लखनऊ में सिलेंडर ब्लास्ट से भीषण अग्निकांड: 80 झुग्गियां जलकर राख, लोगों के आशियाने उजड़े
लखनऊ, 28 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के फैजुल्लागंज क्षेत्र में रविवार देर रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब एक गैस सिलेंडर में रिसाव के कारण भीषण आग लग गई। इस अग्निकांड ने देखते ही देखते आसपास की करीब 80 झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे सैकड़ों परिवारों का आशियाना और उनका सारा सामान जलकर राख हो गया। आग की लपटों के बीच सिलेंडरों के फटने की गूंज और लोगों की चीख-पुकार ने पूरे इलाके को दहशत से भर दिया। इस हादसे में कई जानवरों के जलने और कुछ लोगों के मामूली रूप से घायल होने की भी खबर है, हालांकि सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई।
हादसे का मंजर: आग की लपटों ने बुझाया सपनों का चिराग
फैजुल्लागंज के वार्ड नंबर 3 में बसी यह झुग्गी-झोपड़ी बस्ती मुख्य रूप से दिहाड़ी मजदूरों और छोटे-मोटे काम करने वाले परिवारों का ठिकाना थी। रविवार रात करीब 10:30 बजे एक झुग्गी में गैस सिलेंडर से रिसाव होने के कारण आग की छोटी-सी चिंगारी ने कुछ ही मिनटों में विकराल रूप धारण कर लिया। सूखी लकड़ियों, प्लास्टिक और कपड़ों से बनी झुग्गियों ने आग को और भड़का दिया। देखते ही देखते आग ने आसपास की झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया।
स्थानीय निवासी रमेश कुमार, जो इस हादसे का गवाह बने, ने बताया, “हम लोग रात का खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक तेज धमाके की आवाज आई। बाहर निकले तो देखा कि एक झुग्गी से आग की लपटें उठ रही थीं। इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, सिलेंडर फटने की आवाजें आने लगीं। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।”
आग की तीव्रता इतनी थी कि कई झुग्गियों में रखे छोटे-बड़े सिलेंडर एक के बाद एक फटने लगे। इन धमाकों ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग अपनी जान बचाने के लिए चीखते-चिल्लाते हुए खुले मैदान की ओर भागे। कुछ लोग अपने सामान को बचाने की कोशिश में आग की लपटों के बीच फंस गए, लेकिन स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता से उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया।
प्रशासन और दमकल विभाग की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही फैजुल्लागंज थाना पुलिस और दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाने के लिए घंटों मशक्कत की। आग की तीव्रता और बार-बार सिलेंडर फटने की घटनाओं ने दमकल कर्मियों के लिए चुनौती खड़ी कर दी। करीब तीन घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका। इस दौरान पुलिस ने इलाके को खाली करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया, “हमें रात 10:45 बजे के आसपास सूचना मिली थी। हमारी पांच दमकल गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं। आग इतनी तेज थी कि उसे बुझाने में काफी मुश्किल हुई। सिलेंडरों के फटने से स्थिति और जटिल हो गई थी। फिर भी, हमारी टीम ने पूरी कोशिश की और सुबह तक आग को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया।”

लोगों का दर्द: आंखों के सामने जल गया सब कुछ
इस हादसे ने सैकड़ों परिवारों को बेघर कर दिया। जिन लोगों ने सालों की मेहनत से अपने छोटे-छोटे आशियाने बनाए थे, वे आंखों के सामने सब कुछ जलता देख बिलख पड़े। प्रभावित परिवारों में से एक, शांति देवी, जो अपने तीन बच्चों के साथ इस बस्ती में रहती थीं, ने रोते हुए कहा, “हमारे पास जो कुछ भी था, सब जल गया। बच्चों के स्कूल की किताबें, कपड़े, बर्तन, सब कुछ राख हो गया। अब हम कहां जाएंगे, क्या करेंगे?”
इसी तरह, दिहाड़ी मजदूर रामू पासवान ने बताया, “मैं पिछले 10 साल से इस बस्ती में रह रहा था। मेरी पत्नी बीमार है, और मैं मजदूरी करके घर चलाता हूं। हमारे पास जो थोड़ा-बहुत सामान था, वह भी आग में खत्म हो गया। अब हमारे पास न खाने को कुछ है, न रहने को छत।”
हादसे में कई परिवारों के नकदी, जेवर और महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जलकर राख हो गए। कुछ परिवारों ने बताया कि उनके पास बच्चों की पढ़ाई के लिए जमा की गई छोटी-मोटी बचत भी आग की भेंट चढ़ गई।
प्रशासन का रवैया और राहत के प्रयास
हादसे के बाद जिला प्रशासन ने तुरंत प्रभावित परिवारों के लिए राहत कार्य शुरू किए। लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने मौके का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को तत्काल भोजन, पानी, कंबल और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। प्रशासन ने पास के सामुदायिक केंद्र में प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी शिविर स्थापित किया है, जहां उन्हें भोजन और बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
जिलाधिकारी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत पहुंचाना है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े और आश्रय मिले। साथ ही, इस हादसे के कारणों की जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।”
स्थानीय विधायक और सामाजिक संगठनों ने भी प्रभावित परिवारों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। कुछ गैर-सरकारी संगठनों ने कपड़े, बर्तन और बच्चों के लिए स्कूल सामग्री दान करने की घोषणा की है।
आग लगने का कारण और भविष्य की चिंता
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग की शुरुआत एक झुग्गी में गैस सिलेंडर से रिसाव के कारण हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि झुग्गी-झोपड़ियों में असुरक्षित तरीके से सिलेंडरों का उपयोग और बिजली के तारों का अवैध कनेक्शन इस तरह के हादसों का प्रमुख कारण बनता है।
यह पहली बार नहीं है जब लखनऊ में झुग्गी बस्तियों में आग लगने की घटना हुई हो। पिछले सप्ताह ही कृष्णा नगर और सहादतगंज इलाकों में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं, जहां सैकड़ों झुग्गियां जलकर राख हो गई थीं
