के बाद उनकी पेंशन या सामाजिक सुरक्षा राशि पर टैक्स लगाना उनके साथ अन्याय है। इन कटौतियों के माध्यम से ट्रंप प्रशासन का लक्ष्य अमेरिकी नागरिकों की क्रय शक्ति को बढ़ाना और अर्थव्यवस्था में नकदी के प्रवाह को तेज करना है।
महंगाई पर लगाम और आर्थिक गिरावट का अंत
अपने संबोधन के दौरान ट्रंप ने पिछले चार वर्षों के कार्यकाल को ‘संकट और गिरावट का काल’ करार दिया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब पूरी दुनिया अमेरिका की स्थिति पर हंसती थी, लेकिन अब वह दौर बीत चुका है। राष्ट्रपति ने दावा किया कि पिछले 10 महीनों के भीतर उनकी सरकार ने महंगाई को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि अब मजदूरी में वृद्धि हो रही है और दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है।
ट्रंप ने गर्व से कहा कि ‘अमेरिका वापस आ गया है।’ उन्होंने इसे ‘अमेरिका का गोल्डन एज’ या स्वर्ण युग करार देते हुए कहा कि राष्ट्र अब पहले से कहीं अधिक मजबूत और एकजुट है। उनके अनुसार, देश की सीमाओं को सुरक्षित करना और अवैध घुसपैठ को रोकना भी इस आर्थिक सुधार का एक बड़ा हिस्सा रहा है, क्योंकि सुरक्षित सीमाएं ही एक स्थिर अर्थव्यवस्था की नींव होती हैं। उन्होंने जनता को विश्वास दिलाया कि उनकी मदद से अमेरिका फिर से शक्तिशाली और समृद्ध बनेगा।
ऊर्जा नीति और ‘ड्रिल, बेबी, ड्रिल’ का मिशन
आर्थिक सुधारों के साथ-साथ ट्रंप ने ऊर्जा क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों को प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अमेरिकी ऊर्जा संसाधनों के खिलाफ चल रही ‘कट्टर वामपंथियों’ की मुहिम को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। ट्रंप ने तथाकथित ‘ग्रीन न्यू स्कैम’ को रद्द करने का जिक्र करते हुए इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर एक बोझ बताया। उन्होंने अपने प्रसिद्ध नारे ‘ड्रिल, बेबी, ड्रिल’ (Drill, Baby, Drill) को फिर से दोहराते हुए कहा कि उनके इस आदेश के बाद देश में तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है।
राष्ट्रपति ने दावा किया कि ऊर्जा क्षेत्र में इस आक्रामक रुख के कारण ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिसका सीधा लाभ आम अमेरिकी जनता को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को ऊर्जा के मामले में किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है और वह जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा निर्यातक बनकर उभरेगा। ऊर्जा की कम लागत से न केवल परिवहन सस्ता हुआ है, बल्कि विनिर्माण (Manufacturing) क्षेत्र की लागत में भी कमी आई है।
टैरिफ की नई परिभाषा और घरेलू उद्योगों का संरक्षण
राष्ट्रपति ट्रंप के भाषण का एक दिलचस्प हिस्सा उनका ‘टैरिफ’ (Tariff) के प्रति नजरिया रहा। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि पहले उनका सबसे पसंदीदा शब्द ‘टैरिफ’ हुआ करता था, लेकिन अब करों की नई प्राथमिकताओं के कारण यह उनके पसंदीदा शब्दों की सूची में पांचवें स्थान पर आ गया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि टैरिफ अभी भी अमेरिकी उद्योगों की सुरक्षा के लिए उनका सबसे अचूक हथियार है।
उन्होंने बताया कि अमेरिकी कामगारों के हितों की रक्षा के लिए विदेशी कारों पर 25 प्रतिशत और विदेशी स्टील पर 50 प्रतिशत तक का भारी टैरिफ लगाया गया है। विशेष रूप से नॉर्थ कैरोलिना के स्थानीय फर्नीचर उद्योग को बचाने के लिए उनकी सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। ट्रंप ने जानकारी दी कि फर्नीचर आयात पर 25, 30 और यहाँ तक कि 50 प्रतिशत तक के टैरिफ लागू किए गए हैं ताकि स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाया जा सके और रोजगार के अवसर सुरक्षित रहें।
वैश्विक पटल पर अमेरिका की वापसी का संकल्प
भाषण के समापन पर राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर अपने संकल्प को दोहराया कि वह अमेरिका को महान बनाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। उन्होंने समर्थकों से कहा कि यह लड़ाई केवल उनकी नहीं, बल्कि हर उस अमेरिकी की है जो अपने देश को फिर से शीर्ष पर देखना चाहता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी नीतियों का उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका के सम्मान को पुनः स्थापित करना है।
नॉर्थ कैरोलिना में दिए गए इस भाषण ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रंप प्रशासन आने वाले वर्ष में आक्रामक आर्थिक नीतियों और बड़े कर सुधारों के साथ आगे बढ़ने वाला है। जहां एक ओर ‘टैक्स फ्री टिप्स और सोशल सिक्योरिटी’ जैसे वादों ने आम जनता को उत्साहित किया है, वहीं दूसरी ओर भारी टैरिफ और ऊर्जा नीति ने वैश्विक बाजारों में हलचल पैदा कर दी है। ट्रंप का यह ‘गोल्डन एज’ विजन अब धरातल पर कितना सफल होता है, यह आने वाला नया साल तय करेगा।