दिल्ली का सांसों पर संकट: AQI 300 पार, धुंध की चादर में छिपा खतरा
3 नवंबर 2025, नई दिल्ली: सर्द हवाओं के साथ दिल्ली की हवा ने एक बार फिर जहर घोल दिया। सुबह-सुबह घनी धुंध ने शहर को लपेट लिया, और AQI 300 के पार पहुंच गया। सांस लेना मुश्किल, आंखें जल रही हैं—यह सिर्फ मौसम की मार नहीं, बल्कि प्रदूषण का खतरनाक खेल है। बच्चों की हंसी थम गई, बुजुर्गों की सांसें रुक रही हैं। क्या यह पराली की आग है या वाहनों का धुआं? GRAP के सख्त कदमों के बावजूद हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ की ओर। आइए, इस जहरीली हवा की परतें खोलें, जहां हर सांस एक चेतावनी है।
धुंध की मार: AQI 300 पार, कई इलाकों में 400 के करीब
सुबह 9 बजे CPCB के आंकड़ों ने हिला दिया—दिल्ली का औसत AQI 316, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में। वजीरपुर में 394, बुराड़ी क्रॉसिंग 387, अशोक विहार 373—ये आंकड़े सांसों को दम तोड़ने वाले। पंजाबी बाग 360, चांदनी चौक 359, IGI एयरपोर्ट 293। PM2.5 का स्तर 168 µg/m³—WHO लिमिट 15 से 11 गुना ज्यादा। IMD के मुताबिक, हवा की गति 8 किमी/घंटा से नीचे, प्रदूषक कण फैल नहीं पा रहे। AQI.in ने कहा, यह हवा रोज 7-8 सिगरेट पीने जितनी घातक। मॉनिटरिंग स्टेशन पर स्मॉग की मोटी चादर, विजिबिलिटी 500 मीटर तक घटी। क्या यह रिकॉर्ड तोड़ ‘गंभीर’ दिवस की शुरुआत?
कारणों का जाल: पराली से वाहन उत्सर्जन तक
प्रदूषण की जड़ें गहरी—वाहन उत्सर्जन 18% योगदान, ट्रैफिक जाम में धुआं। पड़ोसी राज्यों से पराली का धुआं 3.5% जोड़ रहा, लेकिन स्थिर हवाएं इसे फंसाए रख रही। DSS रिपोर्ट: जज्जर से 11.2%, रिहायशी स्रोत 4.5%, बाकी 36% बाहर से। PM10 316 µg/m³, PM2.5 189 µg/m³—ये कण फेफड़ों में घुसकर खांसी, जलन पैदा कर रहे। AQEWS ने चेताया, 4 नवंबर तक ‘बहुत खराब’ रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया—मॉनिटरिंग स्टेशन क्यों निष्क्रिय? GRAP-3 लागू, लेकिन BS-III वाहनों पर बैन के बावजूद हवा सुधर नहीं रही। क्या मौसम की स्थिरता ने प्रदूषण को कैद कर लिया?
खतरे की घंटी: बच्चों-बुजुर्गों पर सबसे ज्यादा असर
विशेषज्ञ चेताते हैं—’गंभीर’ AQI से बच्चों के फेफड़े प्रभावित, अस्थमा बढ़ा। बुजुर्गों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक का रिस्क। सांस रोगियों को घर से बाहर न निकलने की सलाह। डॉक्टर: मास्क N95 पहनें, एयर प्यूरीफायर यूज करें। घर के अंदर भी PM2.5 घुस रहा। IMD: न्यूनतम 16.8°C, अधिकतम 30.7°C—कोहरा और धीमी हवाएं प्रदूषण को लटकाए रखेंगी। CM रेखा गुप्ता की मीटिंग में फैसला—ट्रक स्प्रिंकलर्स तैनात। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं, पराली बैन और इलेक्ट्रिक वाहन बढ़ाने से ही राहत। क्या दिल्ली 6-8 हफ्ते ‘लॉकडाउन’ मोड में?