लोकसभा चुनाव पर नहीं पड़ा है बकाया डीए के भुगतान नहीं करने का असर
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के परिणाम पूरे देश की तरह चौंकाने वाले रहे हैं। यहां चुनाव से पहले राज्य सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी और सरकारी कर्मचारियों ने महंगाई भत्ता (डीए) की मांग को लेकर आंदोलन किया था। लग रहा था कि इसका असर लोकसभा चुनाव पर होने वाला है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। राज्य की 42 में से 26 लोकसभा सीटों पर पोस्टल बैलेट यानी सरकारी कर्मचारियों का वोट सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल को ही मिला है। बाकी 16 पर भाजपा ने जीत हासिल की। सरकारी कर्मचारियों के बीच वामपंथी यूनियन का दबदबा है लेकिन लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन में से कोई भी पोस्टल बैलेट में जीत हासिल नहीं कर सका।
इस परिणाम के आधार पर, तृणमूल सरकार कर्मचारी महासंघ का दावा है कि राज्य के अधिकांश सरकारी कर्मचारियों का समर्थन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति है।
पोस्टल बैलेट में तृणमूल उम्मीदवारों ने उलुबेरिया, श्रीरामपुर, मथुरापुर, कोलकाता उत्तर, कोलकाता दक्षिण, कांथी, जयनगर, झाड़ग्राम, जंगीपुर, जादवपुर, हावड़ा, हुगली, घाटाल, डायमंड हार्बर, बोलपुर, बिष्णुपुर, बीरभूम, बशीरहाट, बैरकपुर, बर्दवान-॰दुर्गापुर, बर्दवान पूर्व, बारासात, बांकुड़ा, आसनसोल और दमदम से जीत हासिल की है।
दूसरी ओर, भाजपा ने राणाघाट, रायगंज, पुरुलिया, मालदह उत्तर, मुर्शिदाबाद, मेदिनीपुर, मालदह दक्षिण, कृष्णानगर, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कूचबिहार, बनगांव, अलीपुरद्वार, तमलुक, बालुरघाट और बहरमपुर में जीत हासिल की है।